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सिंधु जल संधि पर केंद्र के फैसले का समर्थन करेगी जम्मू कश्मीर सरकार

सिंधु जल संधि पर केंद्र के फैसले का समर्थन करेगी जम्मू कश्मीर सरकार

केंद्र द्वारा पाकिस्तान के साथ सिंधु जल समझौते की समीक्षा करने का संकेत दिये जाने के बाद जम्मू-कश्मीर के उपमुख्यमंत्री निर्मल सिंह ने आज कहा कि केंद्र सरकार 1960 की इस संधि पर जो भी फैसला करेगी, राज्य उसका पूरा समर्थन करेगा।
सिद्धू बोले, बेहतर पंजाब के लिए उनका मोर्चा किसी के भी साथ गठबंधन को तैयार

सिद्धू बोले, बेहतर पंजाब के लिए उनका मोर्चा किसी के भी साथ गठबंधन को तैयार

भाजपा से अलग होकर नया मोर्चा आवाज-ए-पंजाब बनाने वाले नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा है कि वह कोई पार्टी नहीं बनाएंगे। आवाज-ए-पंजाब कोई राजनैतिक दल नहीं है। उन्‍होंने कहा कि वे सिर्फ फोरम तक सीमित रहेंगे और किसी के साथ भी गठबंधन के लिए उनके मोर्चा का दरवाजा खुला है। उनका कहना है कि जो भी पंजाब की बेहतरी के लिए आगे आएगा, वे उसके साथ जुड़ सकते हैं।
जमीन किसी की मुआवजा किसी को, आठ साल बाद अधिकारियों ने मानी गलती

जमीन किसी की मुआवजा किसी को, आठ साल बाद अधिकारियों ने मानी गलती

हरियाणा में राजस्व विभाग के रिकॉर्ड की खामी की वजह से एक किसान की अधिग्रहित की गई जमीन का मुआवजा किसी दूसरे को दे दिया गया। अब आठ साल बाद जाकर अधिकारियों ने अपनी गलती मानी है और जल्द मुआवजा दिलाने की बात कही है।
सपा में मतभेदः शिवपाल ने कहा नेताजी के फैसले का स्वागत करेंगे

सपा में मतभेदः शिवपाल ने कहा नेताजी के फैसले का स्वागत करेंगे

विधानसभा चुनाव से पहले समाजवादी पार्टी में मचा घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा है। सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव के परिवार की कलह अब खुलकर सामने आ गई है। इस बीच उत्तर प्रदेश में पार्टी की ईकाई के अध्यक्ष बने शिवपाल यादव ने कहा कि वे नेता जी (मुलायम सिंह यादव) के फैसले का स्वागत करेंगे।
26 साल बाद पड़े नेहरू गांधी परिवार के किसी सदस्य के पांव हनुमानगढ़ी मंदिर में

26 साल बाद पड़े नेहरू गांधी परिवार के किसी सदस्य के पांव हनुमानगढ़ी मंदिर में

कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी इन दिनों उत्तर प्रदेश के दौरे पर हैं। शुकवार को राहुल ने अयोध्या स्थित हनुमानगढ़ी मंदिर में दर्शन किए। साल 1992 में विवादित ढांचा विध्वंस के बाद अयोध्या की यात्रा करने वाले वाले नेहरू-गांधी परिवार के राहुल पहले सदस्य हैं।
स्वामी की नजर में केजरीवाल नक्सली, कहा किसी भी प्रकार की उम्‍मीद बेमानी

स्वामी की नजर में केजरीवाल नक्सली, कहा किसी भी प्रकार की उम्‍मीद बेमानी

भाजपा के वरिष्ठ नेता और सांसद सुब्रह्मण्यम स्वामी ने कहा है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल नक्सलाइट हैं। हर तरह की नीति का विरोध करना उनका काम है। उनसे किसी भी तरह की उम्मीद करना बेमानी है। स्‍वामी ब्रह्मकुमारीज संस्था के एक कार्यक्रम में शामिल होने माउंटआबू आए थे।
आईसीसी के फैसले से बीसीसीआई नाराज

आईसीसी के फैसले से बीसीसीआई नाराज

बीसीसीआई ने अगले साल इंग्लैंड में एक से 18 जून तक चैम्पियन्स ट्राफी के लिए आयोजन लागत के तौर पर लगभग 13 करोड़ 50 लाख डालर का बजट आवंटित करने के अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) के फैसले पर आपत्ति जताई है।
ईरानी के फैसले को पलटा, आउटसोर्स नहीं होगा बुक फेयर का आयोजन

ईरानी के फैसले को पलटा, आउटसोर्स नहीं होगा बुक फेयर का आयोजन

देश के नए मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने स्मृति ईरानी के फैसले को पलटते हुए नई दिल्ली इंटरनैशनल बुक फेयर के आयोजन को आउटसोर्स करने से इनकार कर दिया है। तत्कालीन मानव संसाधन विकास मंत्री ईरानी ने इसे आउटसोर्स करने का फैसला किया था। तब मंत्रालय ने नैशनल बुक ट्रस्ट से एक प्राइवेट एजेंसी को प्रेजेंटेशन देने को भी कहा था।
मंत्रिमंडल के महत्वपूर्ण फैसले

मंत्रिमंडल के महत्वपूर्ण फैसले

बुधवार को केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए। जिनमें एशियाई क्षेत्र के लिए 500 करोड़ रूपये के विकास कोष को मंजूरी के अलावा, केंद्रीय अंतर्देशीय जल निगम परिवहन निगम को भंग करने की मंजूरी शामिल है। इसके अलावा भारत, ब्रिटेन साइबर सुरक्षा वाचडाॅग ने सहयोग के लिए समझौते पर भी हस्ताक्षर किया गया। जो महत्वपूर्ण फैसले हैं वे इस प्रकार हैं।
सिंगूर पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले की मुख्य बातें

सिंगूर पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले की मुख्य बातें

दीर्घ 10 साल लग गए सिंगूर पर अदालत का अंतिम फैसला आने में। सुप्रीम कोर्ट के फैसले को ममता बनर्जी ने ऐतिहासिक बताया है। जस्टिस गोपाल गौड़ा और जस्टिस अरुण मिश्र की डिवीजन बेंच ने अपने फैसले में निर्देश दिया कि वहां के किसानों को 12 सप्ताह के भीतर जमीन लौटाई जाए। 10 सप्ताह के भीतर वहां की स्थिति की समीक्षा कर राज्य सरकार अदालत में रिपोर्ट दाखिल करे। वहां के जिन किसानों ने मुआवजा ले लिया था, उनसे मुआवजे की रकम वापस नहीं ली जा सकेगी। जिन किसानों ने मुआवजा नहीं लिया था, उन्हें जमीन लौटाने के साथ ही आज के बाजार दर पर मुआवजा भी दिया जाएगा। क्योंकि, 10 साल तक वे जमीन का इस्तेमाल नहीं कर सके। साथ ही वे मालिकाना से भी वंचित रहे।