सितारा बल्लेबाजों से सजी पुणे सुपरजाइंट मंगलवार को इंडियन प्रीमियर लीग के मैच में दिल्ली डेयरडेविल्स से खेलेगी तो उसका लक्ष्य जीत की राह पर लौटने का होगा।
बालीवुड अभिनेता रिषि कपूर ने कहा है कि इंडियन प्रीमियर लीग में पाकिस्तानी क्रिकेटरों को शामिल करने की अनुमति मिलनी चाहिए क्योंकि इस टी20 लीग में दुनिया भर के क्रिकेटरों को अपना कौशल दिखाने का मौका दिया जाता है।
पहले मैच में बजरंग पूनिया के ब्लॉक होने के बाद जयपुर निंजास के हाथों पराजित होने वाली कलर्स दिल्ली सुल्तांस की टीम अपने दूसरे मैच के लिए तैयार है। इस बार उसके सामने होगी एनसीआर पंजाब की टीम, जो अपना पहला मैच जयपुर से हारने के बाद दूसरे मैच में मुम्बई को हरा चुकी है।
विश्व के चोटी के पहलवान अगले महीने शुरू होने वाली दूसरी पेशेवर कुश्ती लीग (पीडब्ल्यूएल) में भाग लेंगे और आयोजकों का दावा है कि यह पिछली बार की तुलना में अधिक बड़ी और बेहतर होगी।
आजाद हिंद फौज के वयोवृद्ध सिपाही डैनियल काले का लंबी बीमारी के बाद कोल्हापुर में निधन हो गया। उनके बारे में कहा जाता है कि वे आजादी के संघर्ष के लिए गठित आजाद हिंद फौज के आखिरी जीवित सदस्य थे।
आतंकवाद के मुद्दे पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री न सिर्फ दुनिया भर में बल्कि खुद अपने ही देश में घिरते जा रहे हैं। आतंकवाद के खिलाफ कड़ा कदम न उठाने और उसे संरक्षण देने का आरोप झेल रही पाकिस्तानी सरकार से सत्तारूढ़ पार्टी के ही एक सांसद ने सवाल पूछा, आखिर हाफिज सईद ऐसे कौन से अंडे देता है जिसकी वजह से हमने उसे पाल रखा है।
पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत की विधानसभा ने बलूचिस्तान पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयानों की निंदा करते हुए एक प्रस्ताव पारित किया और संघीय सरकार से मामले को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उठाने को कहा है।
भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) ने अपने रवैये पर कायम रहते हुए मंगलवार को आरोप लगाया कि नरसिंह यादव पर डोपिंग के कारण चार साल का प्रतिबंध लगने के लिए साई और नाडा के कुछ जूनियर अधिकारी जिम्मेदार हैं।
डोप परीक्षण में नाकाम रहने के कारण ओलंपिक खेल गांव से बाहर करने से हताश भारतीय पहलवान नरसिंह यादव को जब पता चला था कि खेल पंचाट (कैस) ने उन पर चार साल का प्रतिबंध लगा दिया है तो वह बेहोश हो गये थे।
खेल पंचाट की समिति पूछ रही थी कि भारतीय कानून के तहत अभी तक दोषियों को सजा क्यों नहीं दी गई। यह सिर्फ गिरफ्तारी की बात नहीं थी बल्कि वे जानना चाहते थे कि क्या दोषी को किसी तरह की सजा मिली है। यदि आज गुनहगार जेल में होता तो फैसला हमारे पक्ष में आ सकता था।