राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े स्वदेशी जागरण मंच ने आनुवंशिक रूप से संशोधित (जीएम) सरसों को मंजूरी देने के जीईएसी के फैसले का विरोध किया है। इसके विरोध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे पत्र में जीएम सरसों को अवैज्ञानिक, विषैला बताया गया है। इसमें यह भी कहा गया है कि इससे पैदावार को भी नुकसान होगा।
देश के कुछ प्रमुख किसान संगठनों ने जीएम सरसों की वाणिज्यिक खेती की सिफारिश किए जाने पर विरोध जताया है। जीईएसी द्वारा जीएम सरसों को अनुमती मिलने के बाद किसान संगठनों ने पर्यावरण मंत्रालय से इसको मंजूरी नहीं देने की मांग की है।
अब भारत में भी जेनेटिकली मोडिफाई (जीएम) फसलों की खेती हो सकेगी। जीएम फसलों की खेती के लिए जेनेटिक इंजीनियरिंग एप्राइजल समिति (जीईएसी) ने आज पर्यावरण मंत्रालय को अपनी मंजूरी दे दी है। हालांकि समिति ने इसके व्यवसायिक इस्तेमाल की सिफारिश करते हुए कई शर्तें भी रखी है।
भारत में अनुवांशिक तौर पर संवर्धित (जीएम) सरसों की खेती को मंजूरी देने के मुद्दे पर बुलाई गई बैठक बेनतीजा रही। किसानों और सामाजिक कार्यकर्ताओं के विरोध प्रदर्शन के बीच इस मुद्दे पर कोई निर्णय नहीं लिया जा सका।