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दिव्य दैहिकता की लय से दीप्त देवदासी नृत्य

दिव्य दैहिकता की लय से दीप्त देवदासी नृत्य

देवदासी नृत्य का दक्षिण भारतीय शास्त्रीय नृत्य से नाभि-नाल का रिश्ता रहा है। इसकी गरिमामई वापसी के लिए चल रहे प्रयासों की कड़ी में ही यशोधा राव ठाकुर की प्रस्तुतियों को देखा जा सकता है।
अड्डे पर साझा उदासी

अड्डे पर साझा उदासी

अड्डे पर लोग सात बजे शाम से जुटने लगते हैं। साढ़े सात तक प्राय: सभी पहुंच जाते हैं। जो नहीं पहुंच पाता उसकी तलाश शुरू हो जाती है।
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