Advertisement

Search Result : "गंगा सागर"

वियतनाम में सेटेलाइट ट्रैकिंग स्टेशन बनाएगा भारत, निगाह चीन पर

वियतनाम में सेटेलाइट ट्रैकिंग स्टेशन बनाएगा भारत, निगाह चीन पर

भारत जल्द ही दक्षिणी वियतनाम में एक सेटेलाइट ट्रैकिंग और इमेजिंग केंद्र स्‍थापित करेगा जिससे भारतीय भू-निगरानी उपग्रह से हनोई तक की तस्वीर ली जा सकेगी और चीन तथा दक्षिणी चीन सागर तक की गतिविधियों पर निगाह रखी जा सकेगी।
लड़कियों का आर्थिक स्वालंबन जरूरी - उमा भारती

लड़कियों का आर्थिक स्वालंबन जरूरी - उमा भारती

उमा भारती अपने संसदीय क्षेत्र की लड़कियों को पढ़ाना चाहती हैं ताकि आर्थिक स्वालंबन आए। उनके अनुसार लड़कियों को आगे बढ़ाने के लिए यह सबसे जरूरी कदम है। गंगा को निर्मल बनाना भी उनकी प्राथमिकता सूची में सबसे ऊपर है।
चर्चा: नमामि गंगे पर पहरा | आलोक मेहता

चर्चा: नमामि गंगे पर पहरा | आलोक मेहता

गंगा हिमालय से निकलती है, लेकिन सागर तक पहुंचने में बहुत रोड़े आते हैं। केंद्र और राज्य सरकारें लगभग तीस वर्षों से गंगा को पवित्र बनाए रखने के लिए हजारों करोड़ खर्च कर चुकी हैं, लेकिन ‘पुण्यलाभ’ नहीं मिल पा रहा है। गंगा अधिक मैली होती गई है। गंगा किनारे बसे शहरों की तरक्की के साथ मोहल्ले का कचरा, मल-मूत्र ही नहीं औद्योगिक बस्तियों के जहरीले रसायनों से गंगा को अपवित्र एवं प्रदूषित किया गया। अब नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने सरकार की नमामि गंगे योजना में फंड जारी करने पर रोक लगा दी है। ट्रिब्यूनल इस बात से खफा हुआ कि उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश की सरकारों ने गंगा में प्रदूषण से जुड़े सवालों पर स्पष्ट जवाब तक नहीं दिए।
वाराणसी में गंगा आरती में शामिल हुए मोदी और जापानी पीएम आबे

वाराणसी में गंगा आरती में शामिल हुए मोदी और जापानी पीएम आबे

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज शाम अपने जापानी समकक्ष शिंजो आबे के साथ वाराणसी के प्रसिद्ध दशाश्वमेध घाट पर भव्य गंगा आरती में हिस्सा लेकर दोनों देशों के बीच के पारंपरिक सांस्कृतिक संबंधों में एक नया अध्याय जोड़ा। दोनों नेताओं ने दिल्ली में अपनी शिखर वार्ता के बाद वाराणसी की यात्रा की। वाराणसी प्रधानमंत्री मोदी का संसदीय क्षेत्र भी है।
गंगा को प्रदूषण से बचाने के लिए एनजीटी के सख्त कदम

गंगा को प्रदूषण से बचाने के लिए एनजीटी के सख्त कदम

राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (एनजीटी) ने उत्तराखंड में गंगा नदी के किनारे कौडियाला से ऋषिकेश तक के समूचे क्षेत्र में कैंपिंग गतिविधियों पर तत्काल रोक लगा दी है। हालांकि फिलहाल एनजीटी ने क्षेत्र में एडवेंचर स्पोर्ट्स राफ्टिंग पर रोक नहीं लगाई है। एक दूसरे निर्णय में एनजीटी ने गोमुख से लेकर हरिद्वार तक गंगा और उसके आसपास किसी भी प्रकार के प्लास्टिक के इस्तेमाल पर एक फरवरी से पूर्ण रूप से पाबंदी लगा दी है।
हर विद्रोह में ‘विद्रोही’ जिंदा रहेगा

