देश में यूपी समेत पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव का दौर लगभग समाप्त हो चुका है। पूरे देश की निगाहें चुनाव परिणाम पर टिकी है। भाजपा-कांग्रेस हो या सपा-बसपा सभी जीतने का दावा कर रहे हैं लेकिन ज्योतिष जगत के अध्येताओं की राय एकदम अलग है।
गणतंत्र दिवस के मौके पर इस बार सर्जिकल स्ट्राइक के नायकों का सम्मान दिया जा रहा। इन जवानों को बहादुरी के तमगे दिए जा रहे हैं। वहीं, इस बार गणतंत्र दिवस पर केवल अशोक चक्र दिया जाएगा जो राष्ट्रपति हवलदार हंगपन दादा (मरणोपरांत) की पत्नी को देंगे। इस पुरस्कार की घोषणा स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर की गई थी।
अशोक स्तंभ का जो स्वरुप हमारा राष्ट्रीय चिह्न है, वह अशोक स्तंभ का वास्तविक स्वरुप नहीं है। दरअसल असल अशोक स्तंभ में एक चक्र ऊपर भी था जिसमें 32 तीलियां थीं। जब अशोक स्तंभ को राष्ट्रीय चिह्न के तौर पर अपनाया जा रहा था तब एक सांसद ने इस ओर नेहरू का ध्यान आकृष्ट भी कराया लेकिन उन्होंने इसकी अनदेखी कर दी थी।
बिहार विधानसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी का रथ रोकने के बाद जनता दल (यूनाइटेड) राज्य के बाहर अपने विस्तार की कोशिशों में जुट गई है। इसी योजना के तहत पार्टी जल्द ही नया चुनाव चिह्न हासिल कर सकती है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज आकाशवाणी पर अपने मन की बात कार्यक्रम में बताया है कि सरकार जल्द ही स्वदेशी सोने के सिक्के लाने जा रही है। इन सिक्कों पर अशोक चक्र की छाप होगी। पीएम मोदी 5 नवंबर को 5 और 10 ग्राम वाली भारतीय स्वर्ण मुद्रा को लांच करेंगे।
करगिल की चोटी से 'ये दिल मांगे मोर’ का नारा देने वाले शहीद कैप्टन विक्रम बत्रा का परिवार आज न्याय के लिए सरकारी तंत्र का चक्कर लगा रहा है। कैप्टन विक्रम बत्रा ने देश की जमीन को बचाने के लिए अपनी जान कुर्बान कर दी लेकिन आज उनका परिवार अपनी ही जमीन पाने के लिए भू-माफिया से जूझ रहा है। कैप्टन विक्रम बत्रा के परिवार के संघर्ष में न तो सरकार का सहयोग मिल रहा है और न प्रशासन का। रोचक तथ्य तो यह है कि राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री से लेकर रक्षामंत्री तक गुहार लगाने वाले इस परिवार की सुध लेने से भी मध्य प्रदेश सरकार गुरेज कर रही है।