हजरत अमीर खुसरो की लिखी रुदार ए शिरीन एक ऐसी स्त्री की जीवन गाथा है जिसमें वह अपनी पहचान और अस्तित्व ढूंढने की कोशिश करती है। इसे संगीतमय रूप में दिल्ली घराने की महिला कलाकारों ने प्रस्तुत किया है। रुदार ए शिरीन यानी शिरीन की कहानी की मंच पर संगीतमय प्रस्तुति को दर्शकों ने खूब सराहा।
केंद्र सरकार ने धर्म आधारित जनगणना के आंकड़े जारी कर दिए लेकिन अभी जाति आधारित जनगणना के नतीजे नहीं जारी हुए। जबकि कई राजनीतिक दल जाति आधारित जनगणना के आंकड़े जारी करने की मांग कर रहे हैं।
वर्ष 2002 में गोधरा कांड के बाद भड़के दंगों को लेकर नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली गुजरात सरकार पर सवाल उठाने वाले आईपीएस अधिकारी संजीव भट्ट को पुलिस सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है। केंद्र सरकार के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए संजीव भट्ट ने कहा कि वह 24 साल की उम्र में एक जुनून के साथ आईपीएस में आए थे और यह आग आज भी उनके अंदर जल रही है। उनका कहना है कि सरकार ने ड्यूटी से गैर-हाजिर रहने के मनगढ़ंत आरोपों पर एकतरफा जांच कर उन्हें सेवा से हटाने का फैसला किया है। सरकार के इस फैसले के खिलाफ संजीव भट्ट ने एक कविता के जरिये अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। इस अंग्रेजी कविता का अनुवाद इस प्रकार है:
दो काव्य-संग्रह, नदी के पार नदी (2002), नेशनल पब्लिशिंग हाउस, नई दिल्ली, मैं सड़क हूं (2011), बोधि प्रकाशन, जयपुर से प्रकाशित। देश की सभी महत्वपूर्ण पत्र-पत्रिकाओं में कविताएं,आलेख,समीक्षाएं प्रकाशित। कुछ संपादित संग्रहों में कविताओं का चयन। हिंदी समय, (महात्मा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय, वर्धा) पर काव्य संग्रह' मैं सड़क हूं' की ई पुस्तक सहित कई कविताएं शामिल। कुछ कहानियां/लघु-कथाएं प्रकाशित। दूरदर्शन/आकाशवाणी से कविताओं/कहानियों का प्रसारण।
अरुणाचल प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री रहे और केंद्र की नरसिम्हा राव की सरकार में मंत्री रहे पी के थुंगन को आज दिल्ली की एक अदालत ने चार साल के कैद की सजा सुनाई। अदालत ने थुंगन को कैद की सजा देने के अलावा उन पर 10,000 रूपए का जुर्माना भी लगाया।
सिलिकॉन वैली की मशहूर महिला कार्यकारी, भारतीय मूल की पद्मश्री वारियर ने वैश्विक कंपनी सिस्को से मुख्य प्रौद्योगिकी अधिकारी के पद से इस्तीफा दे दिया है। ऐसा उन्होंने कंपनी में शीर्ष प्रबंधन में भारी फेर-बदल के बीच किया।
कई विवादों और खराब प्रदर्शन के बीच डोएच्च बैंक के सह-मुख्य कार्यकारी अंशु जैन ने इस्तीफा दे दिया है। उनके इस कदम के बाद जर्मनी के सबसे बड़े बैंक के भविष्य को लेकर भी सवाल उठने लगे हैं।