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कन्हैया मामले में 23 मार्च को सुनवाई

कन्हैया मामले में 23 मार्च को सुनवाई

दिल्ली उच्च न्यायालय ने देशद्रोह के मामले में जेएनयूएसयू अध्यक्ष कन्हैया कुमार को दी गई अंतरिम जमानत रद्द किए जाने की मांग करने संबंधी याचिकाओं की सुनवाई के लिए 23 मार्च की तारीख तय की है। न्यायमूर्ति सुरेश कैत ने कहा, स्थानांतरण के बाद याचिकाएं प्राप्त कर ली गई हैं। इस मामले को 23 मार्च के लिए फिर से अधिसूचित किया जाए।
कन्हैया, चार अन्य को जेएनयू से निकालने की सिफारिश

कन्हैया, चार अन्य को जेएनयू से निकालने की सिफारिश

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) की एक उच्चस्तरीय समिति ने राष्ट्रविरोधी नारेबाजी वाले पिछले महीने के एक विवादित कार्यक्रम में कथित भूमिका को लेकर कन्हैया कुमार, उमर खालिद, अनिर्बान भट्टाचार्य और दो अन्य छात्रों को निकालने की सिफारिश की है।
क्या भाजपा-जदयू में कोई खिचड़ी पक रही है

क्या भाजपा-जदयू में कोई खिचड़ी पक रही है

बिहार के हाजीपुर में शनिवार को एक कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बीच दिखी नजदीकी को लेकर अचानक ही राजनीतिक चर्चाएं तेज हो गई हैं। इस नजदीकी ने इन अटकलों को बल दिया है कि भारतीय जनता पार्टी और जनता दल यूनाइटेड में अंदरखाने कोई खिचड़ी पक रही है।
नीतीश की तारीफ के पुल बांध दिए मोदी ने

नीतीश की तारीफ के पुल बांध दिए मोदी ने

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता के समय से ही बिहार के विकास की अनदेखी करने का कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए उसपर निशाना साधा। उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के राजग का हिस्सा रहने के गुजरे वक्त को भी याद किया जब नीतीश ने यहां कई रेल परियोजनाओं का उद्घाटन किया था।
भोर साहित्यिक महोत्सवः विभूति नारायण राय और अभिरंजन कुमार सम्मानित

भोर साहित्यिक महोत्सवः विभूति नारायण राय और अभिरंजन कुमार सम्मानित

सुगौली प्रेस क्लब और भोर चैरिटेबल ट्रस्ट की ओर से आयोजित भव्य कार्यक्रम में पूर्व आईपीएस अधिकारी और साहित्यकार विभूति नारायण राय को रमेश चंद्र झा स्मृति सम्मान ओर पत्रकार अभिरंजन कुमार को पंकज सिंह स्मृति सम्मान से सम्मानित किया गया।
छात्रा का आरोप, कन्हैया ने किया था दुर्व्यवहार, लगा था जुर्माना

छात्रा का आरोप, कन्हैया ने किया था दुर्व्यवहार, लगा था जुर्माना

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार पर एक नया आरोप सामने आया है। आरोप है कि उसने विश्वविद्यालय की एक छात्रा के साथ दुर्व्यवहार किया था और उसे धमकी दी थी जिसके कारण विश्वविद्यालय प्रशासन ने उसपर जुर्माना लगाया था। घटना 10 जून, 2015 की बताई गई है जब कन्हैया छात्रसंघ का अध्यक्ष नहीं था।
हाथ थामते ही मोदी पर भड़के महंत

हाथ थामते ही मोदी पर भड़के महंत

असम विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के साथ गठजोड़ करने वाली असम गण परिषद (अगप) के प्रमुख प्रफुल्ल कुमार महंत ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर असम के हितों की उपेक्षा करने का आरोप लगाया है। गठबंधन में भाजपा द्वारा अगप के लिए कम सीटें छोड़े जाने से भी वे नाराज हैं। अंग्रेजी दैनिक `द इकोनॉमिक टाइम्स’ को दिए इंटरव्यू में महंत ने कहा है कि प्रधानमंत्री मोदी अभी ततक असम के लिए कुछ भी नहीं कर पाए हैं। भारत-बांग्लादेश के बीच जमीन हस्तांतरण को लेकर असम में बेहद नाराजगी थी। फिर भी उन्होंने यह संधि की।
'मोदी, अशोक के बाद दूसरे बड़े शासक’ - प्रो. लोकेश चंद्र

'मोदी, अशोक के बाद दूसरे बड़े शासक’ - प्रो. लोकेश चंद्र

प्रोफेसर लोकेश चंद्र शास्त्रीय यूनानी, लैटिन, चीनी, जापानी, पारसियों की अवेस्ता, पुरानी फारसी और सांस्कृतिक महत्व की अन्य भाषाओं के ज्ञाता हैं। वह संस्कृत, पालि और प्राकृत भाषा के विद्वान हैं। उनके नाम 596 कार्य और पाठ संस्करण हैं। उनमें से तिब्बती-संस्कृत शब्दकोश, तिब्बती साहित्य के इतिहास के लिए सामग्री, तिब्बत का बौद्ध प्रतिमा विज्ञान और 15 खंडों में बौद्ध कला का उनका शब्दकोश जैसी कालजयी कृतियां हैं। उन्होंने बुद्ध और शिव तथा भारत एवं जापान के बीच सांस्कृतिक संगम पर भी लिखा है। फिलहाल वह भारत और चीन के बीच पिछले दो हजार वर्षों के सांस्कृतिक आदान-प्रदान पर लिख रहे हैं। लाहौर में पंजाब विश्वविद्यालय से सन 1947 में स्नातकोत्तर करने वाले प्रोफेसर चंद्र भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद् के अध्यक्ष हैं। साथ ही वह भारतीय संस्कृति की अंतरराष्ट्रीय अकादमी, एशियाई संस्कृतियों के लिए एक प्रमुख अनुसंधान संस्था के मानद निदेशक हैं। वह सन 1974 से 1980 और 1980 से 1986 तक दो अवधियों में लिए राज्यसभा से संसद सदस्य भी रह चुके हैं। प्रोफेसर चंद्र ने आउटलुक की सहायक संपादक आकांक्षा पारे काशिव से देश और प्रधानमंत्री मोदी की योजनाओं पर बात की।
कन्हैया कुमार को सुरक्षा देने की मांग

कन्हैया कुमार को सुरक्षा देने की मांग

राज्यसभा में आज विपक्षी दलों ने जेएनयूएसयू अध्यक्ष कन्हैया कुमार की जान लेने पर 11 लाख रूपये और उनकी जीभ काटने पर पांच लाख रूपये का इनाम दिए जाने के कथित ऐलानों का जिक्र करते हुए उन्हें पर्याप्त सुरक्षा मुहैया कराने की मांग की गई है। हालांकि सरकार ने कहा कि कन्हैया को पूरी सुरक्षा मुहैया कराई जाएगी। देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किए जाने के बाद कन्हैया को हाल ही में जमानत पर रिहा किया गया है।
भाजपा ने कन्हैया को हीरो बना दिया: शिवसेना

भाजपा ने कन्हैया को हीरो बना दिया: शिवसेना

शिवसेना ने जेएनयूएसयू अध्यक्ष कन्हैया कुमार को मुफ्त प्रसिद्धि दिलाने के लिए भाजपा पर आज परोक्ष हमला करते हुए पूछा कि कन्हैया को इतने कम समय में जमानत कैसे मिल गई जबकि देशद्रोह के अन्य आरोपी अब भी जेल की सलाखों के पीछे हैं।
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