शोध कंपनी आईडीसी के मुताबिक ग्राहक मांग कमजोर रहने के चलते वर्ष 2016 में डेस्कटॉप कंप्यूटरों पर्सनल कंप्यूटर की बिक्री पिछले साल के मुकाबले 15.2 प्रतिशत कम रही।
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली एक बार फिर शर्मसार हुई है। दिल दहला देने वाली एक घटना में एक युवक ने सरेराह एक लड़की की बेरहमी से चाकू से गोदकर हत्या कर दी। सबसे हतप्रभ करने वाली बात ये रही कि घटना के समय वहां से गुजर रहे लोग बस देखते रहे और कोई भी लड़की को बचाने के लिए आगे नहीं आया।
वेस्टर्न केन्टकी विश्वविद्यालय के 60 में से कम से कम 25 भारतीय स्नातक छात्रों से पहले सेमेस्टर के बाद कंप्यूटर विज्ञान की अपनी पढाई छोड़ने को कहा गया है। विश्वविद्यालय के अनुसार ये छात्र उसके प्रवेश मानकों को पूरा नहीं करते। मीडिया में आज आई एक खबर में यह जानकारी मिली है।
एक ओर जहां क्षेत्रीय नेता प्योंगयांग के परमाणु हथियार कार्यक्रम के खतरे पर चर्चा करने के लिए वाशिंगटन में एकत्र हुए हैं, वहीं दूसरी ओर दक्षिण कोरिया के अधिकारियों ने आरोप लगाया है कि उत्तर कोरिया ने आज अपने पूर्वी तट के पास से एक और छोटी दूरी की मिसाइल दागी है।
राजीव गांधी की कंप्यूटर क्रांति या नरेन्द्र मोदी-राहुल गांधी की डिजिटल क्रांति से दिख रही प्रगति को सलाम ही किया जाएगा। हां, राजीव युग में बदलाव के साथ नए-पुराने लोगों और टेक्नोलॉजी का समन्वय था। मोदीजी की डिजिटल क्रांति में सब कुछ बदला हुआ दिखना जरूरी है।
उत्तर प्रदेश के सभी पुलिस स्टेशनों पर जल्द ही गूगल पर पिछले तीन सालों का ब्योरा दर्ज होगा और अगले माह की पहली अप्रैल से अब प्रिवेंटिव पुलिसिंग के लिए गूगल का सहारा लिया जाएगा।
कंप्यूटर प्रणालियों पर हद से अधिक निर्भरता कितनी नुकसानदेह हो सकती है यह शायद दुनिया के सबसे विकसित देश अमेरिका को अब समझ में आए। दरअसल कंप्यूटर प्रणाली में गड़बड़ होने के कारण पूरी दुनिया में अमेरिका की वीजा जारी करने की प्रक्रिया बाधित हो गई है।
बीते पचास से भी ज्यादा वर्ष से शायरी और फिल्मी गीत लिख रहे गुलज़ार वैसे तो आधुनिक पीढ़ी के साथ लगातार तालमेल बिठाते रहे हैं लेकिन उनका कहना है कि वह कलम से कागज पर लिखने की अपनी पुरानी आदत नहीं बदल सकते।
ये आंकड़ा हर किसी को पता है कि इस देश में 1995 से अब तक साढ़े तीन लाख किसानों-खेतिहर मजदूरों ने आत्महत्या की है। दैनिक औसत निकालें तो 50 लोग हर रोज जान दे रहे हैं। 20 साल में देश की सत्ता और सिस्टम इन मौतों के जिम्मेदारों की शिनाख्त नहीं कर पा रही है। चूंकि, शिनाख्त नहीं हुई इसलिए आगे की कार्रवाई की भी जरूरत नहीं। एक खेल चल रहा है जिसमें राजनीतिक दल एक-दूसरे को निशाना बना रहे हैं। उनका ध्यान समस्या ओर उसके समाधान पर नहीं है, बल्कि खुद को दूसरों से उजला, ईमानदार और संवेदनशील दिखाने पर है। ऐसे में कोई गजेंद्र मरे तो मरता रहे, उनकी बला से।
सत्यम घाटोले के सभी 10 आरोपियों को हैदराबाद की विशेष सीबीआई कोर्ट ने दोषी करार दे दिया है। यह घोटाला 7 जनवरी 2009 को समाने आया था। तत्कालीन अध्यक्ष बी रामालिंगा राजू पर हेरा-फेरी का आरोप लगाया गया था।