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हार के लिए किसी को जिम्मेदार ठहराने से भाजपा का इनकार

हार के लिए किसी को जिम्मेदार ठहराने से भाजपा का इनकार

बिहार चुनाव के नतीजों पर विचार विमर्श करने के लिए आज हुई भाजपा संसदीय बोर्ड की बैठक के बाद भाजपा ने बिहार में हार के लिए किसी भी नेता को जिम्मेदार ठहराने की बात को खारिज करते हुए इस आलोचना को भी नकार दिया कि संघ प्रमुख मोहन भागवत के आरक्षण की समीक्षा संबंधी बयान ने हार में एक बड़ी भूमिका अदा की।
किसी नई योजना के लिए अनिवार्य नहीं होगा आधार कार्ड

किसी नई योजना के लिए अनिवार्य नहीं होगा आधार कार्ड

आधार कार्ड अनिवार्य करने के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को एक अहम फैसला देते हुए आधार कार्ड की अनिवार्यता पर रोक के अपने पहले के फैसले को बरकरार रखा है।
बिड़ला को कोयला ब्लाक आवंटित करने के लिए किसी को प्रभावित नहीं किया - मनमोहन

बिड़ला को कोयला ब्लाक आवंटित करने के लिए किसी को प्रभावित नहीं किया - मनमोहन

पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने केंद्रीय जांच ब्यूरो को बताया है कि हिंडाल्को को तालाबीरा 2 कोल ब्लाक के आवंटन में न तो उन्होंने किसी को प्रभावित करने का प्रयास किया और न ही इसमें बेवजह कोई जल्दबाजी की गयी।
किसी भी समुदाय के खिलाफ हिंसा बर्दाश्‍त नहीं- मोदी

किसी भी समुदाय के खिलाफ हिंसा बर्दाश्‍त नहीं- मोदी

कांग्रेस नेताओं ने मोदी सरकार पर हमले तेज कर दिए हैं, जिसका मुकाबले करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अल्‍पसंख्‍यकों के मुद्दे पर अपनी चुप्‍पी तोड़ते हुए कहा कि किसी भी समुदाय के खिलाफ हिंसा को बर्दाश्‍त नहीं किया जाएगा।
जवाबदेही के जुए से कतराती नौकरशाही

जवाबदेही के जुए से कतराती नौकरशाही

सूचना के अधिकार कानून के क्रियान्वयन पर अभी चार अध्ययन आए हैं। दो गैर सरकारी, परिवर्तन और सूचना के जनाधिकार पर राष्‍ट्रीय अभियान द्वारा, और दो सरकारी, केंद्रीय सूचना आयोग की कमेटी और स्वयं भारत सरकार के कार्मिक मंत्रालय द्वारा। सभी की रिपोर्ट के अनुसार सूचना का अधिकार सक्षमता से लागू करने में मुख्य बाधा अपर्याप्त क्रियान्वयन, कर्मचारियों के प्रशिक्षण का अभाव और खराब दस्तावेज प्रबंधन है। किसी ने फाइल देखने की नोटिंग की मांगों और खिझाऊ तथा तुच्छ आवेदनों के कारण नहीं माना है। फिर भी कार्मिक मंत्रालय नौकरशाही के दबाव में इनसे संबंधित लाना चाहता है तो उसकी मंशा पर शक होता है वही कार्मिक मंत्रालय जिसका अपना अध्ययन बताता है कि अभी देश के सिर्फ 15 प्रतिशत लोगों को सूचना के अधिकार के कानून की जानकारी है और 85 प्रतिशत लोगों को नहीं। यानी नौकरशाही अभी भी सिर्फ 15 प्रतिशत भारतीयों के प्रति जवाबदेह होने से भी कतरा रही है। और परिवर्तन की रिपोर्ट के अनुसार इन 15 प्रतिशत में सिर्फ एक-चौथाई यानी 27 फीसदी ही संतोषप्रद सूचना हासिल कर पाते हैं।
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