मार्क बाउचर की याद है आपको। हां, वही दक्षिण अफ्रीका के विकेटकीपर, पांच वर्ष पहले जिनकी आंख में उछलकर बेल्स लग गई थी और उन्हें वक्त से पहले क्रिकेट से संन्यास लेना पड़ गया था। लेकिन अब विकेटकीपरों को ऐसी गंभीर चोटों से बचाने के लिए मेरिलबोन क्रिकेट क्लब (एमसीसी) ने पहल की है। एमसीसी ने ऐसी बेल्स के इस्तेमाल को मंजूरी दे दी है जो स्टंप उखड़ने के वक्त गिरेगी तो उतनी ही तेजी से लेकिन उसकी दूरी सीमित हो जायेगी। दक्षिण अफ्रीका और ब्रिटेन की दो कंपनियों ने इस तरह की बेल्स के अपने डिजाइन सौंपे हैं।
आईपीएल के दसवें संस्करण में पिछली बार की उप विजेता रॉयल चैलेंजर्स बेंगलौर की टीम के सामने अपने अहम खिलाड़ियों की चोट के बीच चमकीला सफर जारी रखने की चुनौती है। टीम ने टूर्नामेंट में तीन बार फाइनल खेला है। पर उसे खिताबी जीत अभी तक नहीं मिली है। चोट के बीच क्या तीन बार की तरह इस बार भी आरसीबी खिताब जीतने से वंचित रह जाएगी?