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'पहल' का कोई गुट नहीं रहा - ज्ञानरंजन

'पहल' का कोई गुट नहीं रहा - ज्ञानरंजन

आजादी के बाद हिंदी साहित्य में जिन पत्रिकाओं ने अपनी विशिष्ट पहचान बनाई उनमें 'पहल' का नाम उल्लेखनीय है। यह पत्रिका अपने वैचारिक तेवर और प्रतिबद्धता के लिए विशेष रूप से जानी जाती है। हिंदी की इस चर्चित पत्रिका ने प्रकाशन के चालीस साल पूरे कर लिए हैं। इस पत्रिका ने देश के चार दशकों के राजनीतिक, सामाजिक, सांस्कृतिक जीवन और इतिहास को भी समेटा है। हाल ही में इसका सौवां अंक आया। इस मौके पर जबलपुर में एक समारोह भी आयोजित किया गया।
#खूनी_व्‍यापमं: अब जबलपुर मेडिकल कॉलेज के डीन की मौत

#खूनी_व्‍यापमं: अब जबलपुर मेडिकल कॉलेज के डीन की मौत

व्‍यापमं घोटाले की कवरेज पर गए टीवी पत्रकार की संदिग्ध मौत के बाद अब घोटाले की जांच से जुड़े जबलपुर मेडिकल कॉलेज के डीन का शव दिल्‍ली यरपोर्ट के पास एक होटल में मिला है। हैरानी की बात है कि इसी मेडिकल कॉलेज की पूर्व डीन की मौत भी रहस्‍यमय तरीके से हुई थी। अब तक इस घोटाले से जुड़े 25 से ज्‍यादा लोगों की मौत हो चुकी है।
व्यापमं घोटाले में रामनरेश यादव के खिलाफ प्राथमिकी खारिज

व्यापमं घोटाले में रामनरेश यादव के खिलाफ प्राथमिकी खारिज

मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने व्यापम घोटाले को लेकर राज्य के राज्यपाल रामनरेश यादव के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी आज खारिज कर दी। मुख्य न्यायाधीश ए एम खानविलकर और न्यायमूर्ति रोहित आर्य की खंड पीठ नेे यादव के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी खारिज की।
ये दिल मांगे न्याय

ये दिल मांगे न्याय

करगिल की चोटी से 'ये दिल मांगे मोर’ का नारा देने वाले शहीद कैप्टन विक्रम बत्रा का परिवार आज न्याय के लिए सरकारी तंत्र का चक्कर लगा रहा है। कैप्टन विक्रम बत्रा ने देश की जमीन को बचाने के लिए अपनी जान कुर्बान कर दी लेकिन आज उनका परिवार अपनी ही जमीन पाने के लिए भू-माफिया से जूझ रहा है। कैप्टन विक्रम बत्रा के परिवार के संघर्ष में न तो सरकार का सहयोग मिल रहा है और न प्रशासन का। रोचक तथ्य तो यह है कि राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री से लेकर रक्षामंत्री तक गुहार लगाने वाले इस परिवार की सुध लेने से भी मध्य प्रदेश सरकार गुरेज कर रही है।
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