चीन ने कई ऑनलाइन समाचार पत्रों का संचालन बंद कर दिया है। इससे पहले अधिकारियों ने स्वतंत्र रिपोर्टिंग और संभवत: संवेदनशील विषयों के बारे में लेख प्रकाशित करने को लेकर उनकी आलोचना की थी।
भारत सरकार ने चीन की सरकारी संवाद समिति शिन्हुआ का प्रतिनिधित्व कर रहे तीन चीनी पत्रकारों की वीजा अवधि बढ़ाने से साफ इनकार कर दिया है। तीनों पत्रकारों में शिन्हुआ के दिल्ली ब्यूरो के प्रमुख वू कियांग और मुंबई में दो संवाददाता तांग लू और मा कियांग शामिल हैं।
चीन में भारी बारिश और बाढ़ की वजह से 250 से अधिक लोगों के मरने की आशंका है। 132 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है जबकि 120 से ज्यादा लोग अब भी लापता हैं। वहीं मध्य हुबेई प्रांत में अब भी लगभग ढाई लाख लोग बाढ़ के पानी में फंसे हुए हैं।
केंद्रीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने आज साफ कहा कि भारत एनपीटी पर हस्ताक्षर नहीं करेगा। उन्होंने लोकसभा में यह बात कही। विदेश मंत्री परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) में भारत की सदस्यता पर चीन द्वारा अड़ंगा लगाए जाने से संबंधित विषय पर सदन को संबोधित कर रही थीं।
तियान क्विंग और झाओ युनलेई की ओलंपिक चैंपियन जोड़ी अगले महीने रियो ओलंपिक में अपने महिला बैडमिंटन युगल स्वर्ण पदक का बचाव नहीं कर पाएंगी क्योंकि चीन की राष्ट्रीय ओलंपिक समिति (एनओसी) ने उनको टीम में नहीं रखा है।
दक्षिण चीन सागर में चीन के दावों पर अंतरराष्ट्रीय न्यायाधिकरण के फैसले से पहले राष्ट्रीय एकजुटता का आह्वान करते हुए चीन की सरकारी मीडिया ने अमेरिका और जापान के खिलाफ अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए कहा है कि चीन को सतर्क रहना चाहिए।
हेग स्थित अंतरराष्ट्रीय न्यायाधिकरण ने आज चीन को बड़ा झटका देते हुए फैसला सुनाया है कि दक्षिण चीन सागर के द्वीपों पर चीन का कोई ऐतिहासिक अधिकार नहीं है और चीन इस बारे में जो दावे करता है उसका कोई कानूनी आधार नहीं है।
चीन द्वारा एनएसजी में प्रवेश बाधित करने को लेकर भारत की कड़ी प्रतिक्रियाओं के बीच चीन के एक सरकारी समाचार पत्र ने कहा है कि भारत अब भी 1962 के युद्ध की मानसिकता मे अटका हुआ है। समाचार पत्र ने बीजिंग के रुख का अधिक तथ्यपरक मूल्यांकन किए जाने की अपील की।
एक अप्रत्याशित घटनाक्रम में ताइवान की तरफ से गलती से चीन की ओर एक पोत रोधी सुपरसोनिक मिसाइल दागने का मामला सामने आया है। हालांकि 75 किमी की दूरी तय करने के बाद मिसाइल ताइवान समुद्री क्षेत्र में ही गिर गया। यह घटना चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी की 95वीं वर्षगांठ के अवसर पर राष्ट्रपति शी जिनपिंग द्वारा ताइवान की स्वतंत्रता का विरोध किए जाने के बीच सामने आई है।