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संघर्ष के बाद संजीव चतुर्वेदी को उत्तराखंड कैडर

संघर्ष के बाद संजीव चतुर्वेदी को उत्तराखंड कैडर

लंबे समय से भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई के कारण चर्चा में रहे भारतीय वन सेवा के अधिकारी संजीव चतुर्वेदी को उत्तराखंड कैडर में भेज दिया गया है। मूल रूप से हरियाणा कैडर के अधिकारी चतुर्वेदी पिछले तीन सालों से अपना कैडर बदलने की गुहार लगा रहे थे।
केंद्रीय कर्मी विदेश जा पाएंगे या नहीं, 21 दिन में चल जाएगा पता

केंद्रीय कर्मी विदेश जा पाएंगे या नहीं, 21 दिन में चल जाएगा पता

विदेश जाने वाले केंद्र सरकार के कर्मचारियों को संबंधित अधिकारियों द्वारा अनुरोध प्राप्त करने के 21 दिन के भीतर अपने फैसले की सूचना देना जरूरी है अन्यथा यह मान लिया जाएगा कि अनुमति दे दी गई है।
भारत में विदेशी निवेश की राह आसान

भारत में विदेशी निवेश की राह आसान

एफडीआई में संयोजित विदेशी निवेश सीमा की मांग लंबे समय से की जा रही है। विदेशी निवेशक से लेकर भारतीय कंपनियां तक ये मांग करती आ रही हैं।
क्या यह घोटाला ‘सेंसर’ होगा

क्या यह घोटाला ‘सेंसर’ होगा

कैग की एक रिपोर्ट में सेंसर बोर्ड द्वारा वर्ष 2012-15 के दौरान कई शर्तों की अवहेलना के लिए और किसी कानून या प्रावधान पर ध्यान दिए बिना ही 172 ए श्रेणी की कई फिल्मों को यूए श्रेणी में डाले जाने तथा यू श्रेणी की 166 फिल्मों को यूए श्रेणी में डाले जाने की आलोचना की है। यह जानकारी एक आरटीआई के जवाब में मिली है।
रिजिजू का रौब! उड़ान लेट, तीन लोगों को नीचे उतारा

रिजिजू का रौब! उड़ान लेट, तीन लोगों को नीचे उतारा

महाराष्‍ट्र के मुख्‍यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के बाद अब केंद्रीय गृह राज्‍य मंत्री किरण रिजिजू पर भी एयर इंडिया की उड़ान लेट कराने के आरोप लगे हैं। कहा जा रहा है कि रिजिजू की वजह से उड़ान करीब एक घंटा लेट हुई बल्कि तीन यात्रियों को विमान से नीचे उतारा गया।
जय प्रकाश नारायण के जन्मस्थल को लेकर विवाद

जय प्रकाश नारायण के जन्मस्थल को लेकर विवाद

लोकनायक जय प्रकाश नारायण का स्मारक बिहार के लाला का टोला गांव में बनवाने के केंद्रीय मंत्रिपरिषद के फैसले को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। लोकनायक के परिजन तथा समर्थकों ने बलिया के जेपी नगर को उनका असल जन्मस्थान बताते हुए केंद्र सरकार के निर्णय को बिहार विधानसभा चुनाव में लाभ लेने के लिए उठाया गया कदम करार दिया है।
मेहरबानी सरकार की

मेहरबानी सरकार की

गुजरात में बहुत से लोगों के लिए केंद्र सरकार के एक साल पूरा होते न होते अच्छे दिन आ गए हैं। जिनके दिन और रात पहले से काले थे, उन्हें अब अमावस्या में जीने की सलाह दी जा रही है। आज की वारीख में चाहे वह इशरत जहां का फर्जी एनकाउंटर का मामला हो या सोहराबुद्दीन की हत्या का, सब मामलों में तमाम आरोपियों को जेल से मुक्ति, मुकदमों से मुक्ति की राह निकल पड़ी है। दोषियों, आरोपियों की रिहाई की यह रेल जिस तेजी से चल रही है, उसमें 2002 गुजरात नरंसहार के दोषियों को भी मुक्ति की आस बंध गई है।
चीनी मिलों को 6000 करोड़ का कर्ज, दालों के आयात की नौबत

चीनी मिलों को 6000 करोड़ का कर्ज, दालों के आयात की नौबत

दालों की बढ़ती महंगाई को देखते हुए केंद्र सरकार ने दालों के आयात का फैसला किया है जबकि चीनी मिलों को 6 हजार करोड़ रुपये के ब्‍याज मुक्‍त कर्ज दिया जाएगा। इससे पहले भी केंद्र और राज्‍य सरकारें चीनी मिलों को कई राहत पैकेज दे चुकी हैं। इसके बावजूद गन्‍ना किसानों को करीब 21 हजार करोड़ रुपये का भुगतान चीनी मिलों के पास अटका हुआ है।