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Search Result : "चाय की पत्तियां तोड़ते मजदूर"

पंजाब में खेत मजदूरों को मिलेगा मुआवजा

पंजाब में खेत मजदूरों को मिलेगा मुआवजा

पंजाब में कर्ज की वजह से न केवल किसान बल्कि खेत मजदूर भी आत्महत्या कर रहे हैं। राज्य में अरसे से किसानों के अलावा खेत मजदूरों की सुध लेने के लिए आंदोलन भी जारी है। गौरतलब है कि राज्य की कपास पट्टी में सर्वाधिक किसानों ने आत्महत्याएं की हैं। अब सरकार कपास की चुगाई करने वाले उन खेत मजदूरों की स्थिति का जायजा लेगी जो भूख और कर्ज की वजह से आत्महत्याएं करने पर विवश हैं।
सुरंग में फंसे दो मजदूर बचाए गए, तीसरे के लिए प्रयास जारी

सुरंग में फंसे दो मजदूर बचाए गए, तीसरे के लिए प्रयास जारी

हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर के पास एक सुरंग धंसने के कारण उसमें फंसे तीन मजदूरों में से दो को कई दिनों के प्रयास के बाद आज सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया। हालांकि अब भी एक मजदूर के सुरंग के अंदर ही मलबे में फंसे होने की आशंका है।
चाय बेचते-बेचते हिंदी सीखी, इसकी ताकत जानता हूं: मोदी

चाय बेचते-बेचते हिंदी सीखी, इसकी ताकत जानता हूं: मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भोपाल में 10वें विश्व हिन्दी सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए कहा कि भाषा की भक्ति बहिष्कृत करने वाली नहीं होनी चाहिए बल्कि यह सम्मिलित करने वाली होनी चाहिए। हिंदी उनकी मातृभाषा नहीं है लेकिन उन्‍हें हिंदी की ताकत का अहसास है। हिंदी के बिना आज वह यहां तक नहीं पहुंचते।
हिंदी साहित्य के इंजीनियर

हिंदी साहित्य के इंजीनियर

गणित के कठिन सवालों के बीच गोदान का होरी भी जिंदगी के जवाब खोजता है। रसायन के सूत्र भले भूल जाएं मगर चंदर का सुधा भूल जाना अखरता है। प्रकाश के परावर्तन का नीरस सिद्धांत सुनील के केस को सुलझाते ही सरस लगने लगता है। ब्लैक बोर्ड पर अल्फा, बीटा, गामा के बीच निर्मला, चोखेरबाली और राग दरबारी भी धमाचौकड़ी मचाते हैं। अमूमन घरों में होशियार बच्चे विज्ञान पढ़ते हैं। विज्ञान में भी लड़के गणित और लड़कियां जीव विज्ञान पढ़ती हैं। जब कोर्स की किताबें ही साल में खत्म करना मुश्किल हो तो कहानी-कविताएं, उपन्यास पढ़ने के लिए किसके पास वक्त है। गणित लेने के बाद अर्जुन की आंख की तरह बस एक ही लक्ष्य है, आईआईटी। विज्ञान पढ़ रहे बच्चों के माता-पिता को भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान से कम कुछ भी गवारा नहीं है। मोटी-मोटी किताबों, सुबह से शाम तक चलने वाली कोचिंग क्लासों के बीच इंजीनियर बनने का सपना पलता है। ऐसे में साहित्य की कौन सोचे। पढ़ाई के दौरान साहित्य पढऩा समय की बर्बादी है और लिखना... इसके बारे में तो सोचना भी मत।
केजरीवाल से मिलीं ममता, शरद पवार की 'चाय पर चर्चा'

केजरीवाल से मिलीं ममता, शरद पवार की 'चाय पर चर्चा'

दिल्‍ली में शरद पवार और ममता बनर्जी की सक्रियता ने सियासी हलचल तेज कर दी है। शरद पवार आज ममता बनर्जी, मुलायम सिंह यादव और अरविंद केजरीवाल के साथ चाय पर मिल सकते हैं।
शत्रुघ्‍न की नीतीश से चाय पर चर्चा, देनी पड़ी सफाई

शत्रुघ्‍न की नीतीश से चाय पर चर्चा, देनी पड़ी सफाई

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बिहार दौर के दिन ही मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार से लंबी मुलाकात कर भाजपा नेता शत्रुघ्‍न सिन्‍हा ने राज्‍य की राजनीति में खलबली मचा दी है।
आधी आबादी मजदूर, लेकिन अति वंचित 1% से कम?

आधी आबादी मजदूर, लेकिन अति वंचित 1% से कम?

केंद्र सरकार ने लंबे इंतजार के बाद सामाजिक आर्थिक और जाति जनगणना (SECC) 2011 के कुछ आंकड़े जारी किए हैं। हालांकि, जाति से जुड़े आंकड़ों का अभी भी खुलासा नहीं हुआ है, लेकिन ग्रामीण भारत से जुड़े कई चौंकाने वाले तथ्‍य सामने आए हैं। इनमें से कुछ आंकड़े काफी विवादस्‍पद नजर आते हैं। नतीजों को सार्वजनिक करने में देरी और आपत्तियों की सुनवाई को लेकर यह जनगणना पहले ही सवालों से घिरी है। जानिए देश के 640 जिलों में हुई सामाजिक आर्थिक और जाति जनगणना ग्रामीण भारत की कैसी तस्‍वीर पेश करती है-
'लेस्बियन' के बाद विज्ञापन में अब 'लिव इन'

'लेस्बियन' के बाद विज्ञापन में अब 'लिव इन'

समाज बदल रहा है या विज्ञापन। शायद दोनों ही। लेकिन विज्ञापनों की दुनिया तेजी से बदल रही है। जिन मुद्दों पर हम बात करने से कतराते हैं, उन पर भी अब विज्ञापन बनाए जा रहे हैं। बेशक यह छोटा माध्यम है लेकिन इनका भी असर तो पड़ता ही है।
भाजपा से जुड़े मजदूर संगठन भी सरकार के खिलाफ

भाजपा से जुड़े मजदूर संगठन भी सरकार के खिलाफ

केंद्र की मोदी सरकार अगर कारोबार को बढ़ावा देने के नाम पर श्रम कानूनों में बदलाव के अपने एजेंडे पर अड़ी रहती है तो देश की मजदूर यूनियनें इसके खिलाफ हड़ताल पर जाने से नहीं हिचकेंगी। इसमें भाजपा से जुड़ी श्रमिक यूनियनें भी शामिल होंगी। इस बारे में कोई भी फैसला 26 मई को लिए जाने की उम्मीद है।
सीमेंट के विज्ञापन में मॉडल बनीं मजदूर

सीमेंट के विज्ञापन में मॉडल बनीं मजदूर

अल्ट्राटेक सीमेंट का विज्ञापन दिखाना चाहता है कि उनकी सीमेंट से कैसी खूबसूरत इमारतें बनती हैं। इस खूबसूरती को दिखाने के लिए लगता है इस उत्पाद के विज्ञापन बनाने वालों को लगा होगा कि केवल खूबसूरत लोग ही खूबसूरत चीजें बना सकते हैं। खूबसूरती का अतिरेक दिखाता यह विज्ञापन मजदूरों का एक तरह से अपमान है
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