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भारतीय पौराणिक कथाएं

भारतीय पौराणिक कथाएं

डॉक्टर देवदत्त पट्टनायक भारतीय पुराणों, उपनिषदों पर लगातार काम करते रहे हैं। जल्द ही उनकी दो नई पुस्तकें इसी विधा पर आने वाली हैं। अपनी पुस्तक में वह उन कथाओं को समेटते हैं, जो अब लोगों के मस्तिष्क से मिट गई हैं। मिथक और पौराणिक कहानियों के बीच वह संतुलन बनाते हुए कालातीत हुए किस्से लिखना उनकी खूबी है। उनकी पुस्तक भारतीय पौराणिक कथाएं के अध्याय 3 – पुराकथा-निर्माण : पुराकथाओं का रूपान्तरण के अंश।
समाज का चितेरा

समाज का चितेरा

सामाजिक ताना-बाना समझना किसी के लिए भी आसान नहीं है। इस जटिलता को भी असगर वजाहत ने बहुत अच्छी तरह न सिर्फ समझा बल्कि उसे बयान करने का शिल्प भी कमाल का है। यह शब्द जाने-माने साहित्यकार सर्वेश्वर दयाल सक्सेना के हैं, जो उन्होंने असगर वजाहत की कहानियों को पढ़ने के बाद कहे थे।
दिल्ली में ट्रकों की एंट्री पर 1 नवंबर से ग्रीन टैक्स

दिल्ली में ट्रकों की एंट्री पर 1 नवंबर से ग्रीन टैक्स

उच्चतम न्यायालय ने राजधानी में बढते प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए दिल्ली में दाखिल होने वाले वाणिज्यिक वाहनों से पर्यावरण शुल्क वसूलने का आदेश दिया है। अदालत ने अपने आदेश में कहा कि एक नवंबर से चार महीने के लिए राजधानी में प्रवेश करने वाले वाणिज्यिक वाहनों से टोल टैक्स के अतिरिक्त पर्यावरण शुल्क वसूला जाए।
नेहरू के दौर में भ्रष्टाचार

नेहरू के दौर में भ्रष्टाचार

भारत सरकार में इंटेलीजेंस ब्यूरो के पूर्व अधिकारी और विवेकानंद फाउंडेशन के फेलो आरएनपी सिंह को खुफिया से जुड़े विभिन्न क्षेत्रों में गहरा अनुभव है। उनकी राइट्स एंड रांग्स, बांग्लादेश डिकोडेड और हिंदी में दो पुस्तकें बहुत चर्चित रहीं। नेहरू: ए ट्रबल्ड लीगेसी से उन्होंने कुछ मौलिक सवाल उठाए हैं: क्या हमने कभी नेहरू के बारे में ईमानदारी से मूल्यांकन किया है और इस प्रभाव में क्या हमने देश के समकालीन इतिहास का निष्पक्ष मूल्यांकन किया है? इस पुस्तक में नेहरू के सिद्धांतवाद या अपने हित में दोहरे मानदंड अपनाने पर सवाल उठाए गए हैं।
दिल्ली में आने वाले ट्रकों पर पर्यावरण टैक्स

दिल्ली में आने वाले ट्रकों पर पर्यावरण टैक्स

दिल्ली में प्रदूषण पर कड़ा रुख अख्तियार करते हुए राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण ने दिल्ली में प्रवेश करने वाले वाणिज्यिक वाहनों से पर्यावरण टैक्स वसूलने के निर्देश दिए हैं।
कालेधन के विरुद्ध राजग सरकार का अभियान

कालेधन के विरुद्ध राजग सरकार का अभियान

कोई भी समाज ऐसे तंत्र को अनिश्चितकाल तक बनाए नहीं रख सकता जहां कमाई करने वाले व्‍यक्ति कर चोरी को जीवन का एक तरीका समझें। दुर्भाग्‍य से विगत में हमारे यहां टैक्‍स की दर काफी अधिक होने के चलते कर चोरी को प्रोत्‍साहन मिला। देश जब अपने नागरिकों पर तर्कसंगत दर से टैक्‍स लगाते हैं तो वे उन्‍हें ईमानदारी से उनकी आय का खुलासा करने के लिए प्रेरित कर सकते हैं।
फीफा ने वार्नर पर आजीवन पाबंदी लगाई

फीफा ने वार्नर पर आजीवन पाबंदी लगाई

फीफा के पूर्व उपाध्यक्ष जैक वार्नर फुटबाल से जुड़ी सभी गतिविधियों से आजीवन प्रतिबंधित कर दिया गया है। फीफा की नैतिक समिति ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
अमेरिका में टैक्स चोरी में फंसे भारतीय मूल के 7 कारोबारी

अमेरिका में टैक्स चोरी में फंसे भारतीय मूल के 7 कारोबारी

अमेरिका में 35 लाख डॉलर की बिक्री कर चोरी को लेकर भारतीय मूल के सात कारोबारियों को आरोपित किया गया है। इस अपराध में उन्हें 15 साल तक की सजा हो सकती है।
हिंदी साहित्य के इंजीनियर

हिंदी साहित्य के इंजीनियर

गणित के कठिन सवालों के बीच गोदान का होरी भी जिंदगी के जवाब खोजता है। रसायन के सूत्र भले भूल जाएं मगर चंदर का सुधा भूल जाना अखरता है। प्रकाश के परावर्तन का नीरस सिद्धांत सुनील के केस को सुलझाते ही सरस लगने लगता है। ब्लैक बोर्ड पर अल्फा, बीटा, गामा के बीच निर्मला, चोखेरबाली और राग दरबारी भी धमाचौकड़ी मचाते हैं। अमूमन घरों में होशियार बच्चे विज्ञान पढ़ते हैं। विज्ञान में भी लड़के गणित और लड़कियां जीव विज्ञान पढ़ती हैं। जब कोर्स की किताबें ही साल में खत्म करना मुश्किल हो तो कहानी-कविताएं, उपन्यास पढ़ने के लिए किसके पास वक्त है। गणित लेने के बाद अर्जुन की आंख की तरह बस एक ही लक्ष्य है, आईआईटी। विज्ञान पढ़ रहे बच्चों के माता-पिता को भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान से कम कुछ भी गवारा नहीं है। मोटी-मोटी किताबों, सुबह से शाम तक चलने वाली कोचिंग क्लासों के बीच इंजीनियर बनने का सपना पलता है। ऐसे में साहित्य की कौन सोचे। पढ़ाई के दौरान साहित्य पढऩा समय की बर्बादी है और लिखना... इसके बारे में तो सोचना भी मत।
आमिर को नहीं पता ट्विंकल प्रतिभाशाली हैं

आमिर को नहीं पता ट्विंकल प्रतिभाशाली हैं

आमिर खान का मानना है कि ट्विंकल खन्ना बहुत ही मजाकिया हैं। आमिर ट्विकंल खन्ना के लेखन के प्रशंसक हैं और एक अंग्रेजी दैनिक में प्रकाशित हो रहे उनके स्तंभ को नियमित रूप से पढ़ते हैं।
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