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Search Result : "जावेद अंसारी"

माइकेल, एलीस और खुर्शीद का प्रेम त्रिकोण

माइकेल, एलीस और खुर्शीद का प्रेम त्रिकोण

युवाओं की पसंदीदा फिल्म कल हो न हो की लोकप्रियता इतने सालों बाद भी कायम है। इस फिल्म के प्रसिद्ध शीर्षक गाने पर जर्मनी के राजदूत माइकेल स्टाइनर, उनकी पत्नी एलीस स्टाइनर और भूतपूर्व विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद ने अभिनय किया है।
कार्यकाल समाप्त होने के बाद विदाई

कार्यकाल समाप्त होने के बाद विदाई

राज्यसभा में गुरुवार को एक अनूठा नजारा उस समय देखने को मिला जब सदस्यों ने कार्यकाल समाप्त कर चुके तीन सदस्यों को विदाई दी। राज्यसभा में शायद यह पहली बार हुआ की सदस्यों को कार्यकाल समाप्त होने के बाद विदाई दी गई। उससे भी रोचक नजारा यह रहा कि कार्यकाल समाप्त हो चुके माकपा के ऐसे एक सदस्य पी राजीव को फिर से सदन में वापस लाये जाने की सदन के नेता और नेता प्रतिपक्ष ने एक स्वर में मांग की।
तीस्ता के साथ फोर्ड को लपेटने का वार

तीस्ता के साथ फोर्ड को लपेटने का वार

गुजरात सरकार के लिए परेशानी खड़ी करने का साहस रखने वाली मानवाधिकार कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ के लिए मुश्किलें खत्म होने का नाम नहीं ले रहीं। उनकी संस्था को आर्थिक सहयोग करने वाली अमेरिका की संस्था फोर्ड के खिलाफ केंद्र सरकार ने मोर्चा खोल दिया है।
हिंदी व्रत और उर्दू रोजा वालों की हो गई

हिंदी व्रत और उर्दू रोजा वालों की हो गई

हाल ही में दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान शायर और फिल्म लेखक जावेद अख्तर ने श्रोताओं से रूबरू होते हुए कई राज जाहिर किए। उन्होंने बताया कि उन्होंने 1976 तक उन्होंने शायरी शुरू नहीं की थी। उस वक्त वह 31 वर्ष के थे, जबकि इस उम्र में लोग शायरी कर चुके होते हैं। 12 वर्ष की उम्र तक उन्हें सैकड़ों और 15 वर्ष की उम्र तक उन्हें लाख से ज्यादा शेयर याद थे। वह अपने को खुशकिस्मत मानते हैं क्योंकि लखनऊ में अपने ननिहाल में उन्हें अपने मामा मजाज साहब समेत उस दौर के तमाम नामी शायरों का साथ मिला, जिनके साथ वह बच्चों की तरह रहे।
दोस्ती की राह पर ईरान-अमेरिका?

दोस्ती की राह पर ईरान-अमेरिका?

जिनीवा में अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन केरी और उनके ईरानी समकक्ष ने तेहरान के परमाणु कार्यक्रम पर गहन वार्ता की, जिसका उद्देश्य महत्वपूर्ण समय सीमा से पहले करार की राह में आड़े आ रही बाधाओं को दूर करना है।
तीस्ता के समर्थन में उठी आवाज़ें

तीस्ता के समर्थन में उठी आवाज़ें

गुजरात दंगों के ख़िलाफ़ निरंतर सक्रिय रहने वाली ऐक्टिविस्ट तीस्ता सीतलवाड़ को कानूनी पचड़ों में फंसाये जाने को लेकर मुखर विरोध शुरू हो गया है। देशभर के कई जाने-माने बुद्धिजीवियों ने सरकार की नीयत पर सवाल उठाते हुए तीस्ता के पक्ष में अभियान शुरू कर दिया है। अब तक इस अभियान से हज़ारों लोग जुड़ चुके हैं।
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