19 सितंबर 2010 को दिल्ली के जामा मस्जिद के पास हुए बम धमाके के बाद आईएम के दो संदिग्धों ने जामा मस्जिद के पास से गुजर रही विदेशी पर्यटकों से भरी बस को निशाना बनाया था।
आईसीएसई स्कूलों में पढ़ायी जाने वाली एक किताब में एक ‘‘मस्जिद’’ को ध्वनि प्रदूषण के स्रोत के रूप में पेश करने को लेकर सोशल मीडिया पर लोगों ने गुस्से का इजहार किया जिसके बाद प्रकाशक ने माफी मांगी और चित्र को आगे के संस्करणों से हटाने का वादा किया।