विश्वविद्यालय से चीनी मिट्टी कला में स्नातक करने के साथ ही जापान के 96 वर्षीय एक व्यक्ति विश्व के सबसे अधिक उम्र में स्नातक करने वाले व्यक्ति बन गये हैं।
प्रख्यात इतिहासकार रोमिला थापर और शिक्षाविद दीपक नैयर सहित जेएनयू के दस प्रोफेसर एमिरेट्स ने विश्वविद्यालय के कुलपति जगदीश कुमार को पत्र लिखा है। शिक्षाविदों ने जेएनयू प्रशासन पर 9 फरवरी को हुए विवादास्पद कार्यक्रम के सिलसिले में छात्रों को कड़ा दंड देकर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर कुठाराघात करने का आरोप लगाया है।
वामपंथी विचारधारा से जुड़े माने जाने वाले इतिहासकारों रोमिला थापर, इरफान हबीब और अमर फारूकी का मानना है कि भगत सिंह को क्रांतिकारी आतंकवादी लिखने की वजह से दिल्ली विश्वविद्यालय द्वारा एक पुस्तक की बिक्री पर रोक लगाना दुनिया के सामने इस अनभिज्ञता को प्रदर्शित करना है कि शहीदों ने उनके लिए इस शब्द का इस्तेमाल किया था।
केरल के कोट्टायम में ताझाथानगेडी में अपनी वास्तुकला और काष्ठ कला के लिए प्रसिद्ध एक हजार साल पुरानी मस्जिद ने मुस्लिम महिलाओं के लिए अपने दरवाजे खोल दिए हैं।
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र के बोर्ड को नया प्रमुख मिल गया है। केंद्रीय संस्कृति मंत्री महेश शर्मा ने इस पद के लिए वरिष्ठ पत्रकार राम बहादुर राय के नाम की घोषणा की। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि इसे राजनैतिक उठापटक के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने शुक्रवार को धर्मनिरपेक्षता को जिंदा रखने की जोरदार वकालत करते हुए कहा कि कुछ नौजवानों की नारेबाजी से नहीं बल्कि सत्ता में बैठे लोगों की ओर से विवाद पैदा करने से देश टूटता है।
हैदराबाद विश्वविद्यालय के एक दलित छात्र की आत्महत्या के विरोध में जाने-माने लेखक अशोक वाजपेयी ने विश्वविद्यालय से उन्हें प्रदान की गई डी. लिट की उपाधी लौटाने का एलान किया है। वाजपेयी ने यह फैसला विश्वविद्यालय प्रशासन के दलित विरोधी रवैये के विरोध में लिया है जिसकी वजह से रविवार की रात रोहित वेमुला नाम के एक दलित छात्र को आत्महत्या करने पर मजबूर होना पड़ा।
अशोक स्तंभ का जो स्वरुप हमारा राष्ट्रीय चिह्न है, वह अशोक स्तंभ का वास्तविक स्वरुप नहीं है। दरअसल असल अशोक स्तंभ में एक चक्र ऊपर भी था जिसमें 32 तीलियां थीं। जब अशोक स्तंभ को राष्ट्रीय चिह्न के तौर पर अपनाया जा रहा था तब एक सांसद ने इस ओर नेहरू का ध्यान आकृष्ट भी कराया लेकिन उन्होंने इसकी अनदेखी कर दी थी।
सालों से भारत में रहकर अपनी कला से लोगों के दिलों पर छा जाने वाले पाकिस्तानी गायक अदनान सामी अब भारतीय नागरिक हो जाएंगे। भारत सरकार ने सामी के अनुरोध पर देश की नागरिकता प्रदान कर दी है। सामी को 1 जनवरी 2016 से भारतीय नागरिकता प्रदान की गई है।