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Search Result : "गरीबों का मसीहा"

गरीबों के दिलों में उन्हें हमेशा जिंदा रखेंगी अम्मा की योजनाएं

गरीबों के दिलों में उन्हें हमेशा जिंदा रखेंगी अम्मा की योजनाएं

जया अम्मा यानी दिवंगत मुख्यमंत्री जे. जयललिता गरीबों को उनकी जरूरत का सामान मुफ्त और बहुत सस्ते में मुहैया कराने वाली मुख्यमंत्री के रूप में याद की जाएंगी। उनकी मौत पर आम गरीब तबके के लोगों के विलखने के पीछे उनका बजट का अधिकांश भाग गरीबों की सेवा में लगाया जाना भी है।
शिवराज की 5 रुपए की 'मामा' थाली में मिलेगा गरीबों को भरपेट भोजन

शिवराज की 5 रुपए की 'मामा' थाली में मिलेगा गरीबों को भरपेट भोजन

अपने राजनैतिक कैरियर में बतौर मुख्‍यमंत्री 11 साल पूरे करने के अवसर पर आयोजित किए गए गरीब कल्याण प्रशिक्षण सम्मेलन में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने तमिलनाडु की तरह अपने सूबे में दीनदयाल रसोई शुरू करने की घोषणा की है। इंडस्ट्री के सीएसआर फंड व सरकार की मदद से यह रसोई मजदूरों व गरीबों को 5 रुपए में भरपेट भोजन कराएगी।
नोटबंदी: गरीबों का दर्द बताने के लिए तेदेपा सांसद ने अपनाया अनोखा तरीका

नोटबंदी: गरीबों का दर्द बताने के लिए तेदेपा सांसद ने अपनाया अनोखा तरीका

तेलगूदेशम पार्टी के सांसद एन शिवप्रसाद ने नोटबंदी के फैसले के बाद आम जनता को होने वाली समस्याओं को उजागर करने के लिए अनोखा तरीका अख्तियार किया। मंगलवार को एन शिवप्रसाद संसद में काली सफेद रंग की शर्ट पहनकर आए जिसमें एक तरफ दुखी किसानों की तस्वीर थी तो दूसरी तरफ अमीर लोगों की।
भाजपा गरीबों की जमीन के साथ जान भी ले रही : लालू प्रसाद

भाजपा गरीबों की जमीन के साथ जान भी ले रही : लालू प्रसाद

राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने झारखंड में निहत्‍थे किसानों की हत्या की निंदा करते हुए कहा है कि भाजपा का जमीर मर चुका है। भाजपा अब गरीब किसानों की जमीन लेने के साथ उनकी जान भी ले रही है। उन्होंने कहा कि झारखंड की हिटलरशाही, दमनकारी, पूंजीपति व तानाशाही भाजपाई सरकार ने गांधी जयंती की पूर्व संध्या पर अनेक निहत्थे किसानों को मौत के घाट उतार दिया। पूंजीपतियों की गोद में खेलने वाली भाजपाई सरकार किसानों की जमीन के साथ जान भी ले रही है।
दरगाह आला हजरत का फतवा, हाफिज को इस्लाम से खारिज किया जाए

दरगाह आला हजरत का फतवा, हाफिज को इस्लाम से खारिज किया जाए

दरगाह आला हजरत से पाकिस्तान के आतंकी संगठन जमात-उद-दावा चीफ हाफिज सईद और उसे मसीहा मानने वालों को इस्लाम से खारिज कर दिया गया है। उसके संबोधन सुनने को भी हराम करार दिया गया है। मुसलमानों से कहा गया है कि वे हाफिज से बचकर रहें।
बफे भोज के पैसों से करते हैं गरीबों की मदद, इस बार की सबसे बड़ी बोली 34 लाख डॉलर

बफे भोज के पैसों से करते हैं गरीबों की मदद, इस बार की सबसे बड़ी बोली 34 लाख डॉलर

अमेरिका के अरबपति वारेन बफे ने सैन फ्रांसिस्को के बेघर लोगों की मदद के लिए धन जुटाने के संबंध में एक बार फिर से अपने साथ दोपहर के भोजन की दावत नीलामी की है और इस बार सबसे अधिक बोली 34 लाख डॉलर की है। शुक्रवार को एक व्यक्ति ने रिकार्ड 34,56,789 डॉलर की बोली लगाई, जो अपना नाम जाहिर नहीं करना चाहता। इस विजेता ने 2012 में परोपकार के लिए ईबे पर बेची जाने वाली किसी वस्तु के लिए रिकॉर्ड 34,56,789 डॉलर का भी भुगतान किया था। ई-बे पर नीलामी प्रक्रिया पिछले रविवार को शुरू हुई और शुक्रवार रात पूरी हुई।
अखिलेश बोले, समाजवादी नहीं होते तो गरीबों को एंबुलेंस नहीं मिलती

अखिलेश बोले, समाजवादी नहीं होते तो गरीबों को एंबुलेंस नहीं मिलती

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने बसपा सुप्रीमो मायावती पर बड़ा हमला करते हुए कहा है कि उन्होंने अपने शासनकाल में प्रदेश को बर्बाद कर दिया। अखिलेश ने यह भी कहा कि सूबे में मेरे जैसा काम किसाी सीएम नहीं किया है। उन्होंने कहा कि यूपी की सड़क एम्बुलेंस और डायल 100 का मुकाबला नहीं। डायल करो और 10 मिनट में पुलिस और एम्बुलेंस आपके पास हाजिर हो जाती है।
दिल्ली में गरीबों के लिए मकान तो बने लेकिन आवंटन नहीं हो पाए

दिल्ली में गरीबों के लिए मकान तो बने लेकिन आवंटन नहीं हो पाए

दिल्ली के आरके पुरम की झुग्गियों में रहने वाले फिरत ने पांच साल पहले इस उक्वमीद से राजीव आवास योजना के लिए आवेदन किया कि उसे रहने लिए एक घर मिल जाएगा। इसी तरह का दर्द कल्याणपुरी की झुग्गियों में रहने वाले महेश कुमार का है। यह दर्द केवल फिरत और महेश का ही दर्द नहीं है बल्कि दिल्ली के उन 16 लाख से अधिक उन आवेदकों का दर्द है जिनसे आवास के नाम पर पैसा तो जमा करा लिया गया लेकिन न तो ड्रा निकला और न ही आवंटन हुआ।
गरीबों में भारत का गरीबी अनुपात सबसे बदतर

गरीबों में भारत का गरीबी अनुपात सबसे बदतर

भारत में 2012 में किसी भी देश के मुकाबले सबसे अधिक गरीब आबादी थी पर देश की जनसंख्या में प्रति सैकड़ा गरीबों का औसत बड़ी गरीबी वाले देशों के बीच सबसे कम है। यह बात विश्व बैंक की ताजा रपट में कही। रपट के मुताबिक 2015 में विश्व में निपट गरीबों का औसत घटकर 10 प्रतिशत से नीचे आ सकता है।
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