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Search Result : "जीने की जिद"

ट्रैप्ड : जीने की अदम्य जिजीविषा

ट्रैप्ड : जीने की अदम्य जिजीविषा

ट्रैप्ड हिंदी सिनेमा के लिए नई तरह की फिल्म है। विक्रमादित्य मोटवानी कुशल निर्देशकों की कतार में शामिल हैं। इस बार बिना गाने, कम संवाद और लगभग तामझाम वीहिन एक प्रयोगधर्मी फिल्म उनके खाते में है।
दो बेगमों की जिद ने बांग्‍लोदश में खड़े किए मुश्किल हालात

दो बेगमों की जिद ने बांग्‍लोदश में खड़े किए मुश्किल हालात

बांग्‍लोदश के जन्‍म के समय कई लोगोें ने पाकिस्‍तान की मंशा का विरोध किया था। बांग्‍लादेश में 30 फीसदी अल्‍पसंख्‍यक हैं, जिन्‍हाेंने पाकिस्‍तान का साथ दिया था। इनमें सेना, पुलिस, नागरिक सेवक, इस्‍लामिक समूह जैसे जमात-ए-इस्‍लामी आदि शामिल थे। बांग्‍लोदश नेशनलिस्‍ट पार्टी की खालिदा जिया भी पाकिस्‍तान के पक्ष में हैं। प्रधानमंत्री और अवामी लीग की अध्‍यक्ष शेख हसीना का भारत की तरफ झुकाव है। हसीना भावुक हैं और कठोर फैसले नहीं ले पाती हैं। इन दोनों बेगमों की विचारधारा और कार्य करने का जो अंतर है, उसी में बांग्‍लादेश फंस गया है।
एक जिद, एक आयोजन

एक जिद, एक आयोजन

यदि फिल्मों का खुमार है तो रंगमंच की दीवानगी भी कुछ कम नहीं है। कुछ तो खास है मंच के इन किरदारों में कि दर्शक बेसब्री से चले आते हैं और इंतजार करते हैं, यवनिका के उठने का।
राजस्थान के थार में प्रकृति बचाने की जिद

राजस्थान के थार में प्रकृति बचाने की जिद

भारत समेत पूरी दुनिया में कुएं, तालाब,बावड़ियां सूख रही हैं,नदियां सिकुड़ रही हैं, जंगल काटे जा रहे हैं और वन्य जीव लुप्त हो रहे हैं। एक ओर प्रकृति बचाने के लिए विश्व स्तर पर सेमिनार आयोजित हो रहे हैं वहीं दूसरी ओर पश्चिमी राजस्थान (थार) के कुछ इलाकों में बिश्नोई समुदाय के लोगों का जीवन प्रकृति को जिंदा रखने की नायाब मिसाल है। कुछ दिन इन लोगों के बीच रहकर करीब से इनकी जिंदगी देखने का मौका मिला।
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