कहते हैं इरादे मजबूत हो तो इंसान के लिए कोई काम कठिन नहीं होता। बारह साल की श्रद्धा शुक्ला ने कुछ ऐसा ही इरादा बनाया है कि वह उफनाती गंगा में 570 किलोमीटर की सफर तय करेगी।
नारी शक्ति की जयकार का अनूठा नजारा आज राष्ट्रपति भवन में देखने को मिला जब रियो ओलंपिक में शानदार प्रदर्शन करने वाली बैडमिंटन खिलाड़ी पी वी सिंधू, पहलवान साक्षी मलिक और जिम्नास्ट दीपा करमाकर को राष्ट्रपति ने राजीव गांधी खेल रत्न से नवाजा। इनके साथ ही निशानेबाज जीतू राय को भी देश का यह सर्वोच्च खेल पुरस्कार प्रदान किया गया।
मैराथन में 42 किलोमीटर दौड़ लगाकर बेहोश हुई महिला खिलाड़ी ओपी जैशा ने कहा है कि एथलीट एसोसिएशन ने न तो रास्ते में पानी का इंतजाम किया, न ही समुचित सुविधाएं जुटाई। यही नहीं एसोसिएशन ने उससे पहले यह भी कहा कि दौड़ के प्रशिक्षक (कोच) ने ही रास्ते में पानी न देने को कहा है। मतलब अपनी लापरवाही, मूर्खता और गड़बड़ियों से पल्ला झाड़कर एसोसिएशन लीपापोती कर रही है।
ब्राजील के रियो में 31 वें आेलंपिक खेलों का रंगारंग समापन हुआ। समारोह ऐतिहासिक मारकाना स्टेडियम में हुआ। भारत एक कांस्य और एक रजत पदक के साथ 67वें स्थान पर रहा, जबकि सबसे अधिक 121 पदक के साथ अमेरिका शीर्ष पर रहा।
भारतीय खिलाड़ी ओपी जैशा ने रियो ओलंपिक में महिला मैराथन स्पर्धा को याद करते हुए कहा कि मैं वहां मर सकती थी क्योंकि उन्हें अधिकारियों द्वारा पानी और एनर्जी डिंक मुहैया नहीं कराया गया जबकि भारत को निर्धारित स्टेशन दिये गये थे।
रियो ओलंपिक से लौटी भारतीय एथलीट सुधा सिंह को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है। रियो दि जिनेरियो से लौटने के बाद उनका बेंग्लुरू के एक निजी अस्पताल में इलाज चल रहा है। उनके जीका वायरस से पीडि़त होने का संदेह है।
रियो ओलंपिक में भारत को अभी तक कांस्य और रजत की कामयाबी हासिल हुई है। पहलवान योगेश्वर दत्त रविवार शाम को क्या देश को सुनहरी कामयाबी दिला पाएंगे। इस पर समूचे देश की निगाहें टिकी हुई हैं।
रियो में भारत की आखिरी उम्मीद पहलवान योगेश्वर दत्त से थी, जिनका मुकाबला 65 किग्रा भारवर्ग के क्वालिफाइंग राउंड में मंगोलिया के पहलवान मंदाखनारन गैंजोरिग से हुआ और गैंजोरिंग ने उन्हें 0-3 से हरा दिया। इस तरह रियो में भारत की आखिरी उम्मीद टूट गई। देश को ओलंपिक में दो पदक महिला शक्ति की वजह से मिले।
रियो ओलंपिक के जिमनास्टिक स्पर्धा में चौथे स्थान पर रहने वाली भारतीय जिम्नास्ट दीपा करमाकर शनिवार को भारत लौट आईं। स्वदेश पहुंचने पर एयरपोर्ट पर उनका भव्य स्वागत किया गया। दीपा ने वादा किया कि अगले ओलंपिक खेलों में वह जरूर पदक लेकर लौटेंगी।
जब बात अनुशासन की आती है तो भारत के दिग्गज बैडमिंटन कोच पुलेला गोपीचंद कोई समझौता नहीं करते और यही वजह रही कि उन्होंने पिछले तीन महीने से पी.वी. सिंधु को फोन से दूर रखा और रियो पहुंचने पर इस रजत पदक विजेता शटलर को आईसक्रीम भी नहीं खाने दी।