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ऐसी नीतियों से कतई नहीं मिलेगा किसान को मुआवजा

ऐसी नीतियों से कतई नहीं मिलेगा किसान को मुआवजा

केंद्र और राज्य सरकारों की ओर से किसानों की मदद के बड़े-बड़े दावे किए जा रहे हैं। फसलों को हुए नुकसान के सर्वे की रस्म अदायगी भी जारी है। लेकिन मेहनत की कमाई लुटा चुके किसानों के हाथ से मुआवजा अभी दूर है। दरअसल, फसलों के बीमा और मुआवजे की प्रक्रिया में इतने झोल हैं कि किसान तक सिर्फ आश्‍वासन ही पहुंच पाते हैं।
काठमांडूः बचाई जा सकती थी हजारों जानें

काठमांडूः बचाई जा सकती थी हजारों जानें

बेतरतीब निर्माण ने बढ़ाया विनाश का दायरा, सही नियोजन से 90 फीसदी नुकसान रोका जा सकता था, जापान से कुछ भी नहीं सीखा, आने वाले दिनों में बड़े भकंपों की आशंका, धरती की चट्टानों में बढ़ रही ऊर्जा की हलचल
किसान की मौत और व्यवस्था का तिलिस्म

किसान की मौत और व्यवस्था का तिलिस्म

23 अप्रैल 2015 को दौसा के गजेंद्र सिंह के रूप में देश के हाहाकार ने जंतर-मंतर पर दम तोड़ दिया। उसकी चीखती खामोशी को सत्‍ता और मीडिया की धडक़नों में एक और हाहाकार के रूप में धड़कना चाहिए था।
केजरीवाल की माफी, रैली जारी रखना गलती

केजरीवाल की माफी, रैली जारी रखना गलती

आम आदमी पार्टी की किसान रैली में आत्महत्या करने वाले गजेंद्र सिंह की मौत पर पहली बार दिल्‍ली के मुख्‍यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपनी चुप्‍पी तोड़ी है। एजेंसी एएनआई को दिए इंटरव्‍यू में केजरीवाल ने कहा, उस समय रैली जारी रखना मेरी गलती थी और मैं सबसे माफी मांगता हूं। इस मामले की पुलिस और मजिस्ट्रेट जांच चल रही है और जो भी इसका दोषी हो, उसे चाहे फांसी पर लटका दो। लेकिन बहस इसी पर केंद्रित होनी चाहिए कि किसान खुदकुशी क्‍यों कर रहे हैं।
गजेंद्र ने सत्ता, सिस्टम और राजनीति का मुंह नोंच लिया !

गजेंद्र ने सत्ता, सिस्टम और राजनीति का मुंह नोंच लिया !

ये आंकड़ा हर किसी को पता है कि इस देश में 1995 से अब तक साढ़े तीन लाख किसानों-खेतिहर मजदूरों ने आत्महत्या की है। दैनिक औसत निकालें तो 50 लोग हर रोज जान दे रहे हैं। 20 साल में देश की सत्ता और सिस्टम इन मौतों के जिम्मेदारों की शिनाख्त नहीं कर पा रही है। चूंकि, शिनाख्त नहीं हुई इसलिए आगे की कार्रवाई की भी जरूरत नहीं। एक खेल चल रहा है जिसमें राजनीतिक दल एक-दूसरे को निशाना बना रहे हैं। उनका ध्यान समस्या ओर उसके समाधान पर नहीं है, बल्कि खुद को दूसरों से उजला, ईमानदार और संवेदनशील दिखाने पर है। ऐसे में कोई गजेंद्र मरे तो मरता रहे, उनकी बला से।
किसानों पर दोहरी मार, इस साल भी कमजोर मानसून की आशंका

किसानों पर दोहरी मार, इस साल भी कमजोर मानसून की आशंका

नई दिल्‍ली। बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि की मार झेल रहे किसानों पर इस साल दोहरी मार पड़ने जा रही है। मौसम विभाग का अनुमान है कि इस साल मानसून सामान्‍य से 7 फीसदी कम रहेगा। मानसून पर अल नीनो का खतरा मंडरा रहा है, जिसके चलते बारिश का इंतजार लंबा खिंच सकता है। गौरतलब है कि पिछले साल भी मानसून सीजन (जून-सितंबर) के दौरान देश में सामान्‍य से 12 फीसदी कम बारिश हुई थी। गौरतलब है कि भारत में 70 फीसदी बारिश मानसून सीजन के दौरान पड़ती है।
प्लाज्मा से सूर्य जैसी ऊर्जा पैदा करने की उम्मीद

प्लाज्मा से सूर्य जैसी ऊर्जा पैदा करने की उम्मीद

गुजरात स्थित एक अनुसंधान संस्थान ने पदार्थ के चौथे रूप प्लाज्मा को स्थिर अवस्था सुपर कंडक्टिंग टोकामक (एसएसटी-।) में रोक कर रखने में अहम सफलता मिलने का दावा किया है।
बच्चियों से बलात्कार का आरोपी आइएएस गिरफ्तार

बच्चियों से बलात्कार का आरोपी आइएएस गिरफ्तार

महाराष्ट्र के पूणे में अट्ठावन साल के एक आइएएस अधिकारी को चार नाबालिग लड़कियों के साथ छेड़छाड़ और बलात्कार करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। यहां पुलिस ने यह जानकारी दी है।
बेमौसम बारिश पर राज्यसभा में चिंता

बेमौसम बारिश पर राज्यसभा में चिंता

देश के विभिन्न भागों में बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि के कारण गेहूं, तिलहन एवं बागवानी फसलों को हुई भारी क्षति पर गुरूवार को विभिन्न दलों के नेताओं ने गहरी चिंता जताते हुए प्रभावित किसानों को उचित मुआवजा एवं फौरी राहत दिलाने के लिए विभिन्न सुझाव दिए।
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