खुद को अयोग्य ठहराए जाने के खिलाफ कांग्रेस के नौ विधायकों की उच्च न्यायालय में दायर याचिका को उत्तराखंड विधानसभा के अध्यक्ष ने खारिज करने की मांग करते हुए आज कहा कि इन सबने दल-बदल कानून का उल्लंघन किया और इसके लिए उन्हें दंडित किया जाना चाहिए।
उत्तराखंड की हरीश रावत सरकार के बागी नौ कांग्रेसी विधायकों को राज्य विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल द्वारा विधानसभा की सदस्यता से अयोग्य घोषित करने के लिए जारी कारण बताओ नोटिस का जवाब दाखिल करने की समयसीमा के आज शाम समाप्त हो जाने के बाद सभी निगाहें विधानसभा अध्यक्ष के निर्णय पर टिक गई हैं।
उत्तराखंड विधानसभा में 28 मार्च को हरीश रावत सरकार द्वारा बहुमत साबित करने की चुनौती से पहले सत्ताधारी कांग्रेस के नौ बागी विधायकों को सदन की सदस्यता से बेदखल किए जाने का कदम विवादों के घेरे में आ गया है।
उत्तराखंड में कांग्रेस की सरकार पर आए संकट को लेकर कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी में बयानबाजी तेज हो गई है। इस बीच अपने बचे विधायकों को किसी भी संभावित टूट से बचाने के लिए कांग्रेस ने उन्हें अज्ञात स्थान पर भेज दिया है। वैसे कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि उन्हें रामनगर भेजा गया है।