भारत ने धर्मशाला में एक सम्मेलन में भाग लेने के लिए चीन के एक प्रमुख असंतुष्ट नेता को दिया गया वीजा संभवत: चीन की कड़ी आपत्ति की वजह से रद्द कर दिया है।
घरेलु रसोई गैस (एलपीजी) का आयात बढ़ाकर दोगुना करने की योजना बनाई है भारत सरकार ने। अगले तीन साल में 165 लाख टन एलपीजी मंगाई जाएगी। देश में रसोई गैस की बढ़ती मांग को लेकर आयात का यह लक्ष्य निर्धारित किया गया है। अभी तक पश्चिम एशिया के देशों से एलपीजी का आयात किया जाता रहा है। अब बांग्लादेश और ईरान से अतिरिक्त जरूरत की आपूर्ति होगी।
देश में आधार नामांकन की संख्या कुछ ही दिनों में 100 करोड़ के आंकड़े को लांघ जाएगी। इस उपलब्धि से सरकार की उस योजना को बड़ा बल मिलने की उम्मीद है जिसके तहत वह विभिन्न सामाजिक योजनाओं का लाभ व सब्सिडी लाभान्वितों को सीधे पहुंचाना चाहती है।
दिल्ली के राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय में चल रहे भारत रंग महोत्सव (भारंगम) में होने वाले पाकिस्तानी नाटक एमंग फॉग का आज मंचन होना निर्धारित था लेकिन वीजा मसले के कारण इसे रद्द कर दिया गया है।
एक दौर था जब प्रदेश के किसान नकदी फसल गन्ने को अपनी लाठी मानते थे। सूबे की 124 चीनी मिलें सूरसा के मुंह जैसी खेतों की ओर ताकती रहती थीं और दिन रात गन्ने की ही फरमाईश करती थीं मगर अब यह लाठी जैसे टूट गई है और 'सुरसा’ भी न जाने कहां बिला गई है। प्रदेश में गन्ने की फसल को राजनीति का ऐसा घुन लगा है कि खेत, फसल और किसान सब चौपट हो रहे हैं। आलम यह है कि गन्ना उगाने की लागत सवा तीन सौ रुपए क्विंटल आ रही है मगर किसान को मिल रहे हैं मात्र 280 रुपए। वह भी रुला-रुलाकर।
केंद्र सरकार गन्ने का उचित एवं लाभकारी मूल्य बढ़ाने की बजाय चीनी मिलों को ब्याज मुक्त कर्ज, एक्सपोर्ट ड्यूटी में राहत और एथनॉल पर एक्साइज ड्यूटी में छूट जैसी रियायतें देने वाली केंद्र सरकार ने अब चीनी मिलों को फायदा पहुुंचाने का नया रास्ता निकाला है। अब गन्ना किसानों को सरकार की ओर सीधे सब्सिडी दिए जाने की पहल की जा रही है जो गन्ना किसानों का ध्यान उनके बकाया भुगतान और पिछले कई साल से नहीं बढ़े दाम से हटाने की साजिश है।
रेल से यात्रा करने वाले यात्रियों को दी जाने वाली सब्सिडी की ओर संकेत करते हुए रेलवे ने एक चार्ट जारी किया है। इसमें सेब, फिल्म के टिकट, तेल जैसी रोजाना इस्तेमाल की जाने वाली वस्तुओं के मूल्य की तुलना रेल किराये से की गई है।
सालाना दस लाख रुपये से अधिक आय वाले करदाताओं को अगले महीने से सब्सिडी वाला रसोई गैस सिलेंडर (एलपीजी) नहीं मिलेगा। सरकार ने सब्सिडी में कमी के लिए रियायती दरों पर सिलेंडरों की आपूर्ति सीमित करने का फैसला किया है।