पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को आगामी दिनों में परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। संसद की सार्वजनिक लोकलेखा समिति ने 2010 में हुए कॉमनवेल्थ खेलों की रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया है। रिपोर्ट में सिंह के कायर्काल के दौरान पीएमओ के लचर रवैये की आलोचना की गई थी।
सरकार ने 25,000 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ मार्च 2021 तक देश में लगभग 28000 प्रभावित बस्तियों को सुरक्षित पेयजल मुहैया कराने के लिए आर्सेनिक और फ्लोराइड पर राष्ट्रीय जल गुणवत्ता उपमिशन का शुभारंभ किया।
किसी काम को करने का जज्बा हो तो उम्र मायने नहीं रखती। चंडीगढ़ की 100 वर्षीय महिला मान कौर ने इसे साबित कर दिया है जिन्होंने वेंकुवर में चल रहे अमेरिकन मास्टर्स गेम्स में शॉटपुट, जेवलिन थ्रो और 100 की दौड़ में स्वर्ण पदक हासिल किया है।
नए खेल राज्यमंत्री विजय गोयल के घर 10, अशोक रोड पर इन दिनों बधाई का तांता लगा हुआ है। मिलने वालों की भीड़ है। इस मौके पर उन्होंने नई खेल नीति, ओलंपिक में संभावनाओं और खेल संबंधी कुछ सवालों के जवाब दिए।
मनमोहन सिंह की ईमानदारी और भलमनसाहत पर कोई प्रश्न नहीं उठाया गया। यह तर्क भी दिया जाता है कि वह राजनीतिज्ञ ही नहीं हैं। उनके वित्त मंत्री रहते शेयर घोटाले जैसे आरोप आने पर सारा कीचड़ नरसिंह राव के सिर पर उलट दिया गया। 2004 से 2014 तक दस वर्ष प्रधानमंत्री रहते हुए सरकार पर घोटालों और भ्रष्टाचार के गंभीरतम आरोप लगे एवं कांग्रेस पतन के गर्त तक पहुंच गई।