उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन अब 27 अप्रैल तक लगा रहेगा। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार की याचिका पर सुनवाई करते हुए नैनीताल हाईकोर्ट के कल के आदेश पर रोक लगा दी है।
उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने कहा है कि अगर अब केंद्र राष्ट्रपति शासन लागू करने का अपना आदेश वापस लेता है तथा किसी और को सरकार बनाने की अनुमति देता है तो यह न्याय का उपहास होगा।
मोदी सरकार को एक बड़ा झटका देते हुए उत्तराखंड हाईकोर्ट ने राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की केंद्र की घोषणा को आज निरस्त करते हुए हरीश रावत के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार को बहाल कर दिया। अदलत ने रावत को 29 अप्रैल को सदन अपना बहुमत साबित करने को कहा है। फैसले पर खुशी जताते हुए राज्य के अपदस्थ मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि वह इस फैसले का स्वागत करते हैं और राज्य के विकास के लिए सब कुछ भूलकर केंद्र के साथ मिलकर काम करना चाहते हैं।
उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने राष्ट्रपति शासन को चुनौती देने वाली हरीश रावत की याचिका स्वीकार कर ली। उच्च न्यायालय ने कहा कि उच्चतम न्यायालय के आदेश के विपरीत उत्तराखंड में धारा 356 लागू किया गया।
उत्तराखंड हाईकोर्ट ने आज कहा कि राज्य विधानसभा को निलंबित करने के राष्ट्रपति के निर्णय की वैधता की न्यायिक समीक्षा हो सकती है क्योंकि वह भी गलत हो सकते हैं।
केरल की सरकार ने आज कहा है कि वह 10 अप्रैल को कोल्लम स्थित पुत्तिंगल देवी मंदिर में हुई भीषण आग त्रासदी का शिकार बने लोगों के पुनर्वास के लिए केंद्र से 117 करोड़ रूपए की मदद मांगेगी। इस त्रासदी में 108 लोग मारे गए थे।
हंदवाड़ा में छेड़छाड़ की कथित घटना से संबंधित लड़की के वकील ने आज दावा किया कि उनकी मुवक्किल ने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष स्वेच्छा से अपना बयान नहीं दिया है बल्कि पुलिस की ओर से निर्देशित ढंग से बयान देने के लिए उस पर दबाव बनाया गया।
केरल में 16 मई को होने वाले विधानसभा चुनावों में फिल्मी सितारे और निर्देशक एक-दूसरे के खिलाफ ताल ठोक रहे हैं। राजनीतिक दलों ने फिल्मी जगत की हस्तियों की लोकप्रियता भुनाने के लिए कम से कम छह उम्मीदवार खड़े किए हैं। इन चुनावों में सभी तीन प्रमुख राजनीतिक दलों-कांग्रेस, माकपा और भाजपा ने मतदाताओं को लुभाने के लिए फिल्मी सितारे मैदान में उतारे हैं।
हंदवाड़ा में जिस लड़की के साथ कथित छेड़छाड़ के बाद शुरू हुए झड़प में 6 लोगों की जान चली गई, उसका शनिवार की शाम मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष बयान दर्ज कराया गया।
जम्मू-कश्मीर उच्च न्यायालय ने शनिवार को राज्य पुलिस से पूछा कि उसने किस कानून के तहत उस नाबालिग लड़की को हिरासत में लिया जिसका गत मंगलवार को कथित रूप से एक सैनिक ने हंदवाड़ा में यौन उत्पीड़न किया था। इस घटना की वजह से शुरू हुए हिंसक विरोध प्रदर्शनों में पांच लोग मारे गए हैं।