पाकिस्तान में बम विस्फोट और जासूसी के आरोप में वर्षों तक पाकिस्तान की जेल में बंद अमृतसर वासी सरबजीत पर फिल्म बन रही है। फिल्म के जरिये दर्शक सरबजीत का सच जान पाएंगे।
जम्मू कश्मीर सरकार को तब शर्मिंदगी झेलनी पड़ी, जब कक्षा दसवीं के प्रश्न पत्र में छात्रों से राज्य में पीडीपी के साथ गठबंधन करके सरकार बनाने वाली पार्टी का नाम पूछा गया लेकिन चार विकल्पों में से किसी भी विकल्प में भाजपा का नाम नहीं था।
आमिर खान के रामनाथ गोयनका समारोह में दिए गए बयान पर सोशल मीडिया पर बवाल मचा है। गौरतलब है कि आमिर खान ने कहा था कि पिछले छह-आठ महीनों में देश में माहौल गड़बड़ हुआ है और उनकी पत्नी किरण राव ने तो देश छोड़ने पर उनसे चर्चा भी की थी।
भाजपानीत राजग में कद्दावर हैसियत के साथ उभरे राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी कम से कम एक मामले में राजग के अपने पुराने सहयोगी रामविलास पासवान और उनकी लोजपा के नक्शे कदम पर चल रहे हैं। कुछ दिन पहले पासवान पर परिवारवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाने वाले राज्य के इस बड़े महादलित नेता मांझी ने अपनी पार्टी ‘हम’ यानी हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के उम्मीदवार तय करने में अपना और अपने नेताओं के परिवार के लोगों का विशेष ध्यान रखा है।
भाजपा सफाई कर्मचारियों के लिए फिर दांव चलने की तैयारी में। जबकि सैंकड़ों सफाई कर्मचारी सीवर-सेप्टिक टैंक में मर रहे हैं और केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस पर पूरी तरह खामोश हैं।
पिछले कुछ दिनों से प्याज के दाम में जबर्दस्त उछाल आया है। जनवरी से जुलाई तक इसमें 300 प्रतिशत तक का इजाफा हो चुका है। बाजार में 15 से 20 रुपये प्रति किलाे बिकने वाले प्याज की कीमत आज करीब 40 से 50 रुपये तक पहुंच गई है। इसकी सबसे बड़ी वजह मौसम की मार रही है।
एक और मॉडल फिल्मी परदे पर दस्तक दे रहा है। मॉडल से एक्टर बने जुबेर के. खान इस साल बड़े परदे पर चार फिल्मों में दिखेंगे। खास बात यह कि पूर्व क्रिकेटर श्रीसंत की जिंदगी पर बन रही फिल्म ‘वो कौन थी’ में जुबेर उनके अपोजिट होंगे। वहीं अनुराग बसु के एसोसिएट रहे दिगंबर शर्मा की फिल्म ‘पिक्चर तो बनेगी बॉस’ में भी जुबेर अहम किरदार में दिखेंगे। ‘पिक्चर तो बनेगी बॉस’ एक रोमांटिक कॉमेडी फिल्म है। इसके अलावा पेन कैमरा इंटरनेशनल के बैनर तले बन रही फिल्म ‘सोल’ और ‘द ड्रीम जॉब’ भी उनके खाते में है।
शुक्रवार को देश की आर्थिक राजधानी मुंबई की सारी गतिविधियां अचानक से रुक गईं। लगातार 24 घंटे की भारी बारिश और समुद्र में उठे ज्वार ने मुंबई की सड़कों और लोकल ट्रेन की पटरियों में इतना पानी भर दिया कि पूरे शहर में बाढ़ के हालात बन गए। लोकल के पहिये तो तत्काल थम ही गए, सड़कों पर भी गाड़ियां जहां-तहां खड़ी हो गईं। इसके साथ ही यह सवाल एक बार फिर से पूछा जाने लगा कि अगर शहर मानसून की पहली बारिश भी नहीं झेल पाया तो इसके लिए कौन जिम्मेदार है।