पर्यटन स्थलों पर पर्यटकों द्वारा कचरा फैलाए जाने से केंद्र की भाजपानीत सरकार के पर्यावरण मंत्री अनिल माधव दवे खासे नाराज हैं। उन्होंने आज इस पर कड़ी नाराजगी जताते हुए कहा कि लोग पर्यटनस्थलों पर जाते हैं और वहां कचरा फैलाकर आ जाते हैं।
घरों के शौचालयों और रसोईघर से निकलने वाले जैविक अपशिष्टयुक्त घरेलू कचरे ऊर्जा का एक स्रोत सिद्ध हो सकते हैं और वैज्ञानिकों ने कहा है कि भूखे बैक्टीरिया का इस्तेमाल कर इससे ऊर्जा पैदा की जा सकती है।
किराये के अलावा अन्य स्रोतों से आय अर्जित करने की योजना पर काम कर रही भारतीय रेल पूरे देश में स्टेशनों पर पैदा होने वाले कचरे को बेचने के प्रस्ताव पर काम कर रही है।
देश में 2020 तक 52 लाख टन ई-कचरा पैदा होने का अनुमान है। अभी यह 18 लाख टन के स्तर पर है। एक अध्ययन में यह अनुमान लगाया गया है। दुनिया में भारत पांचवां सबसे बड़ा ई-कचरा उत्पादक है। एसोचैम-सीकाइनेटिक्स के अध्ययन में कहा गया है कि भारत का ई-कचरा सालाना 30 प्रतिशत की दर से बढ़ रहा है।
सरकार ने शहरी इलाकों में ठोस कचरे से बनी खाद की बिक्री पर 1,500 रुपये प्रति टन की मदद को आज मंजूरी दे दी। किसान इस खाद का इस्तेमाल जैविक उर्वरक के रूप में कर सकते हैं। केंद्रीय उर्वरक मंत्री अनंत कुमार ने संवाददाताओं को यह जानकारी दी। इस बाजार विकास सहायता से किसानों के लिए कंपोस्ट खाद की खुदरा कीमत में कमी आने की उम्मीद है।
कचरे पर कोई हाथ नहीं डालना चाहता...और बात बेहद रेडियोधर्मी कचरे की हो तब तो बिल्कुल नहीं। फिर भी भारतीय परमाणु विज्ञानियों ने इस काम को अपने हाथ में लेते हुए दुनिया में पहली बार परमाणु उर्जा संयंत्रों से निकलने वाले कचरे से रेडियोधर्मी तत्व सीजियम की एक एेसी दुर्लभ किस्म विकसित की है।