साल 2002 में गुजरात के नरोदा गांव में हुए दंगों के केस की सुनवाई कर रही एसआईटी की विशेष अदालत ने भाजपा अध्यक्ष अमित शाह को बचाव पक्ष (माया कोडनानी) के गवाह के तौर पर पेश होने के लिए समन भेजा है।
विपक्ष की राष्ट्रपति उम्मीदवार मीरा कुमार ने कहा कि राष्ट्रपति चुनाव में दलित का मुकाबला दलित से, जैसी चर्चाएं चल रही हैं, लेकिन जब उच्च जाति के उम्मीदवार होते हैं तो उनकी जाति की चर्चा नहीं की जाति। मीरा कुमार ने कहा कि जाति को जमीन में गाड़ देना चाहिए।
बायकुला जेल में बंद इंद्राणी सहित 200 कैदियों के खिलाफ रविवार को आईपीसी के तहत दंगा फैलाने, गैर-कानूनी तरीके से एकत्रित होने, सरकारी कर्मचारी पर हमला करने और अन्य संबंधित धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया।
आज दलित समुदाय हर दृष्टि से चौराहे पर खड़ा है। कई दशक बाद दलित राजनीति लगभग हाशिए पर पंहुच गई है। दलित जन प्रतिनिधियों से दलित समुदाय एकदम निराश है। वे समुदाय पर होने वाले अत्याचार के मसलों पर कुछ नहीं बोलते हैं। अब दलित समाज में उन्हें खुले मंचों से पूना पैक्ट की खरपतवार कहना शुरू कर दिया है।
सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश जस्टिस मार्कण्डेय काटजू ने सोशल मीडिया साइट के माध्यम से कहा कि देश में सभी प्रकार के जाति आधारित आरक्षण बंद होने चाहिए। उन्होंने इसे देश के लिए एक अभिशाप बताया है।
प्रदेश कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में जाति आधारित हिंसा के पीड़ितों को सहायता देने में विफल रही योगी सरकार पर निशाना साधा है। कांग्रेस ने कहा कि राज्य में भाजपा सरकार के बाद से जाति आधारित हिंसा में बढ़ोतरी हुई है।
उत्तर प्रदेश में गुंडाराज का खत्म करने के दावे के साथ आई योगी आदित्यनाथ की सरकार के सामने हिंसक घटनाएं नई चुनौती पेश कर रही है। खासतौर पर पश्चिमी उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में जिस तरह शोभा यात्रा के नाम पर निकलेे जुलूस उपद्रव का कारण बने रहे हैं, उसने कानून-व्यवस्था पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
उत्तर प्रदेश का सहारनपुर जिला अब जुलूस, बवाल और दंगो के नाम से चर्चा में है। दूधली के बाद बड़गांव के सब्बीरपुर में जुलूस के नाम पर बवाल हुआ। इस तरह शोभायत्रा के नाम पर हो रही हिंसा और उपद्रव कई सवाल खड़े कर रहे हैं।