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गोधरा कांड में गुजरात हाई कोर्ट का बड़ा फैसला, 11 दोषियों की फांसी की सजा उम्रकैद में बदली

गोधरा कांड में गुजरात हाई कोर्ट का बड़ा फैसला, 11 दोषियों की फांसी की सजा उम्रकैद में बदली

गोधरा ट्रेन आगजनी मामले में सोमवार को गुजरात हाई कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाते हुए 11 दोषियों की फांसी की...
गुजरात के गोधरा में गायों को बचाने गई पुलिस टीम पर भीड़ ने किया हमला

गुजरात के गोधरा में गायों को बचाने गई पुलिस टीम पर भीड़ ने किया हमला

पुलिस ने बताया कि स्थिति इतनी हिंसक हो गई कि 100 से अधिक लोगों की भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस का सहारा लेना पड़ा।
सरदारपुरा दंगा: हाई कोर्ट ने 17 की उम्रकैद की सजा रखी बरकरार, 14 को किया बरी

सरदारपुरा दंगा: हाई कोर्ट ने 17 की उम्रकैद की सजा रखी बरकरार, 14 को किया बरी

गुजरात उच्च न्यायालय ने आज 2002 में गोधरा कांड के बाद हुए सरदारपुरा नरसंहार मामले में निचली अदालत द्वारा दोषी ठहराए गए 31 लोगों में से 17 की उम्रकैद की सजा बरकरार रखते हुए 14 को बरी कर दिया। सरदारपुरा के दंगा कांड में 33 लोगों को जिंदा जला दिया गया था।
गोधरा कांड का मुख्य आरोपी 14 साल बाद गिरफ्तार

गोधरा कांड का मुख्य आरोपी 14 साल बाद गिरफ्तार

गोधरा ट्रेन कांड के 14 सालों के बाद बुधवार को गुजरात एटीएस ने मुख्य आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। साल 2002 में हुए गोधरा ट्रेन कांड में 59 कार सेवक मारे गए थे जिसके बाद पूरे राज्य में बड़े पैमाने पर दंगे भड़क उठे थे जिनमें सैंकड़ों लोगों की मौत हो गई थी।
विश्‍व में गोधरा-अहमदाबाद से है मोदी की पहचान: शिवसेना

विश्‍व में गोधरा-अहमदाबाद से है मोदी की पहचान: शिवसेना

भाजपा और शिवसेना के बीच टकराव बढ़ता जा रहा है। मुंबई में गुलाम अली का कंसर्ट रद्द होने को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दुखद करार दिए जाने पर शिवसेना ने कड़ा ऐतराज जताया है। नरेंद्र मोदी काे उनका अतीत याद दिलाते हुए शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा, नरेंद्र मोदी जी की पहचान विश्व में गोधरा-अहमदाबाद की वजह से हुई है, और उसी वजह से हम मोदी जी का आदर भी करते हैं।
जवाब में बर्खास्‍त आईपीएस अफसर संजीव भट्ट की कविता

जवाब में बर्खास्‍त आईपीएस अफसर संजीव भट्ट की कविता

वर्ष 2002 में गोधरा कांड के बाद भड़के दंगों को लेकर नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली गुजरात सरकार पर सवाल उठाने वाले आईपीएस अधिकारी संजीव भट्ट को पुलिस सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है। केंद्र सरकार के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए संजीव भट्ट ने कहा कि वह 24 साल की उम्र में एक जुनून के साथ आईपीएस में आए थे और यह आग आज भी उनके अंदर जल रही है। उनका कहना है कि सरकार ने ड्यूटी से गैर-हाजिर रहने के मनगढ़ंत आरोपों पर एकतरफा जांच कर उन्‍हें सेवा से हटाने का फैसला किया है। सरकार के इस फैसले के खिलाफ संजीव भट्ट ने एक कविता के जरिये अपनी प्रतिक्रिया व्‍यक्‍त की है। इस अंग्रेजी कविता का अनुवाद इस प्रकार है:
किताब के जरिए अब्दुल कयूम ने बयां किया दर्द

किताब के जरिए अब्दुल कयूम ने बयां किया दर्द

गुजरात के अक्षरधाम मंदिर में आतंकी हमले के इल्जाम से बरी हुए मुफ्ती अब्दुल कयूम ने अपने दर्द को किताब के जरिए बताया है। '11 साल जेल में' शीर्षक से लिखी गई इस किताब में कयूम ने पुलिस प्रताड़ना से लेकर सामाजिक बुराइयों के बारे में विस्तार से लिखा है।
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