मणिपुर में भाजपा नीत सरकार ने आज विधानसभा में विश्वास मत जीत लिया है। 60 सदस्यीय विधान सभा में एन बीरेन सिंह की सरकार के पक्ष में 32 और विपक्ष में 27 वोट पड़े।
योगी आदित्यनाथ के उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बनने के साथ ही कौन होगा उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री वाक्य का रोमांच खत्म हो गया। घोर हिंदुत्ववादी छवि वाले आदित्यनाथ को मुख्यमंत्री बना कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने जताने की कोशिश की है कि अब देश में जातीय गणित के दिन लद गए हैं।
उत्तराखंड में मुख्यमंत्री का नाम तय हो जाने के बाद अब यह साफ हो गया है कि केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री नहीं बनेंगे। कारण साफ है कि दोनों प्रदेशों के बीच जातीय समीकरण बैठाना। उत्तराख्ांड में भाजपा ने त्रिवेंद्र रावत के नाम पर मुहर लगा दी है। रावत राजपूत जाति से आते हैं और राजनाथ भी राजपूत हैं। ऐसे में एक बात साफ हो गई है कि उत्तर प्रदेश की कमान किसी और के हाथ में होगी। सूत्रों पर भरोसा करें तो केंद्रीय रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा का नाम उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के तौर पर सबसे आगे चल रहा है।
झारखंड भाजपा के प्रभारी त्रिवेंद्र सिंह रावत उत्तराखंड के मुख्यमंत्री होंगे। वे 18 मार्च को शपथ लेंगे। विधायकों की बैठक में उन्हें विधायक दल का नेता चुना जाएगा। देहरादून की डोईवाला विधानसभा सीट से इस बार उन्होंने कांग्रेस के सीनियर लीडर हीरा सिंह बिष्ट को 24,869 वोटों से हराया है। वह उत्तराखंड में कृषि मंत्री रह चुके हैं।
एन बीरेन सिंह ने आज मणिपुर के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। उन्हें इंफाल में राज्यपाल नजमा हेपतुल्ला ने शपथ दिलाई। यह पहला मौका है जब राज्य में भाजपा की सरकार बनी है। उनके साथ आठ अन्य मंत्रियों ने भी शपथ ली। शपथ ग्रहण समारोह में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और केंद्रीय मंत्री वेंकैया नायडू को भी भाग लेना था पर विमान के इंजन में आई गड़बड़ी के कारण उन्हें वापस दिल्ली लौटना पड़ा।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी को विधानसभाओं के चुनाव में ऐतिहासिक विजय अवश्य मिली है, लेकिन इससे सामान्य जनता की अपेक्षाएं भी बढ़ गई हैं।
मणिपुर के मुख्यमंत्राी ओ इबोबी सिंह ने राज्य में नयी सरकार के गठन की प्रक्रिया का रास्ता बनाने के लिए अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। हाल ही राज्य विधानसभा के लिए हुए चुनाव में किसी भी पाटीर्टी स्पष्ट बहुमत नहीं मिला है।
मनोहर पर्रिकर की गोवा वापसी का रास्ता साफ हो गया है। उनके गोवा जाने के बाद नए रक्षा मंत्री की नियुक्ति पर कवायद होने लगी है। यदि गोवा में स्पष्ट बहुमत आता तो बात और थी। लेकिन जोड़ तोड़ के लिए विधायकों के आने की शर्त इस पर है कि पर्रिकर यदि मुख्यमंत्री की कमान संभाले तो वे साथ आएंगे। ऐसे में कई हथियार सौदे और रक्षा खरीद की प्रक्रिया को सरल बनाने वाले रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर की जगह कौन लेगा।
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में शर्मनाक पराजय के बाद समाजवादी पार्टी के मुखिया अपने बेटे अखिलेश यादव का बचाव करते हुए सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव ने कहा कि हार के लिए कोई जिम्मेदार नहीं है।