केंद्र की भाजपा सरकार और पार्टी में तालमेल की कमी की वजह से विरोधाभासी संदेश देश-दुनिया में जा रहे हैं। संघ नेता इंद्रेश कुमार का पाकिस्तान पर बयान सरकार की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान उठा रहे हैं।
केंद्र सरकार ने विधि आयोग को समान नागरिक कानून का प्रारूप बनाकर देने के लिए कहा है। यह मुद्दा नया नहीं है। वर्षों से इस पर चर्चा होती रही है और विभिन्न समुदायों, दलों, नेताओं द्वारा समय-समय पर समर्थन, असहमति और कुछ विरोध भी होता रहा है।
यूनिफॉर्म सिविल कोड (समान नागरिक संहिता) पर एक बड़ा कदम उठाते हुए केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने विधि आयोग से इस मुद्दे का अध्ययन करने को कहा है। सरकार के इस पहल को समान नागरिक संहिता लागू करने की दिशा में उठाया गया कदम माना जा रहा है जिससे देश का राजनीतिक तापमान बढ़ने की आशंका है।
मेहरबान मोदी सरकार ने केंद्र सरकार से जुड़े 47 लाख कर्मचारियों का वेतन ढाई गुना बढ़ा दिया। सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों पर अधिकारियों-सचिवों ने रिकार्ड तोड़ फुर्ती से वेतन बढ़ोतरी का इंतजाम कर दिया। फिर भी कर्मचारी संगठन पूरी तरह संतुष्ट नहीं हैं।
पीएम नरेंद्र मोदी और उनके प्रशंसक लाख दावा कर लें कि देश में उनके प्रधानमंत्री बनने के बाद विकास बेहतर ढंग से हुआ है। लेकिन वास्तविकता यह है कि मोदी सरकार देश में रोजगार पैदा करने में बुरी तरह विफल साबित हुई है।
बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा है कि सपा और भाजपा की अंदरूनी मिलीभगत के कारण ही साम्प्रदायिक सौहार्द का माहौल खराब होता है। उन्होंने कहा कि मुजफ्फरनगर में एक भाजपा विधायक और सपा के एक नेता षड्यंत्र रचने जा रहे हैं कि प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले साम्प्रदायिक दंगे कराए जाएं, ताकि उसकी आग पूरे प्रदेश में फैल जाए और उसका सियासी फायदा उठाया जा सके।
केंद्र सरकार के सभी मंत्रालयों से कहा गया है कि वे बेहतर पारदर्शिता के लिए अपने द्वारा किए गए कार्यों का मासिक आधार पर आॅनलाइन ब्यौरा प्रदान कर अपनी उपलब्धियों को उजागर करें। कैबिनेट सचिवालय ने हाल में इस संबंध में सभी मंत्रालयों के सचिवों को निर्देश जारी किया है।
प्रसिद्ध वैज्ञानिक और परमाणु उर्जा आयोग (एईसी) के सदस्य एम आर श्रीनिवासन ने शनिवार को कहा कि परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) की सदस्यता के मुद्दे पर केंद्र का जोर देना अनावश्यक, अवांछित और गलत सलाह पर उठाया गया कदम था। शुक्रवार को भारत की 48 सदस्यीय समूह की सदस्यता हासिल करने की कई दिनों से जारी कोशिश नाकाम हो गई थी।
आरएसएस से जुड़े श्रमिक संगठन भारतीय मजदूर संघ (बीएमएस) ने केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया है। गुरुवार और शुक्रवार को नागपुर में भारतीय मजदूर संघ के केंद्रीय पदाधिकारियों की बैठक में केंद्र सरकार की मजदूर विरोधी नीतियों पर गहरा असंतोष व्यक्त किया गया।
एस्सार फोन टैपिंग कांड में केंद्र सरकार जांच का आदेश दे सकती है। बताया जा रहा है कि एस्सार समूह के कथित शह पर की गई अवैध टैपिंग में सरकार बंद हो चुकी हचिसन टेलीकॉम और मुंबई पुलिस की भूमिका की जांच एक केंद्रीय एजेंसी से करवा सकती है।