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नोटबंदी का जीडीपी पर पड़ेगा प्रतिकूल असर : मनमोहन

नोटबंदी का जीडीपी पर पड़ेगा प्रतिकूल असर : मनमोहन

नोटबंदी का देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) पर काफी ज्यादा प्रतिकूल असर होगा और यह पांच राज्यों के आगामी विधानसभा चुनाव में एक मुद्दा होगा। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने आज यह राय जताई।
नोटबंदी के असर को शामिल किए बिना ही जीडीपी ग्रोथ में गिरावट का अनुमान

नोटबंदी के असर को शामिल किए बिना ही जीडीपी ग्रोथ में गिरावट का अनुमान

सरकार ने वित्त वर्ष 2017 में जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) ग्रोथ के अनुमान के आंकड़े जारी कर दिए हैं। वित्त वर्ष 2016-17 में जीडीपी वृद्धि दर 7.1 फीसदी रहने का अनुमान लगाया गया है जबकि वर्ष 2015-16 में यह 7.6 फीसदी पर थी। गौर हो कि पिछली क्रेडिट पॉलिसी में आरबीआई ने भी ग्रोथ की रफ्तार के अनुमान को 0.5 फीसदी घटाकर 7.1 फीसदी कर दिया था। 7.1 फीसदी विकास दर का अनुमान पिछले 3 साल का निचला स्तर है।
'नोटबंदी के बाद आर्थिक गतिविधियां बढ़ने से जीडीपी वृद्धि दर 10 फीसद होगी'

'नोटबंदी के बाद आर्थिक गतिविधियां बढ़ने से जीडीपी वृद्धि दर 10 फीसद होगी'

बड़े नोटों को अमान्य करने के निर्णय को गरीबोन्मुखी और कालाधन के खिलाफ जंग करार देते हुए वित्त राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि इस निर्णय से देश में आर्थिक गतिविधियों का दायरा बढ़ेगा और आने वाले समय में जीडीपी वृद्धि दर 2 प्रतिशत बढ़कर 10 प्रतिशत के स्तर तक पहुंचेगी।
जीडीपी वृद्धि दर सितंबर तिमाही में 7.3 प्रतिशत रही

जीडीपी वृद्धि दर सितंबर तिमाही में 7.3 प्रतिशत रही

देश की जीडीपी वृद्धि दर, मुख्य रूप से विनिर्माण, सेवा तथा व्यापार क्षेत्रों के बेहतर प्रदर्शन से चालू वित्त वर्ष की जुलाई-सितंबर तिमाही में 7.3 प्रतिशत रही। इससे पिछले तीन महीने के दौरान जीडीपी वृद्धि सालाना आधार पर 7.1 प्रतिशत थी।
पीएम मोदी के नोटबंदी से देश की जीडीपी की वृद्धि दर रह जाएगी आधी

पीएम मोदी के नोटबंदी से देश की जीडीपी की वृद्धि दर रह जाएगी आधी

मोदी सरकार के नोटबंदी के फैसले के बाद इस वित्त वर्ष में भारत की जीडीपी के 3.5 फीसदी की दर से वृद्धि करने का अनुमान लगाया जा रहा है। अभी तक 2017 के वित्तीय वर्ष में घरेलू अर्थव्यवस्था 7.5 फीसदी की दर से बढ़ोतरी कर रही थी। इस तरह नोटबंदी के बाद देश की जीडीपी की वृद्धि की गति लगभग आधे रहने की आशंका है।
आर्थिक मोर्चे पर धीमी पड़ी रफ्तार, विकास दर घटकर 7.1 फीसदी हुई

आर्थिक मोर्चे पर धीमी पड़ी रफ्तार, विकास दर घटकर 7.1 फीसदी हुई

सूखा और खनन व निर्माण क्षेत्र की धीमी गति के चलते विकास दर चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में घटकर 7.1 प्रतिशत रह गयी है जो कि पिछली छह तिमाही में सबसेे कम है। जीडीपी में वृद्धि का ताजा स्तर वित्त वर्ष 2015-16 की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में 7.5 प्रतिशत की अपेक्षा कम है।
मेडल चाहिए तो लड़कियों को आगे लाना होगा

मेडल चाहिए तो लड़कियों को आगे लाना होगा

आेलंपिक मेंं अगर मेडल लाना है तो लड़कियों को आगे लाना होगा। 98 देशों पर हुए वैश्विक अध्‍ययन के बाद निष्‍कर्ष आया है कि जिन देशों में लैंगिक समानता है वहां की लड़कियों ने ओलंपिक में ज्‍यादा से ज्‍यादा पदक बटाेेरे हैं।
अधिक विकास दिखाने के लिए मोदी सरकार कर रही आंकड़ों में हेरफेर: दिग्विजय सिंह

अधिक विकास दिखाने के लिए मोदी सरकार कर रही आंकड़ों में हेरफेर: दिग्विजय सिंह

वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने आरोप लगाया कि भाजपा नीत राजग सरकार अधिक जीडीपी दिखाने के लिए आंकड़ों में हेरफेर कर रही है। इसके साथ ही उन्होंने दावा किया कि आर्थिक प्रगति जमीन पर नहीं दिख रही है।
मोदी के मन की बात, पानी से बढ़े जीडीपी

मोदी के मन की बात, पानी से बढ़े जीडीपी

देश के कई राज्यों के जल संकट से जूझने का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज कहा कि पानी के संबंध में संवेदनशीलता जरूरी है क्योंकि शुद्ध पीने का पानी जीडीपी वृद्धि का कारण बन जाता है और इस दृष्टि से वर्षा का पानी, गांव का पानी, गांव में रोकने के लिए सामूहिक प्रयत्न करने की जरूरत है।
हिंदी नहीं अंग्रेजी नाम का संक्षिप्त स्वरुप है नीति आयोग

हिंदी नहीं अंग्रेजी नाम का संक्षिप्त स्वरुप है नीति आयोग

योजना आयोग के स्थान पर बनी नई संस्था नीति आयोग दरअसल हिन्दी नहीं बल्कि इसके अंग्रेजी नाम नेशनल इंस्टीट्यूट फार ट्रांसफार्मिंग इंडिया का संक्षिप्त स्वरूप है। नीति अंग्रेजी वर्णों का प्रतिनिधित्व करता है।
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