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Search Result : "जवाहर लाल नेहरू की प्रतिमा"

मेरी ही जासूसी क्यों-अनिल विज

मेरी ही जासूसी क्यों-अनिल विज

हरियाणा में कमल वाली सरकार आने के बाद से लेकर अभी तक कोई करिश्मा नहीं हुआ। वादों की जमीन बंजर है। लेकिन एक मंत्री ऐसे हैं जिनका अपने विभाग के काम को लेकर ऐसा जुनून है कि इतनी चर्चा सरकारी योजनाओं की नहीं होती जितनी उनके ट्वीट की हो जाती है। जब से इन्होंने पदभार संभाला है तब से छापे और बर्खास्तगियां आम बात है। वह कभी अस्पताल तो कभी सचिवालय की छत पर खुद चढक़र पानी की टंकी साफ करने लगते हैं। स्वास्थ्य विभाग में इनका ऐसा हौवा है कि हरियाणा में एक जुमला कहा जाने लगा है, ‘भाग नहीं तो अनिल विज आ जाएगा’। पांच दफा विधायक चुने जा चुके साफ-सुथरी छवि के विज ने न तो सरकारी मकान लिया, न टेलीफोन सुविधा। गलत निर्णयों में अपनी ही सरकार की ऐसी-तेसी करने से भी नहीं डरते।
लाल बहादुर शास्‍त्री की मौत संबंधी फाइलों के खुलासे की मांग

लाल बहादुर शास्‍त्री की मौत संबंधी फाइलों के खुलासे की मांग

देश के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्‍त्री की मौत के रहस्‍य से पर्दा उठाने के लिए उनके बेटे सुनील शास्‍त्री ने संबंधित फाइलों के खुलासे की मांग की है। इससे पहले मनमोहन सिंह सरकार उनकी इस मांग का अनसुना कर चुकी है।
स्वच्छता रेटिंग में पिछड़ा राष्ट्रपति भवन

स्वच्छता रेटिंग में पिछड़ा राष्ट्रपति भवन

राष्ट्रपति भवन में चाहे और बहुत कुछ हो मगर सफाई जरा कम है। हाल ही में जारी स्वच्छता अभियान रेटिंग में राष्ट्रपति भवन पिछड़ गया है। राष्ट्रपति भवन को हैदराबाद हाउस, विज्ञान भवन और जवाहरलाल नेहरू भवन ने पछाड़ा है।
नेहरू-नफरत के पीछे दिमाग की सड़न

नेहरू-नफरत के पीछे दिमाग की सड़न

नेहरू की अनेक जीवनियां मौजूद हैं जो गहन शोध के बाद लिखी गई हैं। लेकिन उनके अलावा जनश्रुतियाँ भी हैं। उनकी जो तस्वीर जनमानस में नक्श है, वह अधिकतर अफवाहों से बनाई गई है। आप साधारण जन से बात करें तो उनकी छवि एक आरामतलब,ऐय्याश,धोखेबाज,भाई-भतीजावादी नेता और कमजोर प्रशासक की ही उभरती है।
सरकारी एड्रेस से विकीपीडिया में नेहरू पर अफवाहः कांग्रेस

सरकारी एड्रेस से विकीपीडिया में नेहरू पर अफवाहः कांग्रेस

ट्विटर हैंडल @AnonGoIWPEdits के अनुसार देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और उनके पूर्वजों को लेकर धर्म संबंधी अफवाहें फैलाई जा रही हैं। यह ट्विटर हैंडल विकीपीडिया पर होने वाले एडिट्स पर नजर रखता है। इसने पाया कि तमाम बदलाव और अफवाहें भारत सरकार के आईपी एड्रेस से किए गए थे और इनमें लिखा था कि पंडित नेहरू के दादा गंगाधर नेहरू मुस्लिम थे।
लंदन में ओपी नैय्यर के तराने

लंदन में ओपी नैय्यर के तराने

लंदन के नेहरू सेंटर में ओपी नैय्यर के गीतों से सजी शाम का आयोजन हुआ। कुल 140 सीटों वाले नेहरू सेंटर में 170 लोगों ने अर्पण कुमार और मीतल के मार्फत मुहम्मद रफी और आशा भोंसले की आवाजों को सुना। की-बोर्ड पर सुनील जाधव थे तो तबले पर केवल। गीतों से भरी इस शाम में कई लोग दूर-दूर से आए थे।
सम्प्रति वार्ताः श्रूयन्ताम्!

सम्प्रति वार्ताः श्रूयन्ताम्!

दूरदर्शन द्वारा संस्कृत-समाचार प्रसारण की अवधि बढ़ाने के निर्णय पर कोई खास आश्चर्य नहीं हुआ, क्योंकि संस्कृत मोदी सरकार के एजेंडे में है। इस निर्णय का निहितार्थ भी आसानी से समझ में आने वाला है, इसलिए इस पर सवाल भी उठेंगे ही। इस ऐलान के बाद लोगों के जेहन में सबसे पहला सवाल तो यह है कि संस्कृत में न्यूज बुलेटिनों और समाचार-चर्चा के कार्यक्रमों का दर्शक या श्रोता वर्ग कौन है? दूसरा सवाल यह है कि देश में कितने लोग ऐसे होंगे जो वास्तव में संस्कृत माध्यमों से इन कार्यक्रमों की बाट जोह रहे हैं? ये महज शोशा है या इसकी कोई ठोस जरूरत है?
आप ने अटाली हिंसा को खट्टर की रैली से जोड़ा

आप ने अटाली हिंसा को खट्टर की रैली से जोड़ा

हरियाणा के अटाली गांव में हुई हिंसा के लिए आप आदमी पार्टी के जांच दल ने मुख्‍यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की इलाके में कुछ दिनों पहले हुई एक रैली को जिम्‍मेदार ठहराया है।
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