छत्तीसगढ़ में पिछले लगभग एक महीने से जारी लोक सुराज अभियान के दौरान मुख्यमंत्री रमन सिंह ने पाया कि राज्य के किसान और ग्रामीण अपनी जमीन का खसरा-नक्शा लेने के लिए परेशान होते हैं। इसके लिए उन्हें दफ्तरों के चक्कर लगाने पड़ते हैं। इन्हीं सब परेशानियों को देखते हुए मुख्यमंत्री ने राज्य के 36 लाख परिवारों को उनकी जमीन का मुफ्त खसरा-नक्शा उपलब्ध कराने का फैसला किया है।
आसाराम के कथित अनुयायी कार्तिक हलदर ने एके 47 राइफल खरीदने की योजना बनाई थी ताकि वह अन्य गवाहों की भी हत्या कर सके। संदेह है कि आसाराम और उनके पुत्र नारायण साईं के खिलाफ बलात्कार के दो मामलों के तीन प्रमुख गवाहों की गोली मारकर हत्या हलदर ने ही की है।
सरकार ने साझा चिकित्सा प्रवेश परीक्षा नीट के दायरे से राज्यों के बोर्ड को को एक अकादमिक वर्ष के लिए दूर रखने वाले अध्यादेश की घोषणा को आज मंजूरी दे दी।
पंजाब में प्रचंड गर्मी से राहत के लिए लोग बारिश का इंतजार कर रहे हैं लेकिन जालंधर सहित प्रदेश के ज्यादातर हिस्सों में पानी की बजाय आजकल राख की बारिश हो रही है। लोगों के घर की छतों और आंगन में राख की एक मोटी परत जमा हो रही है। इस बारिश का असर खाने और कपड़े पर भी हो रहा है।
लोगों की छोटी-छोटी जरूरतों की पूर्ति छत्तीसगढ़ में बड़ा फर्क ला रही है- नक्सल समस्या से लेकर राजनीतिक समीकरण तक में। पढ़ें सरगुजा (छत्तीसगढ़) से आउटलुक की ग्राउंड रिपोर्ट
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह को 12 साल से सत्ता में बने हुए हैं और अगले विधानसभा चुनाव की तैयारी में दमखम से जुटे हुए हैं। राजनीतिक समीकरणों पर उनकी निगाह है। अरसे से उन्होंने विकास कार्यक्रमों को अपना कारगर हथियार बना रखा है। नक्सली हिंसा के मुकाबले के लिए भी वे जनता से सीधा संवाद और विकास योजनाओं के सूक्ष्म स्तर तक क्रियान्वयन को सटीक फार्मूला मानते हैं। पार्षद से मुख्यमंत्री तक का सफर तय करने वाले रमन सिंह को जनता की नब्ज सटीक तौर पर समझने-परखने वाला नेता माना जाता है। छत्तीसगढ़ में अभी हाल उन्होंने `लोक सुराज यात्रा' का अभियान शुरू किया है। छत्तीसगढ़ के सरगुजा संभाग के इलाकों के दौरे में डॉ. रमन सिंह के साथ आउटलुक के समाचार संपादक दीपक रस्तोगी ने लंबी बातचीत की। प्रस्तुत हैं प्रमुख अंश :
उड़ीसा, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, असम, बिहार और बंगाल में नए सिरे से सक्रिय हो रहे हैं माओवादी। नए स्क्वायड खड़े करने में जुटा पीपुल्स लिबरेशन ऑफ गुरिल्ला आर्मी (पीएलजीए)। पीपुल्स लिबरेशन ऑफ गुरिल्ला आर्मी (पीएलजीए) के प्रधान (कमांडर इन चीफ) मिसिर बेसरा को बंगाल के जंगलमहल में माओवादी गुरिल्ले तैयार करने की जिम्मेदारी दी गई है।