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Search Result : "केरल के पढ़े-लिखे लोग"

पाबंदियों का देश

पाबंदियों का देश

भारत में भारत की बेटियों (इंडियाज डॉटर्स) पर बनी फिल्म देखना चाहे तो नहीं देख सकते, इस पर प्रतिबंध है। महाराष्ट्र में कोई गौ-मांस से बनी कोई डिश खाना चाहे, वह नहीं खा सकता, उसे बेचना चाहे नहीं बेच सकता-इस पर प्रतिबंध है। केरल या गुजरात में शराब का सेवन करना चाहे नहीं कर सकते, इस पर प्रतिबंध है।
केरल विधानसभा में वाम दलों का हंगामा

केरल विधानसभा में वाम दलों का हंगामा

केरल विधानसभा में शुक्रवार 13 मार्च को राज्य के वित्त मंत्री के. एम. मणि राज्य का बजट पेश करने में तो सफल रहे लेकिन सदन में जबरदस्त हंगामे के बीच माकपा नीत विपक्षी सदस्यों ने अध्यक्ष का आसन फेंक दिया और वाच एंड वार्ड स्टाफ के साथ हाथापाई की।
माकपा नेता अच्युतानंदन का विद्रोह

माकपा नेता अच्युतानंदन का विद्रोह

माकपा की केरल इकाई को और अधिक परेशानी में डालते हुए माकपा के संस्थापक नेता वी एस अच्युतानंदन ने पार्टी के सम्मेलन के अंतिम सत्र में शिरकत करने के केंद्रीय नेतृत्व के निर्देश का पालन नहीं किया। प्रदेश नेतृत्व से गहरे मतभेदों के चलते अच्युतानंदन सम्मेलन के बीच से चले गए थे।
धर्मनिरेक्षता के लिए केरल में कारवां

धर्मनिरेक्षता के लिए केरल में कारवां

केरल में सांप्रदायिकता के खिलाफ राज्यव्यापी कारवां निकालने की तैयारी है। राज्य में पिछले कुछ समय से सांप्रदायिक तनाव बढ़ रहा है। यहां हिंदुत्ववादी संगठनों ने यह बड़े पैमाने पर घर वापसी यानी धर्मांतरण कर हिंदू बनाने का लक्ष्य निर्धारित कर रखा है।
सतह पर आया माकपा का कलह

सतह पर आया माकपा का कलह

मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी की केरल इकाई के सचिव पिनराई विजयन और पार्टी के वरिष्ठ नेता वी.एस. अच्युतानंदन के बीच का मतभेद एक बार फिर सामने आ गया है।
मोदी सरकार पर करात का निशाना

मोदी सरकार पर करात का निशाना

माकपा के महासचिव प्रकाश कारात ने नरेंद्र मोदी सरकार को राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ और भाजपा का संयुक्त उपक्रम करार देते हुए शुक्रवार को आरोप लगाया कि केंद्र सरकार कॉरपोरेट जगत और हिंदुत्ववादी ताकतों के हितों के लिए देश में आक्रामक दक्षिणपंथी अभियान चला रही है।
कौन लेगा पिनराई विजयन की जगह

कौन लेगा पिनराई विजयन की जगह

केरल माकपा में पिनराई विजयन के उत्तराधिकारी की तलाश शुरू हो गई है। तिरुअनंतपुरम में शुक्रवार से शुरू होने वाले माकपा के तीन दिवसीय राज्य स्तरीय सम्मेलन में यह मामला केंन्द्र में रहेगा। विजयन तीन बार राज्य सचिव रह चुके हैं।
जवाबदेही के जुए से कतराती नौकरशाही

जवाबदेही के जुए से कतराती नौकरशाही

सूचना के अधिकार कानून के क्रियान्वयन पर अभी चार अध्ययन आए हैं। दो गैर सरकारी, परिवर्तन और सूचना के जनाधिकार पर राष्‍ट्रीय अभियान द्वारा, और दो सरकारी, केंद्रीय सूचना आयोग की कमेटी और स्वयं भारत सरकार के कार्मिक मंत्रालय द्वारा। सभी की रिपोर्ट के अनुसार सूचना का अधिकार सक्षमता से लागू करने में मुख्य बाधा अपर्याप्त क्रियान्वयन, कर्मचारियों के प्रशिक्षण का अभाव और खराब दस्तावेज प्रबंधन है। किसी ने फाइल देखने की नोटिंग की मांगों और खिझाऊ तथा तुच्छ आवेदनों के कारण नहीं माना है। फिर भी कार्मिक मंत्रालय नौकरशाही के दबाव में इनसे संबंधित लाना चाहता है तो उसकी मंशा पर शक होता है वही कार्मिक मंत्रालय जिसका अपना अध्ययन बताता है कि अभी देश के सिर्फ 15 प्रतिशत लोगों को सूचना के अधिकार के कानून की जानकारी है और 85 प्रतिशत लोगों को नहीं। यानी नौकरशाही अभी भी सिर्फ 15 प्रतिशत भारतीयों के प्रति जवाबदेह होने से भी कतरा रही है। और परिवर्तन की रिपोर्ट के अनुसार इन 15 प्रतिशत में सिर्फ एक-चौथाई यानी 27 फीसदी ही संतोषप्रद सूचना हासिल कर पाते हैं।
शिक्षा के सपने का कानूनी ककहरा

शिक्षा के सपने का कानूनी ककहरा

बच्चों को शिक्षा के लिए सदमे और डर से मुक्त माहौल देने के लिए शारीरिक दंड एवं वार्षिक परीक्षा आधारित पास-फेल की प्रणाली खत्म कर दी जा रही है। इसके बदले निरंतर मूल्यांकन की व्यवस्था की गई है। विधेयक में सभी विद्यालयों के पाठ्याचार को संवैधानिक मूल्यों के अनुरूप ढालने का प्रावधान किया है। इससे कुछ संस्थाओं, संगठनों के स्कूलों में सांप्रदायिक और इस तरह के अन्य एजेंडे को सीमित करने मे मदद मिलेगी।
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