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Search Result : "कुल्लू दशहरा"

लखनऊ में रावण का

लखनऊ में रावण का "सर्जिकल स्ट्राइक" नहीं करेंगे मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज देश को विजयादशमी के पर्व पर की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने स्वयंसेवकों को राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के स्थापना दिवस पर भी बधाई दी। मोदी ने ट्वीट किया, स्थापना दिवस पर सभी स्वयंसेवकों को मेरी शुभकामनाएं। मोदी आज लखनऊ की ऐशबाग रामलीला देखने जाएंगे लेकिन रावण के पुतले का दहन नहीं करेंगे। उनके वहां से जाने के बाद पुतला दहन किया जाएगा।
जम्मू कश्मीर: मुस्लिम परिवार बरसों से निभा रहा है दशहरा पर पुतला बनाने की परंपरा

जम्मू कश्मीर: मुस्लिम परिवार बरसों से निभा रहा है दशहरा पर पुतला बनाने की परंपरा

देश के मुस्लिम बहुल राज्य जम्मू कश्मीर के हिंदू बहुल जम्मू क्षेत्र में विजय दशमी की तैयारियां उत्तर प्रदेश के एक मुस्लिम परिवार के बिना पूरी नहीं होतीं। यह परिवार पर्व के एक महिने पहले पहुंचकर पुतले बनाने के काम में लग जाता है जिन्हें जम्मू के अलावा दूरस्थ क्षेत्रों के पंडालों में भी लगाने के लिए पूजा समितियां ले जाती हैं।
राम न बन सकें तो कम से कम जटायु की भूमिका निभाएंः मोदी

राम न बन सकें तो कम से कम जटायु की भूमिका निभाएंः मोदी

लखनऊ के ऐशबाग मैदान में दशहरे के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश की जनता को संदेश दिया है कि अनाचार, अत्याचार रूपी रावण को खत्म करने के लिए लोगों को अपने अंदर बदलाव लाने की जरूरत है। उन्होंने रामायण में जटायु का जिक्र करते हुए कहा कि सीता हरण के दौरान रावण से संघर्ष कर अपने प्राण गंवाने वाला जटायु आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई का पहला योद्धा था।
दशहरा पर बुराई के प्रतीक के साथ आतंकवाद के पुतले भी जले

दशहरा पर बुराई के प्रतीक के साथ आतंकवाद के पुतले भी जले

देशभर में बुराई पर अच्छाई की जीत के तौर पर लोगों ने आज रावण, उसके बेटे मेघनाद और भाई कुंभकर्ण के पुतले जलाने की परंपरा के साथ दशहरा मनाया। इस बार आतंकवाद और आतंकवादियों के प्रतीक के रूप में भी पुतले जलाए गए। सुरक्षाकर्मियों की पैनी नजर के बीच देशभर में पटाखों से भरे इन पुतलों के दहन के साथ दशहरा का त्यौहार शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हो गया।
राजनीतिक स्वार्थ के लिए लखनऊ में दशहरा मनाने आ रहे हैं मोदी: मायावती

राजनीतिक स्वार्थ के लिए लखनऊ में दशहरा मनाने आ रहे हैं मोदी: मायावती

उत्तर प्रदेश के 2017 विधानसभा चुनाव का बिगुल फूंकते हुए बसपा सुप्रीमो मायावती ने आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के राजधानी लखनऊ में दशहरा मनाने को राजनीतिक स्वार्थ करार दिया और कहा कि भाजपा को अब धर्म की राजनीति करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।
छत्तीसगढ़ के बस्तर में 75 दिनों तक चलता है विश्व प्रसिद्ध दशहरा

छत्तीसगढ़ के बस्तर में 75 दिनों तक चलता है विश्व प्रसिद्ध दशहरा

छत्तीसगढ़ के बस्तर में 75 दिनों तक चलने वाले विश्व प्रसिद्ध दशहरा के लिए इन दिनों लगभग 34 गांवों में खासा उत्साह देखने को मिल रहा है। यहां रथ खींचने का अधिकार केवल किलेपाल के माड़िया लोगों को ही है। रथ खींचने के लिए जाति का कोई बंधन नहीं है। हर गांव से परिवार के एक सदस्य को रथ खींचना ही पड़ता है। इसकी अवहेलना करने पर परिवार की आर्थिक स्थिति को देखते हुए जुर्माना लगाया जाता है।
शिवसेना ने मोदी को ललकारा, लखनऊ जाकर करें राम मंदिर बनाने की घोषणा

शिवसेना ने मोदी को ललकारा, लखनऊ जाकर करें राम मंदिर बनाने की घोषणा

भाजपा की लंबे समय से सहयोगी शिवसेना ने लखनऊ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दशहरा मनाने की योजना पर कटाक्ष किया है। शिवसेना ने कहा है कि लखनऊ जाकर मोदी अयोध्या में श्रीराम मंदिर बनाने की घोषणा करें।
कुल्लू इतिहास का आइना बनेंगी तीन पुस्तकें

कुल्लू इतिहास का आइना बनेंगी तीन पुस्तकें

कुल्लू के मशहूर अंतर्राष्ट्रीय दशहरा उत्सव के मौके पर तीन पुस्तकें रिलीज की जाएंगी, जिनमें कुल्लू के इतिहास और संस्कृति को दर्ज किया गया है। अंतर्राष्ट्रीय दशहरा उत्सव के उपलक्ष्य पर जिला सांस्कृतिक परिषद कुल्लू इस वर्ष दशहरा उत्सव समिति के सहयोग से तीन विशेष पुस्तकें प्रकाशित करने जा रही है। इन तीन अलग-अलग पुस्तकों में आम पाठकों, शोधकर्ताओं और पर्यटकों को कुल्लू की देव संस्कृति, देव स्थलों, पर्यटक स्थलों और पारंपरिक पकवानों के अलावा इतिहास के विभिन्न कालखंडों के दौरान कुल्लू जिला का दौरा करने वाले ह्वेन त्सांग, क्रिस्टिना नोबल व अन्य प्रसिद्ध विदेश यात्रियों के यात्रा वृतांत पढ़ने को मिलेंगे।
कुल्लू दशहरा को लेकर तैयारियां जोरों पर

कुल्लू दशहरा को लेकर तैयारियां जोरों पर

हिमाचल प्रदेश में कु्ल्लू के विश्व प्रसिद्ध दशहरे के आयोजन के लिए जिला प्रशासन तैयारियों में जुटा है। इस दफा महोत्सव में लाए जाने वाले देवी-देवताओं के लिए विशेष स्थान का प्रबंध किया जा रहा है। गौरतलब है कि हिमाचल में प्रत्येक गांव के स्थानीय देवी-देवता होते हैं जिनकी जबरदस्त मान्यता होती है। दशहरे के दिन सभी देवी-देवता पालकी में सम्मानजनक तरीके से दशहरा स्थल पर लाए जाते हैं। इस दफा देवी-देवताओं के आसीन होने के लिए वर्षों पुराने कंक्रीट के प्लेटफॉर्म हटा कर लकड़ी के नए प्लेटफॉर्म बनाए जा रहे हैं।
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