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यमुना की किसे परवाह

यमुना की किसे परवाह

करोड़ों खर्च के बावजूद यमुना की सफाई दूर की कौड़ी, केंद्र सरकार की रीति-नीति सर्वाधिक दुखदायी यमुनोत्री से निकली यमुना दिल्ली पहुंचते ही दम तोड़ देती है और यहां से आगे चलता है दिल्ली का मल मूत्र और अपशिष्ट। दिल्ली क्षेत्र में यमुना के 22 किलोमीटर के सफर में राज्य के 18 बड़े नाले उसे नदी से बड़ा नाला बना कर उत्तर प्रदेश की ओर रवाना करते हैं।
एसिड हमले के ईलाज का पूरा खर्च देगी राज्य सरकार: बादल

एसिड हमले के ईलाज का पूरा खर्च देगी राज्य सरकार: बादल

पंजाब के उप मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि गुरदासपुर जिले में एसिड हमले की शिकार महिला के ईलाज का पूरा खर्च राज्य सरकार उठाएगी और आगे ईलाज के लिए उसे फोर्टिस अस्पताल लुधियाना के बर्न यूनिट में भेजा जाएगा।
बंगाल में चुनाव खर्च सीमा को धता बताने का रोडमैप

बंगाल में चुनाव खर्च सीमा को धता बताने का रोडमैप

चुनाव आयोग डाल-डाल और राजनीतिक पार्टियां पांत-पांत। बंगाल के विधानसभा चुनाव में जिस तरह से सरगर्मी दिख रही है, उससे साफ है कि पैसा पानी की तरह बहाने की तैयारी है और राजनीतिक दलों ने इसके रास्ते पहले से ही तैयार कर रखे हैं। चुनाव आयोग के मापदंडों के हिसाब से पार्टियां चलें तो एक राजनीतिक दल अधिकतम 82 करोड़ रुपए खर्च कर पाएगा। लेकिन तैयारी इससे कई गुना ज्यादा उड़ाने की है।
चर्चाः धन जनता का, चमके चेहरे मंत्रियों के | आलोक मेहता

चर्चाः धन जनता का, चमके चेहरे मंत्रियों के | आलोक मेहता

रेडियो पर एक गाना बहुत बजता है- ‘चेहरा न देखो, चेहरे ने लाखों को लूटा।’ यों यह गीत प्यार-मोहब्बत से जुड़ा है। लेकिन नेताओं-मंत्रियों के लिए इन शब्दों के अलग-अलग अर्थ लगाए जाते हैं। भोली भाली जनता चेहरे और वायदे पर वोट दे देती है। फिर खून-पसीने की मेहनत की कमाई का एक हिस्सा टैक्स के रूप में सरकारी खजाने को देती है। इसी सरकारी खजाने की रकम से सरकार में बैठे प्रभावशाली नेता-मंत्री अपना चेहरा चमकाए रखना चाहते हैं।
दस साल में मनरेगा में  3.13 लाख करोड़ रुपये खर्च, भ्रष्टाचार बाधक बनकर उभरा

दस साल में मनरेगा में 3.13 लाख करोड़ रुपये खर्च, भ्रष्टाचार बाधक बनकर उभरा

गांव के हालात बदलने और लोगों के लिए रोजगार के अधिक अवसर प्रदान करने के उद्देश्य वाली महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के कल 10 वर्ष पूरे होंगे। इस योजना पर अब तक 3.13 लाख करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। हालांकि उत्तरप्रदेश, बिहार, पंजाब, छत्तीसगढ़, मणिपुर जैसे कई राज्यों में इस योजना के कार्यान्वयन को लेकर भ्रष्टाचार एवं अनियमिताताओं की शिकायतें बाधक के रूप में उभर कर सामने आई हैं।
तो शुगर की जांच एक रुपये के खर्च में होगी

तो शुगर की जांच एक रुपये के खर्च में होगी

भारत में चिकित्सा शोध की स्थिति हमेशा विकसित देशों के मुकाबले पिछड़ी रही है। कई गंभीर बीमारियां पूरे देश में फैल जाती हैं और उसपर नियंत्रण में खासा समय लग जाता है। ऐसे में देश में चिकित्सा शोध के लिए जिम्मेदार सरकारी विभाग चिकित्सा अनुसंधान विभाग (डीएचआर) एवं भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) पर बड़ी जिम्मेदारी आती है। आउटलुक ने आईसीएमआर की उपलब्धियों एवं चुनौतियों के बारे में परिषद की महानिदेशक डॉ. सौम्या स्वामीनाथन से विस्तृत बातचीत की। पेश हैं अंशः
मुसलमानों पर अरबों खर्च लेकिन हालात बद से बद्तर

मुसलमानों पर अरबों खर्च लेकिन हालात बद से बद्तर

भारत में सबसे बड़ा अल्पसंख्यक है मुसलमान। मगर सबसे बड़ा यह अल्पसंख्यक संपन्न अल्पसंख्यक नहीं है। उसे 68 साल से लगातार बैसाखियों की जरूरत पड़ती रही है, मगर उसे अक्सर यह बैसाखी या तो टूटी हुई मिली है या मिली ही नहीं। सवा 12 साल पिछले और डेढ़ साल इस सरकार का छोड़ दें तो आजाद भारत करीब 54 साल ऐसे गुजरे हैं जब देश की सत्ता कांग्रेस के हाथों में रही है। सबसे बड़े अल्पसंख्यक मुसलमान को ज्यादातर जो बैसाखी मिली हैं वह इसी कांग्रेस के राज में दी गईं, तो मुसलमान की हालत इतनी खराब क्यों है।
मोदी सरकार ने 80% घटाया आरटीआई के प्रचार का खर्च

मोदी सरकार ने 80% घटाया आरटीआई के प्रचार का खर्च

केंद्र सरकार ने चालू वित्त वर्ष के दौरान सूचना का अधिकार कानून के प्रचार-प्रसार पर सिर्फ 1.67 करोड़ रूपये खर्च किए जो पिछले वर्ष की तुलना में 80 प्रतिशत कम है। यह वर्ष 2008-09 के बाद आरटीआई के प्रचार पर खर्च हुई सबसे कम राशि है।
व्यापमं: मप्र सरकार ने वकीलों पर खर्च किए सवा करोड़

व्यापमं: मप्र सरकार ने वकीलों पर खर्च किए सवा करोड़

एक गैर सरकारी संगठन का आरोप है कि मध्य प्रदेश सरकार ने व्यापमं और डीमैट घोटाले के मामलों में सीबीआई जांच से बचने के लिए वरिष्ठ वकीलों की सेवाएं लीं। यही नहीं राज्य सरकार ने इसके लिए अपने ही विधि विभाग के दिशा निर्देशों का उल्लंघन किया और सेवा के लिए उन वकीलों को सवा करोड़ रुपये का भुगतान भी किया।
मेमन की फांसी पर 22 लाख का खर्च

मेमन की फांसी पर 22 लाख का खर्च

महाराष्ट्र सरकार ने राज्यपाल को इस नोटिंग के साथ फाइल भेजी है कि मेमन की नयी दया याचिका में कोई नया बिंदु नहीं उठाया गया है।
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