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Search Result : "जमीयत उल उलेमा ए हिंद"

‘सरहद संभलती नहीं,अंदरूनी जंग की तैयारी कर रही सरकार’

‘सरहद संभलती नहीं,अंदरूनी जंग की तैयारी कर रही सरकार’

यूनिफॉर्म सिविल कोड के मुद्दे पर देश के तमाम मुस्लिम संगठन एक मंच पर आ चुके हैं। उन्होंने सरकार को आड़े हाथों लेते हुए चेतावनी भरे लहजे में कहा है कि किसी भी सूरत में यूनिफॉर्म सिविल कोड मंजूर नहीं किया जाएगा। मुस्लिम संगठनों ने यहां तक कहा कि मोदी सरकार से सरहद तो संभल नहीं रही है और वह अंदरूनी जंग के लिए फिजा तैयार कर रही है।
भारत को अपनी रक्षा करने का पूरा अधिकार: जमात ए इस्लामी हिंद

भारत को अपनी रक्षा करने का पूरा अधिकार: जमात ए इस्लामी हिंद

देश के प्रमुख मुस्लिम संगठन जमात ए इस्लामी हिंद ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में घुसकर सेना द्वारा आतंकी ठिकानों पर की गई कार्रवाई (सर्जिकल स्ट्राइक) का समर्थन करते हुए आज कहा कि भारत एक संप्रभु देश है और उसे अपनी एवं अपने लोगों की रक्षा करने का पूरा अधिकार हासिल है।
मदनी के बयान पर उलेमा बोले, कश्‍मीर भारत का आंतरिक मामला

मदनी के बयान पर उलेमा बोले, कश्‍मीर भारत का आंतरिक मामला

56 मुस्लिम देशों का प्रतिनिधित्व करने वाले संगठन आर्गेनाईजेशन ऑफ इस्लामिक कोऑपरेशन (ओआइसी) के महासचिव अयाज अमीन मदनी के कश्मीर मामले में दिए गए बयान की भारतीय उलेमाओं ने आलोचना की है। भारतीय उलेेमा और बुद्धिजीवियों के मुताबिक मदनी का यह कहना गलत है कि कश्मीर अंतरराष्ट्रीय मामला है बल्कि कश्मीर समस्या विशुद्ध रूप से भारत का आंतरिक मामला है, जिसे बातचीत से हल किया जा सकता है।
‘फिरकापरस्त’ तबका समझ रहा हम जो जी चाहें करें-मौ.अरशद मदनी

‘फिरकापरस्त’ तबका समझ रहा हम जो जी चाहें करें-मौ.अरशद मदनी

देश के मौजूदा सियासी-सामाजिक हालातों पर जमीयत उलमा-ए-हिंद के सदर मौलाना सय्यद अरशद मदनी मौजूदा सरकार को जिम्मेदार ठहराते हैं। उनका कहना है कि कुछ मौजूदा मसलों पर सरकार ने अगर समझदारी का सुबूत न दिया,जो लोग मुल्क के हालात खराब करने की कोशिश कर रहे हैं अगर सरकार के हाथ उनकी गर्दन तक नहीं पहुंचे या उनके हौसले को न तोड़ा गया तो हालात खराब होंगे।
आजादी महात्मा गांधी के कारण नहीं मिलीः इंद्रेश कुमार

आजादी महात्मा गांधी के कारण नहीं मिलीः इंद्रेश कुमार

आरएसएस के वरिष्ठ पदाधिकारी इंद्रेश कुमार ने एक बार फिर विवादित बयान दिया है। उन्होंने कहा है देश को आजादी महात्मा गांधी के भारत छोड़ो अथवा असहयोग आंदोलनों की वजह से नहीं बल्कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस द्वारा गठित सशस्त्र आजाद हिंद फौज की वजह से मिली।
आईएस इस्लाम पर कब्जा नहीं कर सकता - मौलाना महमूद मदनी

आईएस इस्लाम पर कब्जा नहीं कर सकता - मौलाना महमूद मदनी

‘ इस्लाम की खासियत है कि वह कट्टर नहीं हो सकता है। जमीअत-उलमा-ए-हिंद उसी इस्लाम का प्रतिनिधत्व करती है। जो कट्टर है वह इस्लाम नहीं है।‘ दिल्ली में आयोजित ईद मिलन समारोह के दौरान यह बात जमीअत-उलमा-ए-हिंद के सचिव मौलाना महमूद मदनी ने कही। उन्होंने कहा कि पावन रमजान के बाद इनाम का दिन आता है और वह दिन ईद का होता है।
‘हुकूमत की खामोशी मायूसी पैदा करती है’

‘हुकूमत की खामोशी मायूसी पैदा करती है’

जमीअत-उलमा-ए-हिंद की ओर से दिल्ली में आयोजित ईद मिलन समारोह में उपराष्ट्रपति समेत देश की जानी-मानी हस्तियों ने शिरकत की। इनमें सियासतदान, धार्मिक नेता, कई मुल्कों के राजदूत और देश के गणमान्य लोग शामिल थे।
तलाक और बहुविवाह की व्यवस्था में सुधार की पहल करें उलेमा: मुशावरत

तलाक और बहुविवाह की व्यवस्था में सुधार की पहल करें उलेमा: मुशावरत

एक साथ तीन बार तलाक कह कर तलाक देने और बहुविवाह पर रोक लगाने की बहस के बीच देश के कई मुस्लिम संगठनों की प्रतिनिधि संस्था ऑल इंडिया मुस्लिम मजलिस ए मुशावरत ने इसमें सुधार के लिए ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड और उलेमाओं से पहल करने की अपील की है। हालांकि मुशावरत ने यह भी स्पष्ट किया कि इसमें सरकार और अदालतों का कोई दखल नहीं होना चाहिए।
राष्ट्रवाद पर बहस के पहले दौर में भाजपा के लिए वैचारिक जीत: जेटली

राष्ट्रवाद पर बहस के पहले दौर में भाजपा के लिए वैचारिक जीत: जेटली

राष्ट्रवाद पर वैचारिक संघर्ष को आगे बढ़ाने का इरादा जाहिर करते हुए केंद्रीय मंत्री अरूण जेटली ने कहा कि भाजपा ने पहला दौर तो जीत लिया है क्योंकि अब तक जो लोग भारत विरोधी नारे लगाते थे अब अगर भारत माता की जय नहीं तो जय हिंद कहने को तो मजबूर हुए हैं।
‘लोग आग उगल रहे हैं और सरकार मुंह में बताशा डालकर बैठी है’

‘लोग आग उगल रहे हैं और सरकार मुंह में बताशा डालकर बैठी है’

‘ संसद एक मरकज अदारा है लेकिन वहां बैठे लोग नफरत उगल रहे हैं। खासकर मुस्लिम अकिलियत के खिलाफ। साल भर से आग उगलने का यह सिलसिला जारी है और सरकार मुंह में बताशा डालकर बैठी है। इसका मतलब समझा सकता है। लेकिन इस देश में धर्मनिरपेक्षता का दस्तूर जारी रखने के लिए हम मैदान में आए हैं। इसके लिए 12 मार्च को दिल्ली में लगभग 40,000 हिंदू, मुसलमान, दलित और ईसाई धर्म के लोग इक्ट्ठा होकर अमन का पैगाम देंगे।‘ यह कहना है जमीअत-उलमा-ए-हिंद के सदर मौलाना सईद अरशद मदनी का।
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