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सिगरेट नहीं पीते फिर भी हो सकता है फेफड़े का कैंसर

सिगरेट नहीं पीते फिर भी हो सकता है फेफड़े का कैंसर

ये एक आम धारणा है कि यदि कोई व्यक्ति फेफड़े के कैंसर से पीड़ित है तो निश्चित रूप से वह सिगरेट, बीड़ी, हुक्का या इसी तरह का कोई तंबाकू के धुएं वाला नशा करता होगा। हाल तक यह धारणा कुछ हद तक ठीक भी मानी जाती थी क्योंकि ऐसे लोगों में से 90 फीसदी से अधिक धूम्रपान के आदि पाए जाते थे मगर अब ‌स्थिति ऐसी नहीं है।
देश के 43 वैज्ञानिकों को आईसीएमआर पुरस्कार

देश के 43 वैज्ञानिकों को आईसीएमआर पुरस्कार

स्वास्थ्य के अलग-अलग क्षेत्रों में उल्लेखनीय योगदान के लिए देश के चुनिंदा 43 वैज्ञानिकों को आज दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के सभागार में भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) पुरस्कारों से सम्मानित किया गया।
नहीं रहे मुफ्ती सईद, महबूबा के मुख्यमंत्री बनने की संभावना

नहीं रहे मुफ्ती सईद, महबूबा के मुख्यमंत्री बनने की संभावना

जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद का, प्लेटलेट्स के खतरनाक स्तर तक गिरने के बाद आज दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्‍थान में निधन हो गया। वह जम्मू कश्मीर के शक्तिशाली अब्दुल्ला परिवार के साथ मुकाबला करने वाले ऐसे कुशल नेता थे जो देश के पहले मुस्लिम गृह मंत्री बने। पीडीपी-भाजपा गठबंधन सरकार में पिछले साल एक मार्च को मुख्यमंत्री पद का कार्यभार संभालने वाले सईद (79) ने पिछले कुछ दिनों से वेंटीलेटर पर रहने के बाद आज सुबह अंतिम सांस ली।
डेंगू के बाद अब दिल्ली में स्वाइन फ्लू का खतरा

डेंगू के बाद अब दिल्ली में स्वाइन फ्लू का खतरा

डेंगू संकट से जूझ रहे दिल्लीवासियों के ऊपर अब स्वाइन फ्लू का खतरा मंडरा रहा है। दिल्ली में स्वाइन फ्लू फैलने की आशंका है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने स्वाइन फ्लू के संभावित खतरे से दिल्लीवासियों को चेताया है।
संघर्ष के बाद संजीव चतुर्वेदी को उत्तराखंड कैडर

संघर्ष के बाद संजीव चतुर्वेदी को उत्तराखंड कैडर

लंबे समय से भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई के कारण चर्चा में रहे भारतीय वन सेवा के अधिकारी संजीव चतुर्वेदी को उत्तराखंड कैडर में भेज दिया गया है। मूल रूप से हरियाणा कैडर के अधिकारी चतुर्वेदी पिछले तीन सालों से अपना कैडर बदलने की गुहार लगा रहे थे।
महोबा में एम्स, 21 हिंदुओं ने रखा रोजा

महोबा में एम्स, 21 हिंदुओं ने रखा रोजा

उत्तर प्रदेश के महोबा जिले में गंगा-जमुनी तहजीब की अनूठी मिसाल पेश करते हुए हिंदू धर्मगुरुओं तथा मतावलंबियों ने मुसलमानों के साथ मिलकर रोजा रखना शुरू कर दिया है। विकास की दौड़ में पिछड़े इस जिले में एम्स स्थापना की मुहिम के तहत शुरू की गई इस मुकद्दस कोशिश की हर तरफ चर्चा हो रही है।
एम्स का चरित्र बदलने की तैयारी, इलाज होगा महंगा

एम्स का चरित्र बदलने की तैयारी, इलाज होगा महंगा

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), यानी भारत के गरीब और आम बीमार आदमी का मक्का-मदीना। देश भर के गरीबों के लिए बड़ी से बड़ी बीमारियों से लड़ने का आखिरी मुकाम। अक्सर यह बड़े नेताओं के इलाज करवाने की वजह से भी चर्चा में रहता है। एक बार फिर इसका चरित्र बदलने की कवायद चल रही है। एक बार फिर इसे रईसों, सुविधा संपन्न बीमारों के लिए चमचमाने की कोशिश हो रही है। यह पूछने की जरूरत नहीं है कि ऐसा आम मरीजों के इलाज और विद्यार्थियों की पढ़ाई के लिए आने वाले पैसे से ही करने की तैयारी है।
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