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मौद्रिक नीति समीक्षा : ब्‍याज दरों में कोई बदलाव नहीं, महंगाई बढ़ने के संकेत

मौद्रिक नीति समीक्षा : ब्‍याज दरों में कोई बदलाव नहीं, महंगाई बढ़ने के संकेत

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गवर्नर रघुराम राजन ने मंगलवार को कयासों के अनुकूल मौद्रिक नीति की द्वैमासिक समीक्षा पेश करते हुए ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया। रेपो रेट बिना बदलाव के 6.50 फीसदी और रिवर्स रेपो रेट 6 फीसदी बरकरार रहेगी। आरबीआई ने सीआरआर में कोई बदलाव नहीं किया है और ये 4 फीसदी पर कायम है। एमएसएफ यानी मार्जिनल स्टैंडिंग फैसिलिटी दर भी 7 फीसदी पर बरकरार है।
चर्चाः चाहे कोई हमें जंगली कहे। आलोक मेहता

चर्चाः चाहे कोई हमें जंगली कहे। आलोक मेहता

हम हिंदुस्तानी का जवाब नहीं। दुनिया के किसी मुल्क और उसके प्रदेश या राजधानी का नेता अपनी प्यारी जनता और व्यवस्‍था को ‘जंगली’ नहीं बताता। लेकिन हाल के वर्षों में हमारे ‘सत्यवादी’ नेताओं ने पर्दाफाश का ठेका लेकर कहना शुरू कर दिया है- ‘दुनियावालों सुन लो- देख लो- यहां है जंगल राज।’
अडाणी की कोयला खदान में कोई पब्लिक फंडिंग नहीं : टर्नबुल

अडाणी की कोयला खदान में कोई पब्लिक फंडिंग नहीं : टर्नबुल

अडाणी की 21.7 अरब डालर की कोयला खान परियोजना के लिए पब्लिक फंडिंग नहीं होगी। यह बात आस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री मैल्कॉम टर्नबुल ने कही। उन्होंने प्रदर्शनकारियों को आश्वस्त करना चाहा कि वह खुद भी उनकी तरह ही जलवायु परिवर्तन को गंभीरता से लेते हैं। इन प्रदर्शनकारियों ने मछली जैसे दिखने वाले कपड़े पहने हुए थे।
कम मानसून की कोई संभावना नहीं, इस साल जम के होगी बारिश

कम मानसून की कोई संभावना नहीं, इस साल जम के होगी बारिश

भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) ने कहा है कि इस वर्ष कम मॉनसून की कोई संभावना नहीं है और 96 फीसदी गुंजाइश है कि इस साल सामान्य या अत्यधिक वर्षा होगी। यह खबर सूखे की मार झेल रहे किसानों और गर्मी से हलकान लोगों के लिए राहत देने वाली।
चर्चाः परदेसी का दर्द जाने न कोई | आलोक मेहता

चर्चाः परदेसी का दर्द जाने न कोई | आलोक मेहता

परदेसी होने का आनंद बहुत दिखाई देता है लेकिन उनके दिल का दर्द आसानी से नहीं समझा जा सकता। भारत से जाकर परदेस में बसे भारतीयों पर हमें गौरव महसूस होता है।
सूचना-प्रसारण मंत्री जेटली ने 90 के दशक से नहीं देखी कोई फिल्म

सूचना-प्रसारण मंत्री जेटली ने 90 के दशक से नहीं देखी कोई फिल्म

देश के विभाजन के दर्द के बीच बड़े हुए भाजपा नेता अरुण जेटली राजनीति के बड़े मुकाम पर हैं। पीएम नरेंंद्र मोदी के बाद दूसरे नंबर पर राजनाथ सिंह के साथ प्रतिष्ठित तथाा वित्‍त, कारपोरेट मामले और सूचना प्रसारण मंत्रालय की बागडोर संभाल रहे जेटली का राजनीतिक सफर 70 के दशक में अखिल भारतीय विद़यार्थी परिषद से शुरु हुआ। आज भले ही अरुण जेटली सूचना एवं प्रसारण मंत्री का काम भी संभाल रहे हों मगर 90 के दशक से अबतक उन्होंने शायद कोई फिल्म नहीं देखी है।
मोदी सरकार की विफलता पर चिदंबरम ने कारपोरेट अंसतोष का खेला दांव

मोदी सरकार की विफलता पर चिदंबरम ने कारपोरेट अंसतोष का खेला दांव

पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने दो बड़ी विफलताओं में बड़े ढांचागत सुधार न करने और विपक्ष को साथ न लेना गिनाया। इन दोनों बिंदुओं पर ही कॉरपोरेट जगत का एक तबका परेशान है
उद्योग जगत की राय,जीएसटी के लिए राजनीतिक सहमति पर ध्यान दे सरकार

उद्योग जगत की राय,जीएसटी के लिए राजनीतिक सहमति पर ध्यान दे सरकार

भारत में उद्योग जगत के अग्रणी नेत्वकर्ताओं ने राय दी है कि लंबे समय से अटके वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) विधेयक को पारित कराने के लिए सरकार राजनीतिक सहमति बनाने पर ध्यान दे। केंद्र में नरेंद्र मोदी सरकार की दूसरी वर्षगांठ पास आने के बीच उद्योग जगत के नेताओं ने सोमवार को कहा कि सरकार को अब जीएसटी पर आम सहमति बनाने और गैर विधायी सुधारों में गति लाने पर ध्यान देना चाहिए।
मोदी की डिग्री पर कोई राजनीतिक दबाव नहीं: डीयू

मोदी की डिग्री पर कोई राजनीतिक दबाव नहीं: डीयू

दिल्ली विश्वविद्यालय ने आम आदमी पार्टी के इन आरोपों से इनकार किया कि उसने केंद्र सरकार के दबाव के चलते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की डिग्री का प्रमाणन किया है और कहा है उसने कानून के अनुसार कार्रवाई की है।