शांति देवी जिन्होंने फसल बोने के नाम पर बैंक से 1 लाख रुपये कर्ज लिया था, लेकिन इनको जो ऋणमाफी का प्रमाण पत्र दिया गया है, उसमें 10.36 रुपये का कर्ज माफ है।
एक तरफ तो यह नीतियां किसान को कर्जदार बनाती है, तो वहीं दूसरी ओर किसानों को कम समर्थन मूल्य और खुले बाजार को ताकत देकर किसानों को ऐसी स्थिति में पंहुचाती है, जहां वे ब्याज तो छोड़िये, मूलधन भी चुकाने की स्थिति में नहीं रह जाते हैं।
किसान आंदोलन की ताप से मध्य प्रदेश में सत्ता वापसी की आस लगाए बैठी कांग्रेस पार्टी में 'सीएम प्राजेक्ट' को लेकर रस्साकशी का दौर शुरू हो चुका है। बीते दिनों कांग्रेस के दिग्गजों ने जो दांव खेला है, वह थोड़ा चौकाता जरूर है, लेकिन अप्रत्याशित नहीं है।
बीमा आग्रह की विषयवस्तु है इसे खरीदने से पहले कृपया बिक्री पुस्तिका को ध्यानपूर्वक पढ़ें। इंश्योरेंस रेगुलेटरी ऐंड डेवलपमेंट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (आइआरडीएआइ) के इस विज्ञापन को हम सभी ने हजारों बार पढ़ा, सुना या देखा होगा। लेकिन क्या आप जानते हैं? एक बीमा ऐसा भी है जिसके मामले में खरीदार के पास बिक्री दस्तावेज को देखने की बात तो दूर, उसे उस कंपनी की भी कोई जानकारी नहीं होती, जिसका बीमा वह खरीद रहा है।
राजधानी दिल्ली के जंतर-मंतर पर किसान मुक्ति संसद में आत्महत्या कर चुके महाराष्ट्र के किसानों के बच्चों ने अपनी पीड़ा को एक नाटक के जरिए सबके सामने रखा।
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी बुधवार को राजस्थान में ‘किसान आक्रोश आंदोलन’ की शुरुआत करेंगे। इस आंदोलन के जरिए कांग्रेस पार्टी पूरे देश में हो रही किसानों की खुदकुशी का मुद्दा उठाएगी, यह आंदोलन पूरे देश में चलेगा।
मध्यप्रदेश के मंदसौर से दिल्ली पहुंची किसान मुक्ति यात्रा ने मंगलवार को जंतर-मंतर पर किसान मुक्ति संसद का आयोजन किया, जिसमें किसानों को फसल का लाभकारी मूल्य दिलाने और कर्ज मुक्ति के मुद्दे पर लड़ाई जारी रखने की घोषणा की गई। देश के विभिन्न हिस्सों से आए किसानों की आवाज संसद में भी बुलंद करने की बात कही गई। इस दौरान किसानों ने हाथ उठाकर आत्महत्या मुक्त भारत बनाने का संकल्प भी लिया।
संसद का मानसूत्र सत्र सोमवार से प्रारंभ हो रहा है। हालांकि आज संसद दोनों सदनों के वर्तमान सदस्यों के निधन के मद्देनजर उन्हें श्रद्धांजलि देने के बाद दिनभर के लिये स्थगित हो जायेगी लेकिन इसके बाद कई मुद्दों पर विपक्षी दल सरकार को घेरने से पीछे नहीं हटेंगी।