मोदी सरकार ने संसद में भूमि अधिग्रहण विधेयक को पारित कराने के लिए सारी शक्ति झोंक रखी है। अलग-अलग मंत्रियों को इसके लिए विपक्ष को राजी करने की जिम्मेदारी सौंप रखी है।
स्मार्ट सिटीज़ से जुड़ी बहुप्रतीक्षित परियोजनाओं पर काम अगले माह से शुरू किया जा सकता है क्योंकि सभी पक्षकारों के साथ विचार-विमर्श की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है।
विवादास्पद भूमि विधेयक को सरकार सोमवार को लोकसभा में विचार के लिए ला सकती है। इसके साथ ही वह इस बारे में सहयोगी दलों, विपक्ष और किसान संगठनों की आपत्तियों को दूर करने के लिए इसमें कुछ संशोधन करने का मन भी बना रही है।
राष्ट्रपति के अभिभाषण पर राज्यसभा में मंगलवार को विपक्ष के एक संशोधन के पारित हो जाने और इस विषय पर सरकार की करारी हार से भले ही केंद्र सरकार को सीधा खतरा न हो मगर इसने इस बात का संकेत तो दे ही दिया है कि बीमा विधेयक, कोयला विधेयक या फिर भूमि अधिग्रहण विधेयकों पर सरकार की राह कतई आसान नहीं होगी।
विपक्ष के भारी विरोध और वॉकआउट के बीच सरकार ने लोकसभा में भूमि अधिग्रहण संशोधन विधेयक पेश कर दिया। लेकिन सरकार इस विधेयक को लेकर कितना अड़ियल रूख अपनायेगी यह अभी साफ नहीं है।
दिल्ली विधानसभा चुनाव मेें बंपर बहुमत हासिल कर चुके अरविंद केजरीवाल ने मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ग्रहण करने से पहले केंद्रीय शहरी विकास मंत्री वैंकेया नायडू से मुलाकात की। इस मुलाकात में उन्होंने दिल्ली की अनाधिकृत बस्तियों को नियमित करने पर विचार विमर्श किया। अनाधिकृत बस्तियों का सवाल केजरीवाल के चुनाव अभियान का एक मुख्य मुद्दा था।