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मीट कंपनी अल-दुआ में 2008 तक निदेशक थे संगीत सोम

मीट कंपनी अल-दुआ में 2008 तक निदेशक थे संगीत सोम

दादरी हत्या मामले की पृष्ठभूमि में गोमांस सेवन के खिलाफ एक कठोर अभियान चलाने वाले तेजतर्रार भाजपा नेता संगीत सोम के बारे में यह बात सामने आई है कि वह खुद हलाल मांस के कारोबार से जुड़ी एक प्रमुख कंपनी के बोर्ड में निदेशक के तौर पर मांस व्यापार से जुड़े हुए थे।
न्यूजX में पीटर-इंद्राणी के कारनामे भी कम रहस्‍यमय नहीं

न्यूजX में पीटर-इंद्राणी के कारनामे भी कम रहस्‍यमय नहीं

पीटर और इंद्राणी मुखर्जी के न्यूज एक्स चैनल से रूखसत लेने से कुछ दिन पहले न्यूज रूम में घबराहट तारीं थी। भारत के इस पहले उच्च परिभाषा वाले खबरिया चैनल की स्थापना मुखर्जी दंपति ने सिलसिलेवार संदिग्ध सौदों के जरिये की थी। हवा में यह बात गूंज रही थी कि न्यूज एक्स का पैसा खत्म हो गया है और उसका प्रसारण बंद होने वाला है।
एंबुलेंस घोटाले में सीबीआई छापा

एंबुलेंस घोटाले में सीबीआई छापा

राजस्थान में कथित एंबुलेंस घोटाले में शनिवार को कंपनी के निदेशकों के ठीकानों पर सीबीआई ने छापेमारी की। इस मामले में दर्ज की गई प्राथमिकी में पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट को भी नामजद किया गया है। इस मामले में आज शनिवार को सीबीआई ने पहली बड़ी छापेमारी की।
भारत ने जीती सस्‍ते आयोडिन नमक के पेटेंट की जंग

भारत ने जीती सस्‍ते आयोडिन नमक के पेटेंट की जंग

यह 21वीं सदी का नमक सत्याग्रह है जिस पर महात्मा गांधी को भी गर्व होता। भारत ने आयोडिन युक्त नमक उत्पादन को लेकर एक दिग्गज बहुराष्ट्रीय कंपनी के खिलाफ पेटेंट की लड़ाई जीत ली है। नमक को लेकर यह लड़ाई भावनगर की एक सरकारी प्रयोगशाला ने जीती और दैनिक उपभोग के आयोडिन युक्त नमक बनाने के पेटेंट का नियंत्रण बहाल कर लिया। इस लड़ाई में बहुराष्ट्रीय कंपनी हिन्दुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड (एचयूएल) को मात मिली।
दक्षिण अफ्रीका के पूर्व कप्तान क्लाइव राइस का निधन

दक्षिण अफ्रीका के पूर्व कप्तान क्लाइव राइस का निधन

पूर्व आलराउंडर और दक्षिण अफ्रीका की अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में वापसी के बाद उसके पहले कप्तान क्लाइव राइस का आज निधन हो गया। वह 66 साल के थे।
प्राइवेट स्‍कूलों का राष्‍ट्रीयकरण क्‍यों जरूरी?

प्राइवेट स्‍कूलों का राष्‍ट्रीयकरण क्‍यों जरूरी?

भारत में निशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा का कानून लागू है। सरकारी कार्यालयों में चाय पहुंचाते बच्चों को देख कर ये बखूबी जाना जा सकता है कि हमारे देश में ये कानून किस तरह लागू है। शिक्षा न तो निशुल्क है और न ही अनिवार्य। निजी विद्यालयों में मोटी फीस वसूलते हैं, सरकारी विद्यालय भी किसी न किसी बहाने कुछ पैसा वसूल ही लेते हैं।
एम्स का चरित्र बदलने की तैयारी, इलाज होगा महंगा

एम्स का चरित्र बदलने की तैयारी, इलाज होगा महंगा

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), यानी भारत के गरीब और आम बीमार आदमी का मक्का-मदीना। देश भर के गरीबों के लिए बड़ी से बड़ी बीमारियों से लड़ने का आखिरी मुकाम। अक्सर यह बड़े नेताओं के इलाज करवाने की वजह से भी चर्चा में रहता है। एक बार फिर इसका चरित्र बदलने की कवायद चल रही है। एक बार फिर इसे रईसों, सुविधा संपन्न बीमारों के लिए चमचमाने की कोशिश हो रही है। यह पूछने की जरूरत नहीं है कि ऐसा आम मरीजों के इलाज और विद्यार्थियों की पढ़ाई के लिए आने वाले पैसे से ही करने की तैयारी है।
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