केंद्र व राज्यों की भाजपा सरकारों के खिलाफ भू-अधिग्रहण को लेकर किसानों का असंतोष बढ़ता जा रहा है। मोदी सरकार की भूमि अधिग्रहण्ा नीति को सबसे पहले लागू करने वाले राजस्थान में अजमेर हवाई अड्डे के लिए हुए भू-अधिग्रहण के खिलाफ किसान आंदोलन पर उतारू हैं। गुरुवार को रूप सिंह नाम का एक किसान विस्थापन और पूरा मुआवजा न मिलने के विरोध में पानी की टंकी पर जा चढ़ा और जान देने की धमकी देने लगा।
अनिल अंबानी की अगुवाई वाली रिलायंस पावर ने मंगवार को कहा कि उसने भूमि अधिग्रहण में अत्यंत विलंब के चलते झारखंड में 36,000 करोड़ रुपये की तिलैया अति वृहद बिजली परियोजना (यूएमपीपी) के लिए ठेका खत्म कर दिया है।
आम आदमी पार्टी ने बुधवार को चेताया कि केंद्र अगर विवादित भूमि विधेयक पर आगे बढ़ता है तो पार्टी उसके खिलाफ अपने आंदोलन का दायरा बढ़ाएगी। वहीं पार्टी प्रमुख और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल इस विधेयक के विरोध में यहां एक रैली आयोजित कर रहे हैं।
बेशक विकास के लिए भूमि जरूरी है। देश को ज्यादा से ज्यादा उद्योगों, सड़कों, बिजली, रेल, अस्पतालों, स्कूलों और मकानों की जरूरत है। लिहाजा, भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया सरल और पारदर्शी होनी चाहिए। जिनसे जमीन ली जाए उन्हें उचित मुआवजा और विकास में हिस्सेदारी मिलनी ही चाहिए। लेकिन क्या मोदी सरकार की ओर से लाया जा रहा भूमि अधिग्रहण विधेयक, 2015 इस मामले में खरा उतरता है? वास्तव में नहीं।
लंबी छुट्टी के बाद वापस लौटे कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने रविवार को दिल्ली के रामलीला मैदान में आयोजित किसान रैली में सरकार पर जमकर निशाना साधा। राहुल गांधी के अलावा कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह सहित पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं ने संबोधित किया।
करीब दो महीने के अवकाश से लौटे कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने रविवार को आयोजित होने वाली किसान रैली से पहले शनिवार को अपनी पहली सार्वजनिक उपस्थिति में विभिन्न राज्यों से आए किसानों से मुलाकात की और संप्रग के कानून में नरेन्द्र मोदी सरकार की ओर से किये गए बदलाव के बारे में उनकी राय मांगी।
कांग्रेस भूमि अधिग्रहण अध्यादेश के खिलाफ लड़ाई लड़ने के लिए जमीन पर ही नहीं बल्कि वेबसाइट से भी निशाना साधेगी। भूमि अधिग्रहण अध्यादेश के खिलाफ वह एक वेबसाइट न्च करने जा रही है। इसमें इस अध्यादेश की खामियां बताई गई है। बताया गया है कि इससे किस तरह से देश भर के किसान अपनी जमीन से महरूम हो जाएंगे।