Advertisement

Search Result : "एयर इंडिया एक्सप्रेस"

दिमाग से भारी बोझ उतर गया : साइना

दिमाग से भारी बोझ उतर गया : साइना

पहला इंडिया ओपन सुपर सीरिज खिताब जीतने के बाद राहत महसूस कर रही बैडमिंटन स्टार साइना नेहवाल ने कहा कि उसके दिमाग से बड़ा बोझ उतर गया है क्योंकि यह टूर्नामेंट वह कभी नहीं जीत सकी थी।
अदिति आर्य भारत सुंदरी

अदिति आर्य भारत सुंदरी

दिल्ली की सुंदरी अदिति आर्य ने मुंबई के यशराज स्टूडियो में एक रंगारंग समारोह में एफबीबी फेमिना मिस इंडिया विश्व का 2015 का खिताब जीता। अफरीन राचेयल वाज पहली उपविजेता जबकि वर्तिका सिंह दूसरी उपविजेता रहीं।
फैशन वीक की रजत जयंती

फैशन वीक की रजत जयंती

भारत के नामचीन फैशन डिजायनरों में शुमार रितु कुमार, रोहित बल और सब्यसाची समेत लगभग 25 मशहूर डिजायनर मुंबई में हुए अमेजन इंडिया फैशन वीक के 25वें संस्करण के समापन पर साथ आए।
हाशिमपुरा फैसले के खिलाफ मुखर हुआ क्षोभ

हाशिमपुरा फैसले के खिलाफ मुखर हुआ क्षोभ

हाशिमपुरा फैसले के खिलाफ मुखर हुआ हाशिमपुरा में २८ साल पहले पीएसी द्वारा मारे गए लोगों पर आए अदालती फैसले के खिलाफ गोलबंदी तेज। पीड़ितों के साथ अन्य संगठनों ने बैठकों, प्रदर्शनों का सिलसिला शुरू
कुछ रक्षा उत्पादों का आयात रोकने की तैयारी

कुछ रक्षा उत्पादों का आयात रोकने की तैयारी

रक्षा क्षेत्रा में घरेलू विनिर्माण कार्यों को बढ़ावा देने के लिए रक्षा मंत्री मनोहर पार्रिकर ने आज कहा कि वह जल्दी ही एक नीति लेकर आएंगे जिसके तहत कुछ सामानों के आयात पर प्रतिबंध होगा।
जनता एक्सप्रेस पटरी से उतरी

जनता एक्सप्रेस पटरी से उतरी

देहरादून से वाराणसी जा रही जनता एक्सप्रेस के दो डिब्बे पटरी से उतर जाने के कारण 15 लोगों की मौत हो गई और बड़ी संख्या में लोग घायल हो गए।
जनता एक्सप्रेस बन गई मौत की रेल

जनता एक्सप्रेस बन गई मौत की रेल

उत्तर प्रदेश में रायबरेली के पास जनता एक्सप्रेस के पटरी से उतर जाने पर 31 लोगों की मौत हो गई है और कई लोग गंभीर रूप से घायल हैं। यह ट्रेन देहरादून से वाराणसी जा रही थी।
जज बने गोविंदा

जज बने गोविंदा

फिल्मी सितारों के टीवी पर आने वाले कार्यक्रमों में आने की कड़ी में एक नाम गोविंदा का भी जुड़ गया है। गोविंदा जल्द ही टीवी पर आने वाले नृत्य कार्यक्रम डांस इंडिया डांस में जज की भूमिका में दिखेंगे।
विनोद मेहता का लखनवी अंदाज

विनोद मेहता का लखनवी अंदाज

गिरिलाल जैन के सुस्त युग के ठीक पहले शुरू होने वाले और अर्णब के स्वच्छंद युग में समाप्त होने वाले अपने कॅरियर में विनोद मेहता ने उल्लेखनीय कामयाबी पाई वह भारत की अंग्रेजी पत्रकारिता को एक हलकापन देने के साथ-साथ उसमें गंभीरता भी लाए।