हर विद्रोह में ‘विद्रोही’ जिंदा रहेगा

संघर्ष का नाम जनकवि रमाशंकर 'विद्रोही' नहीं रहे। जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय में पिछले दो दशकों में आने वाले हजारों छात्र उनकी कविता सुनकर संघर्ष करना सीखे होंगे। 'आसमान में धान बोने वाला' ये निर्भीक कवि संघर्ष करते हुए ही मरा। सोशल मीडिया पर विद्रोही की कविताओं का उत्सव सा जारी है। आंदोलनों में उनकी कविताएं गूंजती रहती हैं लेकिन उनकी चर्चित कविताओं में ‘जब भी किसी गरीब आदमी का अपमान करती है, ये तुम्हारी दुनिया, तो मेरा जी करता है, कि मैं इस दुनिया को उठाकर पटक दूं।’, ‘मैं भी मरूंगा और भारत के भाग्य विधाता भी मरेंगे लेकिन मैं चाहता हूं कि पहले जन-गण-मन अधिनायक मरें, फिर भारत भाग्य विधाता मरें ’, ‘आज तो चाहे कोई विक्टोरिया छाप काजल लगाए या साध्वी ऋतंभरा छाप अंजन लेकिन असली गाय के घी का सुरमा, तो नूर मियां ही बनाते थे...’ , ‘मैं किसान हूं आसमान में धान बो रहा हूं, कुछ लोग कह रहे हैं कि पगले, आसमान में धान नहीं जमा करता, मैं कहता हूं पगले, अगर जमीन पर भगवान जम सकता है तो आसमान में धान भी जम सकता है।..’ सोशल मीडिया पर इस जनकवि को श्रद्धांजलि देने वालों का सैलाब है-
आसियान सम्मेलनः मोदी ने आतंकवाद के खिलाफ सहयोग बढ़ाने को कहा

आसियान सम्मेलनः मोदी ने आतंकवाद के खिलाफ सहयोग बढ़ाने को कहा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वैश्विक आतंकवाद की चुनौतियों से निपटने के लिए आसियान के साथ सहयोग बढ़ाने का आह्वान किया, साथ ही क्षेत्रीय विवादों का निपटारा शांतिपूर्ण तरीके से करने की जरूरत को भी रेखांकित किया। प्रधानमंत्री मोदी ने 10 सदस्यीय समूह के साथ समुद्री सुरक्षा, समुद्री डकैती निरोधक एवं मानवीय और प्राकृतिक आपदा राहत जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सहयोग के लिए विशिष्ठ योजना बनाने का भी सुझाव दिया।
गंगा-जमुनी तहजीब बयां करते महरौली के पत्‍थर

गंगा-जमुनी तहजीब बयां करते महरौली के पत्‍थर

एक गिरजाघर है जो मंदिर सा दिखता है... और मस्जिद सा भी। एक त्यौहार है जो मुगलों के दौर से चला आ रहा है... जी हां , महरौली का हर पत्थर कुछ बोलता है और हिंदुस्तान की नायाब गंगा-जमुनी तहजीब के तराने सुनाता है।
गंगा-जमुनी संस्‍कृति पर हमलों का दौर

गंगा-जमुनी संस्‍कृति पर हमलों का दौर

देश इस समय विभिन्न क्षेत्रों में पतन की राह पर अग्रसर है। धर्मनिरपेक्षता, अनेकता, और भारतीय राष्ट्रीयता को राजनैतिक तौर पर कमजोर किए जाने के अलावा सांस्कृतिक बहुलता और मेलजोल की परंपरा पर भी कुठाराघात हो रहा है।
Advertisement
Advertisement
Advertisement