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इंदिरा अम्मा के नाम पर हर पेट के लिए दाना-पानी- हरीश रावत

इंदिरा अम्मा के नाम पर हर पेट के लिए दाना-पानी- हरीश रावत

फरवरी 2014 में उत्तराखंड के मुख्य‍मंत्री पद की कमान संभालने वाले हरीश रावत राज्य के कद्दावर नेताओं में शुमार किए जाते हैं। लंबे समय के राजनीतिक जीवन में रावत ने जीवन में कई उतार-चढ़ाव देखे। उत्तर प्रदेश से अलग होकर उत्तराखंड राज्य बनने के बाद माना जा रहा था कि अगर राज्य में कांग्रेस की सरकार बनी तो रावत को कमान मिल सकती है। लेकिन सियासी कारणों सेे रावत को देर से राज्य की कमान मिली। साल 2012 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की जब सरकार बनी तो विजय बहुगुणा को मुख्य‍मंत्री पद दिया गया। उस समय रावत केंद्र सरकार में मंत्री थे। विजय बहुगुणा को बीच कार्यकाल से ही हटाकर हरीश रावत को राज्य की कमान दी गई। दो साल का कार्यकाल पूरा कर चुके हरीश रावत से विभिन्न मुद्दों पर आउटलुक के विशेष संवाददाता ने देहरादून के बीजापुर गेस्ट हाउस में विस्तार से बातचीत की। पेश है प्रमुख अंश-
केदारनाथ त्रासदी के नाम पर लूट

केदारनाथ त्रासदी के नाम पर लूट

उत्तराखंड में जून 2013 में आई विनाशकारी बाढ़ से मची तबाही के दौरान हजारों लोग कई दिनों तक भूखे रहने को मजबूर थे, बच्चे भूख से बिलबिला रहे थे, सर्दी- बीमारी काल बन निगल रही थी, उस वक्त राहत के काम में जुटे राज्य सरकार के अधिकारी मटन, चिकन और बेहतरीन खाने का लुत्फ उठा रहे थे। सूचना अधिकार कानून (आरटीआई) के जरिये हुए इस सनसनीखेज खुलासे में कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं।
क्‍या केदार की चढ़ाई दिलाएगी राहुल को कामयाबी

क्‍या केदार की चढ़ाई दिलाएगी राहुल को कामयाबी

करीब दो महीने की छु‍ट्टियों के बाद लौटे कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी आज सुबह पैदल चढ़ाई कर केदारनाथ पहुंचे। सुबह 8.50 बजे ही केदारनाथ मंदिर के कपाट खोले गए। इसके कुछ ही देर बाद राहुल ने भगवान केदारनाथ के दर्शन किए। करीब 16 किलोमीटर की पैदल यात्रा कर केदारनाथ पहुंचे राहुल गांधी ने कहा कि वह सिर्फ भगवान के दर्शन करने के लिए आए हैं, उन्होंने कुछ मांगा नहीं है। यहां आने पर उन्हें बहुत अलौकिक अनुभूति हुई है, जो हमेशा याद रहेगी। राहुल ने कहा कि वह जब किसी मंदिर में जाते हैं तो कुछ मांगते नहीं हैं।
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