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चर्चा : पर्वत पर सौदेबाजी के आंसू। आलोक मेहता

चर्चा : पर्वत पर सौदेबाजी के आंसू। आलोक मेहता

मणिपुर, मिजोरम, नगालैंड, अरुणाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड से अधिक सुंदर पर्वतीय क्षेत्र, विविधता की संस्कृति, भोली भाली संघर्षशील जनता संपूर्ण विश्व में अदभु,त है। स्विट्जरलैंड से कई गुना बेहतर हिम शृंखला हिमालय में है। आजादी के बाद इस क्षेत्र को आवश्यकता और आकांक्षाओं के अनुरूप आर्थिक प्रगति के लाभ नहीं मिले। उत्तर प्रदेश का हिस्सा रहने पर उत्तराखंड के लोगों को रोजगार सहित विभिन्न सुख-सुविधाओं की कमी खलती रही। इसीलिए बड़े संघर्ष के बाद उत्तराखंड को छत्तीसगढ़ और झारखंड के साथ अलग राज्य का दर्जा मिला।
चर्चा : घुसपैठ से बड़ा मुद्दा विकास। आलोक मेहता

चर्चा : घुसपैठ से बड़ा मुद्दा विकास। आलोक मेहता

असम विधान सभा चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी ने अपने दृ‌िष्टनकोण पत्र में बांग्लादेशी अल्पसंख्यकों की घुसपैठ को प्रमुख मुद्दा बनाया है। घुसपैठ इस क्षेत्र की समस्या रही है, लेकिन इसे सांप्रदायिक रंग देना उचित नहीं लगता। खासकर यह आरोप लगाना कि तरुण गोगोई नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार पिछले 15 वर्षों से घुसपैठ को बढ़वा दे रही थी।
चर्चाः रंग और रोशनी से राजनीति | आलोक मेहता

चर्चाः रंग और रोशनी से राजनीति | आलोक मेहता

रंगों का त्योहार होली हो या रोशनी का उत्सव दीवाली- समाज के हर वर्ग को साथ मिलकर खुशियां बांटने की प्रेरणा देता है। यूं देश के शीर्ष नेता औपचारिक शुभकामना संदेश देते हैं, लेकिन हाल के वर्षों में राजनीति में सक्रिय नेताओं और कार्यकर्ताओं के बीच जिस तरह की जहरभरी पिचकारियां चलती हैं, वह समाज और लोकतंत्र के लिए खतरनाक बनती जा रही हैं।
चर्चाः दुनिया के बदलते रिश्तों से सीख | आलोक मेहता

चर्चाः दुनिया के बदलते रिश्तों से सीख | आलोक मेहता

दुनिया बदल रही है। दस वर्ष पहले किसने कल्पना की होगी कि हवाना की वायु सीमा में अमेरिकी राष्‍ट्रपति का विमान उड़ सकता है? किसने सोचा होगा कि इस्लामी साम्राज्य के नाम पर होने वाले अंतरराष्‍ट्रीय युद्ध में ईरान जैसा कट्टरपंथी देश अपने दशकों पुराने दुश्मन अमेरिका और उसके सहयोगी यूरोपीय देशों के साथ खड़ा दिखाई देगा?
चर्चाः सत्ता के लिए रास्ता वही पुराना | आलोक मेहता

चर्चाः सत्ता के लिए रास्ता वही पुराना | आलोक मेहता

भारतीय जनता पार्टी और उसकी सरकार अब एकछत्र राज के लिए कांग्रेस के पुराने रास्ते को अधिक चमकाकर आगे बढ़ने का प्रयास कर रही है। सप्ताहांत हुई पार्टी की राष्‍ट्रीय परिषद की बैठक में दलित, किसान, विकास, राष्ट्रवाद के एजेंडे को जोर-शोर से उछाला गया।
चर्चाः पांच कदम आगे, दो कदम पीछे | आलोक मेहता

चर्चाः पांच कदम आगे, दो कदम पीछे | आलोक मेहता

जम्मू-कश्मीर में सरकार बनना हो या पाकिस्तान के साथ संबंध या सूफी सम्मेलन, भाजपा सरकार जोर-शोर से पांच कदम आगे बढ़ाती है। कुछ घंटे या कुछ दिन-सप्ताह बाद उसी पार्टी और सरकार के दो कदम पीछे जाते दिखाई देते हैं। यह लुकाछिपी के खेल जैसा है।
चर्चाः सवाल सांसदों की आचार संहिता का | आलोक मेहता

चर्चाः सवाल सांसदों की आचार संहिता का | आलोक मेहता

सांसदों का ‘रिश्वत कांड’ एक बार फिर गूंज उठा। ममता बनर्जी देश की उन नेताओं में से हैं, जिन पर व्यक्तिगत भ्रष्टाचार के आरोप नहीं लग सकते। जार्ज फर्नांडिस पर ‘तहलका स्टिंग आपरेशन’ के कारण आरोप लगा, लेकिन जार्ज को भ्रष्ट और बेईमान नहीं माना गया।
चर्चाः जय-पराजय का विवाद | आलोक मेहता

चर्चाः जय-पराजय का विवाद | आलोक मेहता

एक नामी व्यापारिक समूह के युवा प्रबंध निदेशक ने अनौपचारिक बातचीत में मुझसे कहा था-‘कंपनी के कार्यकारी निदेशक रिश्ते में हमारे ताऊजी हैं और मैं पैर छूकर उनका अभिवादन करता हूं, लेकिन अब कामकाज के मामले उनकी बातें और पारंपरिक नीतियां मुझे कतई स्वीकार नहीं हैं।’ मेरी नजर में यह रवैया पाखंड ही कहा जाना चाहिए।
चर्चाः न्याय के तराजू पर जंग के खतरे | आलोक मेहता

चर्चाः न्याय के तराजू पर जंग के खतरे | आलोक मेहता

न्यायपालिका पर आप या हम कोई प्रश्नचिह्न लगाएं, तो अवमानना कानून की लक्ष्मण रेखा सामने आ सकती है। लेकिन सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश और देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद पर विराजमान राष्ट्रपति स्वयं न्याय की वर्तमान व्यवस्‍था एवं उसकी साख पर संकट की बात करें, तो निश्चित रूप से सुधार के लिए तत्काल कदम उठाए जाने की आवाज उठनी चाहिये।
चर्चाः घर में काला धंधा, परदेस में तलाश | आलोक मेहता

चर्चाः घर में काला धंधा, परदेस में तलाश | आलोक मेहता

विदेशों में पहुंचा अरबों का काला धन वापस लाने के वायदे के साथ आई सरकार विदेशों में जाल बिछाने की बातें महीनों से कर रही है। लेकिन ललित मोदी, विजय माल्या, सुब्रत राय ही नहीं पचीसों लोगों ने बैंकों, सेबी, आयकर, कस्टम्स को चूना लगाकर अरबों रुपया अंदर बाहर किया है।
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