अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बराक ओबामा के समय में जलवायु परिवर्तन रोकने के लिए जारी की गई नीतियों को खत्म करने वाले एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर कर दिए हैं।
संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून ने जलवायु परिवर्तन से मुकाबले पर पीछे नहीं हटने पर जोर देते हुए दुनिया के नेताओं से अपील की है कि वे पेरिस में हुए ऐतिहासिक समझौते का समर्थन और पालन करें।
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा है कि भारत आपसी लाभ के लिए इस्राइल के साथ साझेदारी बढ़ाने को उत्सुक है और दोनों देशों को वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिए मिलकर काम करना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि भारत को गृह और साइबर सुरक्षा समेत विभिन्न क्षेत्रों के विकास की जरूरत है जिनमें इस्राइल ने अपनी क्षमताएं साबित की हैं।
अमेरिका के निवर्तमान राष्ट्रपति बराक ओबामा ने नवनिर्वाचित अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को चेताया है कि वह ईरानी परमाणु समझौता और पेरिस जलवायु परिवर्तन समझौते जैसे अंतरराष्ट्रीय निर्णयों को रद्द नहीं करें। ओबामा ने कहा कि इन ऐतिहासिक समझौतों पर हस्ताक्षर करने के लिए बहुत प्रयास किए गए हैं।
जलवायु परिवर्तन से जुड़े पेरिस समझौते को अमलीजामा पहनाने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम के तहत दुनिया के लगभग 200 देशों ने किगाली रवांडा में सर्वसम्मति से सुपर ग्रीनहाउस गैसों का इस्तेमाल बंद करने का निर्णय लिया।
भारत द्वारा पेरिस जलवायु संधि पर दस्तखत के चंद दिनों बाद शुक्रवार को केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) व्यवस्था में पर्यावरण की लिहाज से प्रतिकूल उत्पादों पर अन्य उत्पादों के मुकाबले अलग तरह का कर लगाया जाएगा। ऐसा कर जलवायु परिवर्तन से बचाव आदि से जुड़े कामों के लिए अधिक कोष जुटाया जाएगा।
संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की-मून ने कहा है कि पेरिस जलवायु परिवर्तन समझौते पर भारत के अनुमोदन ने दुनिया को इस साल लक्ष्य को हासिल करने की दिशा में आगे बढ़ाया है। संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने कहा कि भारत दो अक्तूबर को महात्मा गांधी की जयंती पर जलवायु परिवर्तन पर पेरिस समझौते पर अनुमोदन पत्र देगा और गांधीजी को तथा लोगों एवं धरती के लिए उनकी विरासत को याद करने का इससे बेहतर कोई तरीका नहीं हो सकता।
भूजल स्तर में लगातार गिरावट आने, शहरों का विस्तार होने के बावजूद बुनियादी सुविधाओं की कमी, जलवायु परिवर्तन, देश के 20 राज्यों में जल विषाक्तता के बीच जल के समुचित उपयोग एवं संरक्षण को लेकर एक समग्र, व्यापक राष्ट्रीय नीति बनाने की मांग के साथ जल को संविधान की समवर्ती सूची में रखने के विचार पर बहस शुरू हो गई है।
अमेरिका ने कहा है कि भूटान जलवायु परिवर्तन और पर्यावरण संरक्षण जैसे मुद्दों पर एक वैश्विक आदर्श है क्योंकि यह देश जितनी कार्बन डाइ आॅक्साइड का उत्सर्जन करता है, उससे तीन गुना ज्यादा यह अवशोषित कर लेता है। उसका संविधान कहता है कि देश में कम से कम 60 फीसदी हिस्से पर जंगल होने चाहिए। इस समय इसके 72 फीसदी हिस्से पर जंगल हैं।